लोभ इतना कि पार्किंग की जमीन पर ही स्टाल निर्माण शुरू

-हाईकोर्ट में जमा नक्शे की भी किसी को परवाह नहीं -कंट्री प्लानिंग एक्ट की उड़ रही है धि

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 09:17 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 09:17 PM (IST)
लोभ इतना कि पार्किंग की जमीन पर ही स्टाल निर्माण शुरू
लोभ इतना कि पार्किंग की जमीन पर ही स्टाल निर्माण शुरू

-हाईकोर्ट में जमा नक्शे की भी किसी को परवाह नहीं

-कंट्री प्लानिंग एक्ट की उड़ रही है धज्जियां

-गाड़ियों की पार्किंग में होगी बड़ी समस्या

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स्टाल बनाने की मिली है मंजूरी

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स्टाल को हो रहा है निर्माण

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सौ वर्गफीट का स्थान हुआ आवंटित

सुपर मार्केट में सुपर घोटाला-2 मोहन झा, सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट इन दिनों कुछ लोगों के लिए बहुत मोटी कमाई का जरिया बन गया है। इसके लिए वे किसी भी हद तक जा रहे हैं। चाहे पार्किंग एरिया को ही क्यों ना हवा करना पड़े। जांच के क्रम में कुछ इसी तरह का मामला यहां भी सामने आया है।

कंट्री प्लानिंग एक्ट के तहत किसी भी निर्माण में वाहन पार्किग की व्यवस्था अनिवार्य है। लेकिन पूर्वोत्तर भारत में कच्चे माल की सबसे बड़ी मंडी सिलीगुड़ी रेगूलेटेड मार्केट के प्रिंसिपल यार्ड के पार्किग एरिया में भी स्टाल बनाने का काम शुरु हो गया है। बल्कि आवंटित से अधिक स्टाल निर्माण के लिए पार्किग एरिया को घेरा भी जा चुका है। जिसकी वजह से मार्केट प्रबंधन फिर से सवालों के कटघरे में खड़ा है।

सुपर मार्केट के नाम से विख्यात सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट में घोटाले का कारनामा भी सुपर से उपर है। जानकारी के मुताबिक 1983 में बने इस मार्केट में धड़ल्ले से स्टालों का निर्माण शुरु होने पर पार्किग को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ था। इतने बड़े बाजार में ट्रक व माल वाहक छोटे वाहनों के पार्किग को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में रिट पेटीशन-725/2003 के तहत मामला दाखिल किया गया है। इस पर हाईकोर्ट के निर्देशानुसार तत्कालीन सचिव सुब्रत दास ने पूरे मार्केट का नक्शा बनाकर हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कराया था। हलफनामे के साथ हाईकोर्ट में जमा कराए नक्शे के मुताबिक मार्केट के दोनों प्रवेश द्वार से सटे किसान भवन (कार्यालय) के ठीक सामने पार्किग का स्थान निर्धारित है। लेकिन फिर वर्ष 2010 में पार्किग के इसी स्थान पर 16 स्टाल निर्माण के लिए निर्देश जारी किया गया। बल्कि इच्छुक 16 व्यापारियों में प्रत्येक को स्टाल निर्माण के लिए छह सौ वर्ग फीट का स्थान आवंटित कर नक्शा भी जारी किया गया। घोषित पार्किग एरिया में स्टाल निर्माण पर आपत्ति जताते हुए मार्केट के ही कुछ व्यापारियों ने कलकत्ता हाईकोर्ट में अपील (रिट पेटीशन संख्या-24560) दाखिल कराया। विरोध करने वाले व्यापारियों के अनुसार पार्किग एरिया से होकर ही फल-सब्जी काम्पेलक्स में जाने का मुख्य मार्ग है। स्टाल बनने के बाद लोडिंग-अनलोडिंग के लिए ट्रकों के खड़े होने से फल-सब्जी काम्प्लेक्स से आवाजाही पर असर पड़ेगा। बल्कि पार्किग एरिया को समाप्त किए जाने से मंडी में जाम की समस्या और भी गहरा जाएगी। रिट पेटीशन दाखिल होते ही कलकत्ता उच्च न्यायालय की माननीय न्यायाधीश श्रीमती इंदिरा बनर्जी ने पूरे मार्केट पर स्टे ऑर्डर जारी किया। जो कि वर्ष 2015 के 8 जनवरी तक लागू रहा। वर्ष 2013 में इसी से संबंधित एक और मामला (सीएएन 1546) कलकत्ता हाईकोर्ट में दाखिल हुआ। सुनवाई की तिथि पर दोनों पक्षों की लगातार अनुपस्थित होने के कारण हाईकोर्ट ने दोनों मामलों को एक साथ खारिज कर दिया। अदालत के निर्देश से यह साफ है कि मामला मेरिट के आधार पर नहीं बल्कि दोनों पक्षों की लगातार अनुपस्थिति की वजह से खारिज हुआ।

आखिर किस तरह से बढ़ गए लाभार्थी

हाईकोर्ट में मामला खारिज होने के बाद पार्किग एरिया में स्टालों का निमार्ण कार्य शुरु करने के लिए जगह की घेराबंदी की गई। लेकिन आश्चर्यजनक बात यह कि वर्ष 2010 में 16 स्टाल आवंटित किया गया, जबकि वर्तमान में अभिषेक सोम, अर्क घोष, चंदन घोष व कंचन घोष, छवि साहा, चिन्मय दास, विजय कुमार राय, रीना दे, श्याम सुंदर कुंडू, ननि गोपाल कुंडू, मीरा साहा, शंकर साहा, तपन साहा, अजय कुमार यादव, जंगबंधु साहा, नयन तारा साहा, कुमल साहा, मेसर्स मां गायत्री और तपन दे व मनोज साहा के नाम कुल 18 स्टाल बनाने की प्रक्रिया शुरु की गई है। सबसे मजेदार बात यह है कि स्टाल निर्माण के लिए मार्केट कमेटी द्वारा 8 नवंबर 2011 को जारी स्थान आवंटन निर्देशिका में से सिर्फ तीन या चार पर ही मेमो नंबर 572 से 575 तक दर्ज है। इसमें भी मेमो नंबर 572 के तहत जारी आवंटन निर्देशिका पर तपन दे के साथ शंभू नाथ साहा का नाम दर्ज है। इस आधार पर इन 18 में से मनोज साहा समेत तीन नाम संदिग्ध दिख रहे हैं। कानूनी जानकारों की माने तो हाईकोर्ट में जमा करा नक्शे में दर्शाए पार्किग के स्थान पर स्टाल का निर्माण कराना सीधे-सीधे हाईकोर्ट की अवमानना है। क्या कहते हैं मार्केट कमेटी के सचिव

इस संबंध में सिलीगुड़ी रेगूलेटेड मार्केट के सचिव तमाल दास ने बताया कि हाईकोर्ट में मामला खारिज होने के बाद अदालत के निर्देशानुसार स्टालों का निर्माण कराया जा रहा है। 16 स्टालों के साथ दो टेम्प्रोरी स्ट्रक्चर बनाया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि बीते 18 सितंबर को राज्य के कृषि-विपणन मंत्री, विभागीय मुख्य सचिव राजेश कुमार सिन्हा व अन्य आला अधिकारियों के साथ हुई बैठक में पार्किग के मसले को लेकर भी चर्चा हुई है। पार्किग को बाजार के बजाए माटीगाड़ा स्थित परिवहन नगर और दूसरे ट्रक स्टैंड में स्थानांतरित किए जाने पर सहमति बनी है।

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