सिक्किम-भूटान सीमा पर तीन नई चौकियों की स्थापना करेगा एसएसबी
एसएसबी सिलीगुड़ी फ्रंटियर के आइजी श्रीकुमार बंदोपाध्याय ने बताया कि एसएसबी के गंगटोक सेक्टर में सिक्किम में भारत-भूटान सीमावर्ती क्षेत्र में तीन सीमा चौकियां स्थापित की जा रही हैं।
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। एसएसबी सिलीगुड़ी फ्रंटियर के आइजी श्रीकुमार बंदोपाध्याय ने बताया कि सशस्त्र सीमा बल के गंगटोक सेक्टर अंतर्गत सिक्किम में भारत-भूटान सीमावर्ती क्षेत्र में तीन नई सीमा चौकियां स्थापित की जा रही हैं। इनका निर्माण एक महीने के अंदर शुरू हो जाएगा। वे बुधवार को फ्रंटियर मुख्यालय में संवाददाताओं से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि एसएसबी सिलीगुड़ी फ्रंटियर अंतर्गत तीन सेक्टर मुख्यालय 12 वाहिनी हैं। इनमें छह वाहिनियां भारत-नेपाल सीमा की निगरानी करती हैं, जबकि पांच भारत-भूटान सीमा की निगरानी में लगाई गई हैं। एक वाहिनी रिजर्व में रखा गई है, जो कोलकाता के बारासात में स्थापित है। आइजी ने बताया कि फिलहाल सिलीगुड़ी फ्रंटियर के अंतर्गत 157 सीमा चौकियां हैं। नौ नई सीमा चौकियां तैयार करनी हैं। इनमें भारत-भूटान सीमावर्ती क्षेत्र में तीन सीमा चौकियों पर जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। भारत-नेपाल सीमा पर तैयार होने वाली छह सीमा चौकियों के निर्माण में जमीन को लेकर वन विभाग के एनओसी को लेकर मामला रुका हुआ है।
एसएसबी सिलीगुड़ी फ्रंटियर के भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र पानीटंकी व भारत-भूटान सीमावर्ती क्षेत्र जयगांव में इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट तैयार किए जाने के निर्णय के दो वर्ष बाद भी इस पर काम शुरू नहीं हो पाने के बारे में आइजी बंदोपाध्याय ने कहा कि इसे दूसरी संस्था द्वारा तैयार करना है। एसएसबी का जिम्मा सुरक्षा मुहैया कराना है। हालांकि एसएसबी सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार यहां भी जमीन समस्या के चलते इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट के लिए काम शुरू नहीं हो पा रहा है।
बताया गया कि इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट तैयार हो जाने से कस्टम, इमीग्रेशन, एसएसबी व स्थानीय पुलिस से लेकर अन्य विभाग के कार्यालय एक ही जगह होंगे, जिससे आपस में बेहतर तालमेल होगा तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा से आवागमन करने वालों की जांच करने में सुविधा होगी।
उल्लेखनीय है जून 2016 में एसएसबी सिलीगुड़ी फ्रंटियर के दौरे पर आई एसएसबी की तत्कालीन डीजी अर्चना रामासुंदरम ने भी कहा था कि पश्चिम बंगाल में एसएसबी सिलीगुड़ी फ्रंटियर के तहत भारत-नेपाल सीमवर्ती क्षेत्र पानीटंकी बीओपी तथा भारत-भूटान सीमावर्ती क्षेत्र जयगांव में इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट तैयार किए जाएंगे। बता दें कि सिक्किम में भारत-भूटान बार्डर डोकलाम के निकट सात किलोमीटर तक की निगरानी सेना करती है। इसके बाद भारत-भूटान सीमा क्षेत्र की निगरानी की जिम्मेदारी एसएसबी की है।
उन्होंने कहा कि एसएसबी सिलीगुड़ी फ्रंटियर अंतर्गत तीन सेक्टर मुख्यालय 12 वाहिनी हैं। इनमें छह वाहिनियां भारत-नेपाल सीमा की निगरानी करती हैं, जबकि पांच भारत-भूटान सीमा की निगरानी में लगाई गई हैं। एक वाहिनी रिजर्व में रखा गई है, जो कोलकाता के बारासात में स्थापित है। आइजी ने बताया कि फिलहाल सिलीगुड़ी फ्रंटियर के अंतर्गत 157 सीमा चौकियां हैं। नौ नई सीमा चौकियां तैयार करनी हैं। इनमें भारत-भूटान सीमावर्ती क्षेत्र में तीन सीमा चौकियों पर जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। भारत-नेपाल सीमा पर तैयार होने वाली छह सीमा चौकियों के निर्माण में जमीन को लेकर वन विभाग के एनओसी को लेकर मामला रुका हुआ है।
एसएसबी सिलीगुड़ी फ्रंटियर के भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र पानीटंकी व भारत-भूटान सीमावर्ती क्षेत्र जयगांव में इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट तैयार किए जाने के निर्णय के दो वर्ष बाद भी इस पर काम शुरू नहीं हो पाने के बारे में आइजी बंदोपाध्याय ने कहा कि इसे दूसरी संस्था द्वारा तैयार करना है। एसएसबी का जिम्मा सुरक्षा मुहैया कराना है। हालांकि एसएसबी सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार यहां भी जमीन समस्या के चलते इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट के लिए काम शुरू नहीं हो पा रहा है।
बताया गया कि इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट तैयार हो जाने से कस्टम, इमीग्रेशन, एसएसबी व स्थानीय पुलिस से लेकर अन्य विभाग के कार्यालय एक ही जगह होंगे, जिससे आपस में बेहतर तालमेल होगा तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा से आवागमन करने वालों की जांच करने में सुविधा होगी।
उल्लेखनीय है जून 2016 में एसएसबी सिलीगुड़ी फ्रंटियर के दौरे पर आई एसएसबी की तत्कालीन डीजी अर्चना रामासुंदरम ने भी कहा था कि पश्चिम बंगाल में एसएसबी सिलीगुड़ी फ्रंटियर के तहत भारत-नेपाल सीमवर्ती क्षेत्र पानीटंकी बीओपी तथा भारत-भूटान सीमावर्ती क्षेत्र जयगांव में इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट तैयार किए जाएंगे। बता दें कि सिक्किम में भारत-भूटान बार्डर डोकलाम के निकट सात किलोमीटर तक की निगरानी सेना करती है। इसके बाद भारत-भूटान सीमा क्षेत्र की निगरानी की जिम्मेदारी एसएसबी की है।