कुकुरमुत्ते की तरह उग आए लैब और फर्जीवाड़ा पर नकले कसने को एप्प की तैयारी

सिलीगुड़ी शहर में चिकित्सकीय जांच में खुब हो रहा फर्जीवाड़ा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 12:15 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 12:15 AM (IST)
कुकुरमुत्ते की तरह उग आए लैब और फर्जीवाड़ा पर नकले कसने को एप्प की तैयारी
कुकुरमुत्ते की तरह उग आए लैब और फर्जीवाड़ा पर नकले कसने को एप्प की तैयारी

मोहन झा, सिलीगुड़ी : नब्ज पकड़कर बीमारी का इलाज अब कहां? बल्कि वर्तमान में तो डॉक्टर दवाई से पहले जांच की सूची बनाते हैं। और इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर मरीज का इलाज होता है। लेकिन कोरोना के इस दौर में फर्जी जांच रिपोर्ट थमाकर ठगी का धंधा धरल्ले से हो रहा है। बल्कि सिलीगुड़ी शहर में कुकुरमुत्ते की तरह डायगनॉस्टिक सेंटर छा गया है। जिसमें कई फर्जी लैब भी हैं। इस फर्जीवाड़े को समाप्त करने और मरीजों की सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस प्रशासन की सलाह पर एसोसिएशन ऑफ लेबोरेटरी कंसलटेंट ऑफ नॉर्थ बंगाल (एलकॉन) एप तैयार कर रही है।

फैशन व खाना मंगाने के लिए कई एप उपलब्ध हैं। फैशन के सामान व खाने का व्यंजन का ऑर्डर करते ही ग्राहक के मोबाइल नंबर पर ओटीपी और उनकी मांग से संबंधित एक मैसेज एप प्रबंधन की ओर से भेज दिया जाता है। बल्कि सामान पहुंचाने वाले डिलीवरी ब्यॉय का नाम व फोन नंबर भी ग्राहक को उपलब्ध कराया जाता है। मरीजों की पैथालॉजी जांच के लिए घर से नमूना संग्रह कराने की सुविधा के साथ एलकॉन एक एप तैयार करने में जुटी है। जांच के लिए घर से नमूना संग्रह की सुविधा के लिए मरीज व उनके परिवार सदस्य घर बैठे एप्प पर आवेदन करेगें। इस एप्प में रजिस्टर्ड लैब की तालिका के साथ विभिन्न प्रकार की जांच के नाम के साथ फीस भी सूचीबद्ध होगी। ग्राहक अपने इच्छानुसार लैब का चयन कर सकते हैं। बल्कि नमूना संग्रह के लिए घर जाने वाले लैब कर्मचारी का नाम और मोबाइल नंबर मरीज व उनके परिवार को उपलब्ध करा दिया जाएगा। इस एप्प से जांच में फर्जीवाड़ा और लूट दोनों पर नकेल कसने में काफी हद तक सफलता मिलेगी। वहीं दूसरी तरफ कई फर्जी लैब का भी खुलासा हुआ है। जानकारी के मुताबिक सिलीगुड़ी शहर व आस-पास के इलाकों के गली-मोहल्लों कुकुरमुत्ते की तरह डायगनॉस्टिक सेंटर उग आए हैं। कौन सा लैब कानूनी मानदंडों को पूरा कर प्राप्त लाइसेंस के आधार पर खोला गया और कौन बिना लाइसेंस के, इसका पहचान काफी मुश्किल है।

इस संबंध में उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के डीन ऑफ स्टूटेंड अफेयर्स सह इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सचिव व एलकॉन के सदस्य डॉ. संदीप सेनगुप्ता ने बताया कि सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नर के साथ विचार-विमर्श के बाद फैशन व खाना मंगाने वाले विभिन्न एप्प के तर्ज पर जांच के लिए घर से ही नमूना संग्रह कराने के लिए एक एप्प तैयार करने की प्रक्रिया शुरु की गई है। इसमें कुछ समय लगेगा। एप्प को तैयार करने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से रजिस्टर्ड लैब की सूची तैयार किया जा रहा है। एस एप्प के माध्यम से मरीज या उनका परिवार घर बैठे जांच के लिए सीधे लैब से संपर्क कर सकता है। बल्कि नमूना संग्रह के लिए उनके घर कौन व्यक्ति आएगा, उसकी जानकारी भी पहले से होगी। बल्कि रजिस्टर्ड लैब की सूची प्रकासित होने से कुकुरमुत्ते की तरह उग आए फर्जी लैब की पहचान कर उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाई में मदद मिलेगी।

यहां बताते चलें कि बीते पंद्रह दिनों में फर्जी जांच रिपोर्ट थमाकर ठगी करने का दो मामला सिलीगुड़ी में सामने आया है। इन दो मामलों में दो लोगों को सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है। फर्जी जांच रिपोर्ट के साथ एक फर्जी लैब भी सामने आया है। इन मामलों के सामने आने से चिकित्सा के साथ पुलिस प्रशासन में भी खलबली मची हुई है। आरोपितों से पूछताछ कर पुलिस फर्जी जांच रिपोर्ट मुहैया करा कर ठगी करने वाले पूरे गिरोह की जड़े कुरेदने में जुटी हुई है। सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के डीसीपी (पश्चिम) कुंवर भूषण सिंह ने बताया कि फर्जीवाड़ा से बचने के लिए लोगों को भी जागरुक होने की जरुरत है। इन दोनों मामलों में सामने आए तथ्यों के मुताबिक मरीज या उनका परिवार जांच के लिए नमूना संग्रह करने वाले को फोन कर बुलाता है। जबकि नियमानुसार संबंधित लैब को फोन करना चाहिए। फर्जी जांच रिपोर्ट से कितने मरीजों का गलत इलाज हो रहा था या हो रहा है? बल्कि गलत जांच रिपोर्ट के आधार पर गलत इलाज के वजह से कितनों की जाने गई हैं, इसकी भी तफ्तीस पुलिस कर रही है।

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