लोक गीतों के साथ तुलसी विवाह संपन्न

जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी देवउठनी एकादशी के मौके पर तुलसी विवाह किया गया। लाल रंग क

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 06:57 PM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 06:57 PM (IST)
लोक गीतों के साथ तुलसी विवाह संपन्न
लोक गीतों के साथ तुलसी विवाह संपन्न

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : देवउठनी एकादशी के मौके पर तुलसी विवाह किया गया। लाल रंग की चुनरी ओढ़ाकर तुलसी जी का श्रृंगार किया गया। शालिग्राम के साथ तुलसी विवाह रचाया गया। बहुत ही खूबसूरती के साथ मंडप सजाया गया था। लोक गीतों गाए गए। रीति-रिवाजों का पालन पूरी आस्था के साथ किया गया। तुलसी विवाह करने के लिए पंडित जी की बुकिंग महीने भर पहले कर ली गई थी। तुलसी विवाह में दिए गए गहने, कपड़े सहित अन्य कई प्रकार की सामग्रियों को पंडितजी को दान में दी गई। दोस्त, रिश्तेदारों सहित आसपड़ोस के लोगों को आमंत्रित किया गया। इस बारे में श्रद्धालुओं का कहना था कि तुलसी विवाह कर दिल को सुकून मिलता है। ये हमारी परंपरा है। साथ ही इसके साथ कई तथ्य जुड़े हुए हैं। हमारी भावी पीढ़ी इस बारे में जान सके और वे भी समझ सके कि तुलसी विवाह क्यों किया जाता है। इस तरह से तुलसी विवाह करने का प्रमुख लक्ष्य यही है। इसके माध्यम से प्रकृति को पूजने का मौका भी मिलता है। ऐसे तुलसी के रूप में ऐसे पौधे की पूजा की जाती है जो हमारे लिए हर दृष्टिकोण से सहायक है। जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है। ऐसे पौधों से पर्यावरण को संबल मिलता है। साथ ही स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। तुलसी के आसपास का वातावरण और हवा बहुत ही लाभदायक होती है इसीलिए तुलसी को घर के आंगन में लगाया जाता है। ताकि पूरे घर को शुद्ध वायु मिल सके। ऐसे में इस प्रकार के पौधों की पूजा करना हर दृष्टिकोण से लाभकारी है।

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