श्री सालासर दरबार धाम

श्री सालासर दरबार धाम संतोषी नगर में प्रतिदिन बाबा का रूद्राभिषेक किया जा रहा है। सावन मही

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 08:11 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 08:11 PM (IST)
श्री सालासर दरबार धाम
श्री सालासर दरबार धाम

श्री सालासर दरबार धाम, संतोषी नगर में प्रतिदिन बाबा का रूद्राभिषेक किया जा रहा है। सावन महीने में भक्तों के लिए जलाभिषेक की विशेष व्यवस्था की गई है।

मंदिर का इतिहास: मंदिर की स्थापना वर्ष फरवरी 1990 में की गई थी। बाबा हनुमान की मूर्ति बनारस से मंगाई गई थी। वहीं शिवलिंग भी बनारस से मंगाया गया था।

मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं की अगाध आस्था है। यहां श्रद्धालुओं की हर मनोकामनाएं पूरी होती है। अभी यहां महामारी के समय कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है।

- गुरुजी छिंतरमल शर्मा, संस्थापक मंदिर की विशेषता: मंदिर की प्रमुख विशेषता है कि लाल फूल के माध्यम से किसी भी समस्या का निदान पाया जा सकता है।

मंदिर पहुंचने का मार्ग: मंदिर रिक्शा, गाड़ी, सिटी ऑटो के माध्यम से पहुंचा जा सकता है। पी सी मित्तल बस स्टैंड से पांच किलोमीटर और जंक्शन से लगभग लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

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श्री सालासर दरबार धाम, संतोषी नगर में प्रतिदिन बाबा का रूद्राभिषेक किया जा रहा है। सावन महीने में भक्तों के लिए जलाभिषेक की विशेष व्यवस्था की गई है।

मंदिर का इतिहास: मंदिर की स्थापना वर्ष फरवरी 1990 में की गई थी। बाबा हनुमान की मूर्ति बनारस से मंगाई गई थी। वहीं शिवलिंग भी बनारस से मंगाया गया था।

मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं की अगाध आस्था है। यहां श्रद्धालुओं की हर मनोकामनाएं पूरी होती है। अभी यहां महामारी के समय कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है।

- गुरुजी छिंतरमल शर्मा, संस्थापक मंदिर की विशेषता: मंदिर की प्रमुख विशेषता है कि लाल फूल के माध्यम से किसी भी समस्या का निदान पाया जा सकता है।

मंदिर पहुंचने का मार्ग: मंदिर रिक्शा, गाड़ी, सिटी ऑटो के माध्यम से पहुंचा जा सकता है। पी सी मित्तल बस स्टैंड से पांच किलोमीटर और जंक्शन से लगभग लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

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