जीटीए पर पर निगाह गड़ाने वालों को बुलावा नहीं

-सांसद ने बातों ही बातों में गोजमुमो पर साधा निशाना -बारह तारीख को शाम चार बजे गृह मं

By JagranEdited By: Publish:Sat, 09 Oct 2021 08:56 PM (IST) Updated:Sat, 09 Oct 2021 08:56 PM (IST)
जीटीए पर पर निगाह गड़ाने वालों को बुलावा नहीं
जीटीए पर पर निगाह गड़ाने वालों को बुलावा नहीं

-सांसद ने बातों ही बातों में गोजमुमो पर साधा निशाना

-बारह तारीख को शाम चार बजे गृह मंत्रालय में होगी बैठक

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र समेत तराई व डूवार्स की समस्या को लेकर 12 अक्टूबर को दिल्ली में प्रस्तावित त्रिपक्षीय बैठक से पहले दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र के सांसद तथा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजू बिष्ट ने अप्रत्यक्ष रूप से गोरखा जनमुक्ति मोर्चा गोजमुमो पर निशाना साधा है। बैठक से पहले शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र में पहुंचने के दौरान बागडोगरा एयरपोर्ट पर संवाददाताओं से बातें करते हुए कहा कि 12 अक्टूबर को केंद्रीय गृहमंत्री ने बैठक बुलाई है। बैठक शाम चार बजे से शुरू होगी। हम देख रहे हैं कि केंद्र सरकार के नेतृत्व में बहुत सी समस्याओं का समाधान हुआ है। अब गोरखाओं की समस्याओं के समाधान के लिए 12 अक्टूबर से बातचीत शुरू हो रही है। यह हम सबके लिए बड़ी बात है। दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र तथा तराई व डूवार्स की जनता के लिए यह खुशखबरी है। उन लोगों के लिए एक श्रद्धांजलि है, जो इस क्षेत्र के लिए त्याग व बलिदान व शहीद हुए हैं, उनके परिवार के लिए बड़ी जीत है।

उन्होंने कहा कि इस बैठक में पश्चिम बंगाल सरकार को बुलाया गया है। उम्मीद है कि इस बैठक में पश्चिम बंगाल सरकार के प्रतिनिधि शामिल होंगे। गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) के किसी प्रतिनिधि को बैठक में शामिल नहीं किए जाने संबंधी पूछे गए सवाल के जवाब में बिष्ट ने कहा कि मुझे जहां तक जानकारी है, हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि यह बैठक गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) के लिए नहीं हो रही है। गोरखाओं से जुड़ी समस्याओं के स्थाई समाधान के लिए बैठक हो रही है। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) का नाम लिए बगैर उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से गोजमुमो पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग जीटीए की कुर्सी पर आंख गड़ाए बैठे हैं, इसलिए उन्हें उक्त बैठक में शामिल करना गृह मंत्रालय ने आवश्यक नहीं समझा है। उन्होंने कहा कि यह बैठक उनके लिए है जो भारत के संविधान में आस्था रखते हैं, तथा भारत के संविधान के अंतर्गत स्थाई राजनीतिक समाधान चाहते हैं। इसके बावजूद अगर कोई इस बैठक में शामिल होना चाहते हैं, वे मुझसे कहें, मैं गृह मंत्रालय से आग्रह करूंगा। गृह मंत्रालय की अनुमति से वे बैठक में शामिल हो सकेंगे।

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