कॉर्पोरेट हटाओ, कृषि बचाओ का दिया नारा
-एसयूसीआई ने शहर में किया विरोध प्रदर्शन जलाई नए कृषि कानून की प्रतिलिपि जागरण संवाददाता
-एसयूसीआई ने शहर में किया विरोध प्रदर्शन, जलाई नए कृषि कानून की प्रतिलिपि जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : विश्व पर्यावरण दिवस को सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (एसयूसीआई-कम्युनिस्ट) की ओर कॉर्पोरेट हटाओ, कृषि बचाओ दिवस के रूप में मनाया गया। इसके तहत एसयूसीआई की दाíजलिंग जिला कमेटी के बैनर तले सदस्य समर्थक कोर्ट मोड़ पर एकत्रित हुए और विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान नए कृषि कानूनों की प्रतिलिपि जलाते हुए अविलंब उन्हें रद्द किए जाने की माग की। इसके साथ ही कॉर्पोरेट हटाओ, देश बचाओ का नारा दिया।इस अवसर पर एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) की दाíजलिंग जिला कमेटी के सचिव गौतम भट्टाचार्य ने कहा कि दिल्ली में किसानों का आदोलन जारी है और उस आदोलन को हमारा पूरा समर्थन है। हमारी माग है कि केंद्र सरकार अविलंब नए कृषि कानूनों को रद्द करे। किसान विरोधी नए कृषि विधेयकों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। नए कृषि विधेयकों में मोदी सरकार ने किसानों की फसलों के विक्रय के न्यूनतम समर्थन मूल्य की अनिवार्यता के प्रावधान को समाप्त कर दिया है। इस नए बदलाव का सीधा फायदा पूंजीपति उठाएंगे। चूंकि न्यूनतम समर्थन मूल्य की अनिवार्यता ही नहीं रही इसलिए पूंजीपति अपनी मर्जी चलाएंगे और किसानों से उनकी फसल औने-पौने दामों में खरीदेंगे। वहीं, अनाज, दलहन व तिलहन आदि को अतिआवश्यक सामग्री की सूची से हटा दिया गया है। अत: अब अनाज, दलहन व तिलहन की जमाखोरी कानूनन अपराध नहीं होगी। इसका सीधा फायदा पूंजीपति उठाएंगे। वे मनमाने तरीके से जमाखोरी कर बाजारों में अनाज, दलहन व तिलहन का कृत्रिम संकट उत्पन्न कर देंगे। उसके बाद अपने जमा अनाज, दलहन व तिलहन को बाजार में मनमाने दामों में बेचेंगे और अनियंत्रित मुनाफे की चादी पीटेंगे। इसीलिए हमारी माग है कि ऐसे काले कानूनों को अविलंब समाप्त किया जाए। अन्यथा, हम लोग और भी जोरदार आदोलन करने को बाध्य होंगे।