--शेर्पा कल्चरल बोर्ड ने कराया एजुकेशन फेयर

-फेयर में पहुंचे विद्यार्थियों में स्टूडेट कार्ड को लेकर असमंजस - राज्य सरकार की ओर से प्रदान किए

By JagranEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 08:30 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 08:30 PM (IST)
--शेर्पा कल्चरल बोर्ड ने कराया एजुकेशन फेयर
--शेर्पा कल्चरल बोर्ड ने कराया एजुकेशन फेयर

-फेयर में पहुंचे विद्यार्थियों में स्टूडेट कार्ड को लेकर असमंजस

- राज्य सरकार की ओर से प्रदान किए गए स्टूडेट कार्ड की शर्तो से अनभिज्ञ विद्यार्थी असमंजस में

संवाद सूत्र,दार्जिलिंग: विद्याíथयों के एडमिशन के मद्देनजर उनकी सुविधा के लिए पाच यूनिवíसटी के साथ मिलकर पश्चिम बंगाल शेरपा कल्चरल बोर्ड द्वारा स्थानीय जीडीएनएस हॉल में एजुकेशनल फेयर आयोजित किया। इसमें बहुतायत में विद्यार्थी और अभिभावक पहुंचे।

बोर्ड के चेयरमैन निमा वागदी शेर्पा ने बताया कि अभिभावक अधिक पैसा खर्च कर बच्चों को ग्रेजुएट कराते इसके बाद बच्चों के समक्ष नौकरी की दिक्कत होती इन्हीं समस्याओं के निराकरण के लिए एजुकेशन फेयर आयोजित किया गया। जिसमें क्लास ट्वेल्थ उत्तीर्ण व ग्रेजुएट विद्याíथयों को बीबीए एमबीए एमटेक बीटेक होटल मैनेजमेंट और नर्स ट्रेनिंग प्रदान करने के उद्देश्य ही फेयर का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी की ओर से प्रदान किए गए स्टूडेंट कार्ड से भी शिक्षा प्राप्त की जा सकती है। फेयर में आए एक अभिभावक ने बताया कि यूनिवíसटी के लोगों से मिले और उन्होंने बताया कि किस विषय को पढ़ने से किस दिशा में जा सकते हैं और इसमें कितना समय व कितना खर्च होगा। सारी बातों की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि मेरी बच्ची क्लास ट्वेल्थ उत्तीर्ण कर चुकी मुझे यहां से उसके भविष्य के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई। वहीं एजुकेशनल फेयर में आए विद्यार्थी मुख्यमंत्री की ओर से प्रदान किए गए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के संबंध में जानकारी प्राप्त करते दिखे। एक विद्यार्थी ने बताया कि मैं कानून की पढ़ाई पढ़ने के लिए सिलीगुड़ी में प्राइवेट यूनिवíसटी में अपना नामांकन कराया और पहला इंस्टॉलमेंट जमा भी किया परंतु कुछ दिन पहले बैंक से मैसेज आया कि आपका स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड लोन नहीं हो सकता है जब हम लोगों ने बैंक से जाकर पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि जिसके 80 फीसद से अधिक नंबर होंगे सिर्फ उसे इस योजना का लाभ मिलेगा जिसे सुनकर उसे निराशा हुई। उसने बताया कि पंजीकरण कराते समय अगर यह जानकारी दे दी गई होती तो मुझे दिक्कत न होती अब तो पहला इंस्टॉलमेंट भी जमा कर दिया अब हम क्या करें हमें कुछ समझ में नहीं आ रहा है यदि ऐसी शर्ते थी तो वह पहले बताना चाहिए था वह डीएम के समक्ष अपनी समस्या रखेंगे।

--------------

चित्र परिचय: चेयरमैन नीमा शेर्पा

--------------

chat bot
आपका साथी