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सार्वजनिक संपत्ति का सम्मान जरूरी सार्वजनिक संपत्ति वह है जिसका किसी समाज राज्य व देश के ला

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 09:11 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 09:11 PM (IST)
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सार्वजनिक संपत्ति का सम्मान जरूरी सार्वजनिक संपत्ति वह है जिसका किसी समाज, राज्य व देश के लोग संयुक्त रूप में उपयोग करते हैं। जैसे, सड़क, पानी, बिजली, पार्क, मैदान, अस्पताल, बस पड़ाव, रेल स्टेशन, एयरपोर्ट, स्कूल, कॉलेज, पुस्तकालय, सरकारी कार्यालय, दुकान, मॉल व बाजार आदि। ये सभी जनता के, जनता द्वारा और जनता के लिए ही हैं। इन संपत्तियों को बचाए रखना व बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है, हरेक की जिम्मेदारी है। सार्वजनिक संपत्तियों में कुछ निजी कंपनियों व प्रतिष्ठानों के तो ज्यादातर सरकार के अधीन होती हैं। उनका उपयोग भले ही आम जनता करती है लेकिन उनकी देखरेख व व्यवस्था सरकार व सरकार के अधिकारियों-कर्मचारियों के जिम्मे होती है। पर, इसका मतलब यह नहीं कि उससे जनता का कुछ लेना-देना नहीं रह जाता। चूंकि, इनका उपयोग आम जनता ही करती है सो उनके प्रति जनता के यानी हमारे व आपके कुछ दायित्व भी हैं। इसलिए, एक ओर जहां हम अपने अधिकारों के प्रति सजग रहें वहीं दूसरी ओर अपने कर्तव्यों को भी कदापि न भूलें।

आम लोग राजनीतिक-सामाजिक विरोध प्रदर्शनों के दौरान, या निजी कुंठा, निराशा आदि के चलते सार्वजनिक संपत्तियों को गाहे-बगाहे क्षति पहुंचाते रहते हैं। यह सही नहीं है। क्योंकि, यह केवल सरकार की नहीं बल्कि हरेक की क्षति हो जाती है। जरा गौर करें तो पाएंगे कि सार्वजनिक संपत्तियों का निर्माण आम जनता यानी हमारे व आपके द्वारा भुगतान किए गए कर के पैसों से ही होता है। अब उसे क्षति पहुंचाएंगे तो उसकी मरम्मत या पुनर्निर्माण में सरकार को जो अतिरिक्त खर्च आएगा वह कर के रूप में हमारे व आपकी जेब से ही तो जाएगा। इस अतिरिक्त खर्चे से अगर हम देश को बचाएं तो अपना विकासशील भारत इन राशि का उपयोग विकास में करेगा और देश को विकासशील से विकसित बनते देर नहीं लगेगी। सो, जिम्मेदार नागरिक बनें, सार्वजनिक संपत्तियों की रक्षा करें।

उमेश गुप्ता

निदेशक प्राचार्य

लाइमलाइट हाईस्कूल

बागडोगरा-सिलीगुड़ी

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