चाय श्रमिकों की मजदूरी में 26 रुपये की बढ़ोत्तरी

-सत्ता समर्थक ट्रेड यूनियन ने किया स्वागत विपक्षी ट्रेड यूनियन नेताओं ने कहा मजदूरों के साथ्

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 12:37 PM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 07:44 PM (IST)
चाय श्रमिकों की  मजदूरी में 26 रुपये की बढ़ोत्तरी
चाय श्रमिकों की मजदूरी में 26 रुपये की बढ़ोत्तरी

-स्टाफ और सब स्टाफ की सैलरी भी 15 फीसद बढ़ेगी

-न्यूनतम मजदूरी तय करने पर अभी भी फैसला नहीं

- सत्ता समर्थक श्रमिक यूनियन ने किया फैसले का स्वागत

- विपक्षी ट्रेड यूनियन नेताओं ने कहा मजदूरों के साथ ठगी जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : वर्ष 2016 से उत्तर बंगाल के चाय श्रमिक जिस न्यूनतम मजदूरी को लेकर संघर्ष कर रहे हैं वह आजतक पूरा नहीं हो पाया है। राज्य विधानसभा चुनाव के पहले मजदूरों को उम्मीद थी कि इसका हल राज्य सरकार निकालकर मजदूरों को प्रसन्न करेगी। ऐसा नहीं हो पाया है। बुधवार को देर रात तक चली बैठक के बाद राज्य के श्रममंत्री मलय घटक ने श्रमिकों की मजदूरी में 26 रुपये की बढ़ोत्तरी की है। अब मजदूरों को प्रतिदिन 202 रुपये की मजदूरी मिलेगी। जहां तक स्टाफ और सब स्टाफ की बात है तो उनके वेतन में 15 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गयी है। इस घोषणा से जहां एक ओर सत्ता पक्ष के ट्रेड यूनियन नेताओं में काफी खुशी हैं वही विरोधी दलों के ट्रेड यूनियन नेता इसको लेकर संतुष्ट नहीं हैं। सीटू नेता समन पाठक व गौतम घोष ने कहा कि यह चुनावी लॉलीपॉप है। सरकार ने श्रमिकों को रिझाने के लिए एक जाल फेंका है। सरकार अगर मजदूरों की इतनी ही हितैषी है तो वह तुरंत न्यूनतम मजदूरी क्यों नहीं लागू करती है। इंटक के राष्ट्रीय महासचिव आलोक चक्रवर्ती का कहना है कि वे इस बढ़ोत्तरी का विरोध नहीं करते है,परंतु इसका समर्थन भी नहीं करते हैं। आज महंगाई के इस युग में 26 रुपये की बढ़ोत्तरी कर सरकार मजदूरों के साथ कैसे इंसाफ कर सकती है। जब से सरकार सत्ता में आयी है तब से मजदूरों को लेकर गंभीर नहीं है। न्यूनतम मजदूरी को लेकर हमारा आंदोलन पहले भी चल रहा था और आगे भी चलता रहेगा।

तृणमूल कांग्रेस की ओर से मंत्री मलय घटक ने कहा कि वाममोर्चा के शासनकाल में मजदूरों को कितनी मजदूरी मिलता था और आज 10 वर्षो में उन्हें कितनी मजदूरी मिल रही है,इसकी भी चर्चा होनी चाहिए। राज्य सरकार मजदूरों के हित में लगातार कदम उठा रही है। सरकार न्यूनतम मजदूरी भी आने वाले दिनों में लागू करेगी।

दूसरी ओर इस बढ़ोत्तरी से चाय श्रमिकों में खुशी देखी जा रही है। हांलाकि भाजपा के सांसद व राष्ट्रीय प्रवक्ता राजू बिष्ट ने कहा कि भाजपा यह बात जानती है कि मजदूरी में यह वृद्धि सिर्फ मजदूरों को झांसा देने की सरकार की एक चाल मात्र है। भाजपा के सत्ता में आते ही मजदूरों को 350 रुपये नगद मजदूरी मिलना तय है। केंद्र की सरकार ने मजदूरी नियमों को लेकर चार कानून बनाए हैं। इसके तहत मजदूरों को ना सिर्फ न्यूनतम मजदूरी मिलेगी, बल्कि स्वास्थ्य समेत अन्य सुविधाएं भी मिलनी शुरू हो जाएगी।

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