स्वस्थ व सुरक्षित सिक्किम बनाने की परिकल्पना को साकार करें: राज्यपाल गंगा प्रसाद

-21 जून को मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस -11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र के 177 सदस्यों द्व

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 06:57 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 06:57 PM (IST)
स्वस्थ व सुरक्षित सिक्किम बनाने की परिकल्पना को साकार करें: राज्यपाल गंगा प्रसाद
स्वस्थ व सुरक्षित सिक्किम बनाने की परिकल्पना को साकार करें: राज्यपाल गंगा प्रसाद

-21 जून को मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

-11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र के 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली

-पीएम नरेन्द्र मोदी के प्रस्ताव को 90 दिन के अन्दर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया

सिलीगुड़ी : स्वस्थ एवं सुरक्षित सिक्किम बनाने की परिकल्पना को साकार करें। यह मंतव्य शनिवार को सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद ने 21 जून को मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सिक्किमवासियों से अपील करते हुए व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सरकार द्वारा दिए गये दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए उत्साह और ऊर्जा के साथ मनाएं तथा स्वस्थ एवं सुरक्षित सिक्किम बनाने की परिकल्पना को साकार करें। उन्होंने इस अवसर पर सिक्किमवासियों का हाíदक अभिनन्दन करते हुए शुभकामनाएं दी हैं। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस हर वर्ष 21 जून को मनाया जाता है। यह दिन वर्ष का सबसे लम्बा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है। 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र के 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अन्दर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है।

इस कोरोना काल में बड़े-बड़े शिविर लगाकर इस योग दिवस को मनाना संभव नहीं है, परन्तु आप सभी जानते हैं कि संकट के दौरान न रूकना, न थकना तथा नया रास्ता बनाना मनुष्य का स्वभाव है। इसी के मद्देनजर इस वर्ष बी विद योगा,बी इट होम यानि योग के साथ घर पर रहें, के थीम के साथ उत्साहपूर्वक योग दिवस मनायें।

योग शरीर और मन को स्वस्थ रखने की एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है। संपूर्ण जीवन को संतुलित करने के साथ तनावमुक्त, पीड़ामुक्त तथा प्रसन्नयुक्त स्थिति पाने का सबसे उत्तम मार्ग योग ही है। संघर्ष और तनाव के बीच विशेष रूप से कोरोनाकाल के इस दौर में शरीर को स्वस्थ रखने तथा मन को शात रखने में योग सहायक सिद्ध होगा। योग के नित्य अभ्यास को जनजीवन की दिनचर्या में शामिल कर जनचेतना जागृत करना वर्तमान समय की माग है।

विगत पांच वर्षो में योग ने पूरे संसार को एकसूत्र में जोड़कर अपनी महत्ता का संदेश दिया है। इस वैश्विक महामारी के दौर में मुस्कुराना तथा संकट की घड़ी में संयम बरतने की सीख के साथ परिस्थितियों पर काबू पाने में योग सहायक सिद्ध हुआ है। जिसके फलस्वरूप राष्ट्र और समाज में योग की स्वीकार्यता को सहर्ष आत्मसात किया गया है। योग जीवन जीने की उत्तम शैली है। योग मानव की एकाग्रता एवं उनकी शारीरिक, बौद्धिक क्षमता को एक नया आयाम देता है। योग धर्म, जाति, वर्ग आदि से परे रहकर पूरे मानव जाति को एकता के सूत्र में बांधने का सफल प्रयास करता है, इसलिए हम सभी को योग की महत्ता को समझ कर इसे अपनी जीवन पद्धति का अंग बनाना चाहिए।

आइए, अब हम सभी योग को एक आन्दोलन का रूप देकर जन - जन तक पहुंचाने का सार्थक प्रयास करें , ताकि देश-दुनिया में शाति का वातावरण बना सकें। अति प्राचीन समय से भारत पूरे संसार को योग का संदेश देता आ रहा है।

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