बदल गया टी का मतलब,अब टी फॉर ट्रैफिक जाम

-बढ़ती जनसंख्या के साथ ही बढ़ रही है गाड़ियों की संख्या -शहर में ना ठोस प्लानिंग और ना

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 06:10 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 06:10 PM (IST)
बदल गया टी का मतलब,अब टी फॉर ट्रैफिक जाम
बदल गया टी का मतलब,अब टी फॉर ट्रैफिक जाम

-बढ़ती जनसंख्या के साथ ही बढ़ रही है गाड़ियों की संख्या

-शहर में ना ठोस प्लानिंग और ना ही सही पार्किंग

-अवैध टोटो ने जिंदगी को और किया दूभर

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : पूर्वोत्तर का प्रवेश द्वार है सिलीगुड़ी शहर। यहां पहले चार टी को लेकर बातें होती थी। पहला ट्री, टी, ट्रांसपोर्ट और टूरिज्म। बीते समय में बढ़ती आबादी के साथ इन सभी बातों को भुला दिया गया है। नेता, व्यापारी, छात्र या फिर अधिकारी सबके लिए टी का अर्थ है ट्रैफिक जाम। यातायात समस्या से पिछली सरकार हो या वर्तमान सरकार सभी को दो-चार होना पड़ रहा है। यहां जिस प्रकार जनसंख्या बढ़ रही है उसी प्रकार यहां वाहनों की संख्या में भी लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। समस्या का समाधान नहीं मिल रहा है। आंकड़ों की मानें तो देश में सर्वाधिक 48 फीसद की दर से इस शहर की जनसंख्या वृद्धि हो रही है। हद तो यह है कि यहां सालाना 250 फीसद की दर से वाहनों की बढ़ोत्तरी हो रही है। इसके बावजूद बर्दमान रोड, सेवक रोड, हिलकार्ट रोड, विधान रोड, एनएच 10 और दार्जिलिंग मोड़ पर अतिक्रमण का हाल बेहाल है। नगर निगम की ओर से पार्किंग व्यवस्था के तौर पर सड़कों पर ही पार्किंग का लाइसेंस दिया गया है। इससे सड़कें संकरी हो गयी है। शहर में आटो के अलावा दस से 15 हजार अवैध रिक्शा और इतने ही टोटो का परिचालन हो रहा है। इसके अलावा 20 हजार से अधिक वाहनों का प्रवेश अंतरराष्ट्रीय और राज्य की सीमाओं से होता है। यहीं कारण है कि यहां दुर्घटनाओं पर लगाम लगा पाना मुश्किल हो रहा है। वर्ष में जहां छोटी बड़ी दुर्घटनाओं की संख्या 640 है उसमें घायलों की संख्या 278 होती है। मृतकों की संख्या 115 है। ऐसे में शहर में नो-एंट्री के नियम बेमानी साबित हो रहे हैं। दार्जिलिंग मोड़ हो या दो माइल चेकपोस्ट,हर जगह नो एंट्री के नियमों की अनदेखी की जा रही है। यहां से होकर ट्रकों का गुजरना इस बात का गवाह है कि जिले में यातायात पुलिस कितनी सक्रिय है। यही वजह है कि हादसों का सिलसिला जारी है। नियमों का पालन कराने को कोई विशेष अभियान नहीं चलाया जाता।

कुछ ऐसा हो तो बचे लोगों की जान

1.सड़कें चौड़ीकरण पर दिया जाए जोर

2.नयी वैकल्पिक सड़कों का हो निर्माण

3. फुटपाथ अतिक्रमण मुक्त हो और पर्याप्त पार्किंग जोन सृजित हो

4. रिक्शा, ठेलों और टोटो के अवैध परिचालन पर लगे रोक

5. ट्रैफिक पुलिस को संसाधन संपन्न बनाया जाए

6.आधारभूत संरचनात्मक विकास तेज हो

7. ट्रैफिक पुलिस द्वारा निर्धारित यातायात नियमों का हर हाल में हो पालन

औपचारिक होते हैं अभियान

शहर के यातायात को सुगम बनाने के लिए विभिन्न स्तरों पर जो भी अभियान है,वह बस औपचारिकता बनकर रह जाती है। राज्य के वर्तमान पर्यटन मंत्री गौतम देव स्वयं भी सड़क पर उतरकर अतिक्रमण से शहर को मुक्त कराने की कवायद कर चुके हैं,लेकिन विफल रहे। शहर में कहीं भी ऐसी पर्याप्त जगह नहीं है जहां पार्किंग क्षेत्र को विकसित किया जा सके।

