एनजेपी यार्ड के प्वाइंटों और क्रॉसिंग की हुई चेकिंग
-लॉकडाउन में ट्रेन सेवा बंद होने का किया सदुपयोग -बड़े पैमाने पर शुरू की गई पटरियों
-लॉकडाउन में ट्रेन सेवा बंद होने का किया सदुपयोग
-बड़े पैमाने पर शुरू की गई पटरियों की देख रेख
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : कोविड-19 के फैलने से उत्पन्न परिस्थिति के मद्देनजर ट्रेन सेवा स्थगित रहने से पूर्वोत्तर सीमा रेल में यात्री वाही ट्रेनों की आवाजाही प्रथम तीन महीने काफी कम रही। इस परिस्थिति का लाभ उठाते हुए एन एफ रेलवे ने ट्रेन के परिचालन की सुरक्षा में वृद्धि करने के लिए महत्वपूर्ण रखरखाव एवं सुधार कार्य सम्पन्न किया। ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन के दो महत्वपूर्ण तंत्र हैं। इनमें पटरी का हाल तथा जिस पर पटरी बिछी हुई है उसकी नींव की बेहतर दशा होना जरूरी है। पटरी स्लीपरों पर बिछी होती है तथा नींव को बैलास्ट के नाम से ज्ञात छोटे पत्थरों से मजबूती प्रदान किया जाता है। पटरी के दरार जैसी खराबियों के लिए जाच की जरूरत होती है। तदुपरात समय-समय पर उसका बदलाव किया जाता है। बैलास्ट की मात्रा तथा गुणवत्ता भी काफी महत्वपूर्ण है। इसके समय-समय पर बदलाव तथा पटरी के नीचे भरने की जरूरत पड़ती है। पूर्वोत्तर सीमा रेलवे के सीपीआरओ शुभानन चंदा ने बताया है कि पिछले वर्ष कुल 106 किमी पटरी का बदलाव किया गया तथा एनएफ रेलवे के सभी पाच मंडलों में रेलों के बदलाव के लिए इस लॉकडाउन अवधि का व्यापक रूप से सदुपयोग किया गया। इस वर्ष 380 किमी पटरी के बदलाव की योजना है। पटरियों की खराबी का पता लगाने के लिए अल्ट्रा-साउंड फॉल्ट डिटेक्शन (यूएसएफडी) टेस्टिंग का इस्तेमाल किया गया तथा लॉकडाउन अवधि के दौरान कई सौ वेल्डेड पटरी के ज्वाइंटों की जाच की गई। न्यू जलपाईगुड़ी, न्यू बोंगाईगांव तथा गुवाहाटी यार्डो की सभी प्वाइंटों तथा क्रॉसिंगों की देखरेख के लिए विशेष अभियान चलाया गया।