एक-दूसरे को दी गई शुभकामनाएं
जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी विजयादशमी के अवसर पर एक-दूसरे को पर्व की शुभकामनाएं दी गई। ए
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : विजयादशमी के अवसर पर एक-दूसरे को पर्व की शुभकामनाएं दी गई। एक-दूसरे को गले लगकर पर्व की बधाई दी गई। इस दौरान घरों में विशेष रौनक नजर आई। एक-दूसरे को घरों में शुभकामनाएं देने पहुंचे। कोई मिठाई के साथ तो कोई उपहार लेकर पहुंचा। वहीं मोबाइल पर भी बधाई देने वालों का सिलसिला जारी रहा। सुबह से ही मोबाइल की घंटी घनघनाने लगी थी। ऐसे में सारे दिन शुभकामना संदेश देने का सिलसिला जारी रहा। पर्व को लेकर चारों ओर खुशी ही खुशी नजर आ रही थी। इस मौके नई-नई पोशाक में सजी-धजी महिलाएं बेहद खुबसूरत लग रही थी। वहीं पुरुष चोला-पाजामा पहने हुए थे। शनिवार को भी शुभकामना देने का सिलसिला जारी रहा। इसके अलावा कई क्लब में विजयादशमी मिलन उत्सव का आयोजन किया गया।
उल्लेखनीय है कि विजयादशमी के दिन राम ने रावण का वध किया था। ये पर्व बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है। इसलिए विजयादशमी पर जगह-जगह पर रावण का पुतला जलाया जाता है। ---------------- जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : विजयादशमी के अवसर पर एक-दूसरे को पर्व की शुभकामनाएं दी गई। एक-दूसरे को गले लगकर पर्व की बधाई दी गई। इस दौरान घरों में विशेष रौनक नजर आई। एक-दूसरे को घरों में शुभकामनाएं देने पहुंचे। कोई मिठाई के साथ तो कोई उपहार लेकर पहुंचा। वहीं मोबाइल पर भी बधाई देने वालों का सिलसिला जारी रहा। सुबह से ही मोबाइल की घंटी घनघनाने लगी थी। ऐसे में सारे दिन शुभकामना संदेश देने का सिलसिला जारी रहा। पर्व को लेकर चारों ओर खुशी ही खुशी नजर आ रही थी। इस मौके नई-नई पोशाक में सजी-धजी महिलाएं बेहद खुबसूरत लग रही थी। वहीं पुरुष चोला-पाजामा पहने हुए थे। शनिवार को भी शुभकामना देने का सिलसिला जारी रहा। इसके अलावा कई क्लब में विजयादशमी मिलन उत्सव का आयोजन किया गया।
उल्लेखनीय है कि विजयादशमी के दिन राम ने रावण का वध किया था। ये पर्व बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है। इसलिए विजयादशमी पर जगह-जगह पर रावण का पुतला जलाया जाता है।