राजनीति में धर्म का इस्तेमाल सही नहीं-चौरसिया
जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी इन दिनों राजनीतिक दलों के लिए धर्म का इस्तेमाल विरोध करने का
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : इन दिनों राजनीतिक दलों के लिए धर्म का इस्तेमाल विरोध करने का राजनीतिक औजार बन गया है। यह ठीक नहीं है। इस प्रकार से उनकी महत्व और गरिमा कम हो जाती है। इस बात को सभी धर्म से जुड़े लोगों और धर्म गुरुओं को समझना चाहिए। यह कहना है नेपाली संस्कृति परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चौरसिया का। उन्होंने बताया कि धर्म की शांति, विकास और स्थायित्व को बढ़ावा देने में है। इसके इस्तेमाल से लोगों के अधिकारों और उनकी गरिमा को समाप्त करने या उन्हें इससे वंचित करने जैसा नहीं होना चाहिए। ये लोग आपसी सद्भाव खत्म कराने में लगाते हैं। धर्म विभिन्न समाजों के निर्माण करने और एक स्वस्थ्य व परस्पर मजबूत समाज के निर्माण में सहायक होता है। सभी धर्म अच्छे हैं। किसी भी धर्म को दूसरे धर्मो से उत्तम नहीं मानना चाहिए। इस पूरी दुनिया को एक बड़े घर की तरह मानना चाहिए। इसका सबसे बड़ा उदाहरण भारत है। यहां सभी धर्म और संप्रदाय के लोग मिलजुल कर रहते हैं। चौरसिया ने कहा कि धर्म में यह क्षमता होती है कि वह दुनिया को एक बेहतर भविष्य के लिए बदल सकता है। शर्त यह है कि इसका इस्तेमाल सार्थक रुप से किया जाए। इन दिनों कुछ संगठन धर्म का इस्तेमाल समाज को तोड़ने के लिए कर रहे हैं। यह समाज और देश के हित में नहीं है। इसका उपयोग समाज के कल्याण के लिए होना चाहिए। जिससे समाज में शाति और सद्भाव आए।
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इन दिनों कुछ संगठन धर्म का इस्तेमाल समाज को तोड़ने के लिए कर रहे हैं। यह समाज और देश के हित में नहीं है। इसका उपयोग समाज के कल्याण के लिए होना चाहिए। जिससे समाज में शाति और सद्भाव आए।