ठंडे बस्ते में पार्किंग की योजना

कई वर्षो पहले कंचनजंघा स्टेडियम मेला ग्राउंड और महानंदा ब्रिज के नीचे की जमीन को पार्किंग के लिए चिन्हित किया गया था। लेकिन उसकी गूंज ही सुनाई पड़कर थम गयी। समस्या ज्यों की त्यों है। इन दिनों राज्य सरकार और नगर निगम में समस्याओं के समाधान के लिए नहीं बल्कि अधिकार की लड़ाई हो रही है। अधिकाश सड़कों पर निजी वाहनों का कब्जा है। संचालकों की पकड़ के कारण चालक व परिचालक सरकारी नियमों को कुछ नहीं समझते।

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पार्किंग की अव्यवस्था को लेकर सुगम यातायात व्यवस्था हो इसके लिए ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम के सदस्यों की एक कमेटी बनायी जा रही है। अवैध पार्किंग और अतिक्रमण की शिकायत और सुझाव मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

- कमल अग्रवाल, सदस्य,नगर निगम प्रशासनिक बोर्ड

----------------- शहर में टै्रफिक सिस्टम के लिए समस्याएं क्या-क्या है, यह सभी जानते हैं। समस्या समाधान की दिशा में कामकाज हो रहा है। सीमित संसाधनों में भी अच्छा परिणाम देने का प्रयास हो रहा है। इसमें पुलिस, स्थानीय प्रशासन, यातायात पुलिस, राजनीति दलों के प्रतिनिधियों समेत जनता की भागीदारी जरुरी है। इसके लिए किसी एक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।

- त्रिपुरारी अर्थव, पुलिस कमिश्नर,सिलीगुड़ी

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ट्रैफिक मामले के निपटारे के लिए यातायात पुलिस ट्रिपल इ पर जोर दे रही है। ये तीन ई है एजुकेशन, इंजीनियरिग और एंफोर्समेंट। इसे सही प्रकार से लागू होने पर जाम के साथ दुर्घटनाओं पर रोक लगाने में सफलता मिलेगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से सेफ ड्राइव,सेव लाइप का नारा दिया गया है। इसके तहत भी बिना हेलमेट के पेट्रोल पंप पर पेट्रोल नहीं दिया जा रहा है।

- अनुपम सिंह,एडीसीपी,यातायात पुलिस, सिलीगुड़ी

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सिलीगुड़ी जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण की ओर से शहर में जाम की समस्या दूर करने के लिए कदम उठाए जा रहे है। विधान मार्केट में बहुमंजिला पार्किंग बनाने की योजना पारित की गयी है। इसको लेकर आगे भी काम किया जाएगा। यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए भी जो भी मदद चाहिए एसजेडीए देने को तैयार है।

- नांटू पाल, डिप्टी चेयरमैन, एसजेडीए

------------- राज्य सरकार और जिला प्रशासन में इच्छा शक्ति की कमी है। जाम की समस्या और यातायात की खराब व्यवस्था को लेकर लोकसभा चुनाव के समय ही आम लोगों की शिकायत थी। इसको लेकर केंद्रीय मंत्री से बातकर दार्जिलिंग मोड़ समेत कई प्रमुख मार्गो पर फोर लेन बनाने का प्रस्ताव पारित भी कराया। राज्य के मंत्री गौतम देव इसमें बाधा उत्पन्न कर इस कार्य को आगे नहीं बढ़ने दे रहे है।

- राजू बिष्ट, सांसद सह भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता

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