अब क्विक रिलेइंग सिस्टम ट्रैक नवीनीकरण
-न्यू जलपाईगुड़ी-मालदा खंड पर हुआ उपयोग -जर्जर रेल को तुरंत बदलने में मिलती है सहायता जागरण्
-न्यू जलपाईगुड़ी-मालदा खंड पर हुआ उपयोग
-जर्जर रेल को तुरंत बदलने में मिलती है सहायता
जागरण संवाददाता,सिलीगुड़ी:
पूर्वोत्तर सीमा रेल ने ट्रेन परिचालन में संरक्षा को बढ़ाने के लिए प्रमुख रखरखाव और सुधार कार्य किए हैं। ट्रेन परिचालन हेतु प्रत्येक खंड दुरुस्त है, यह सुनिश्चित करने के लिए नियमित अंतराल पर रेलवे पटरियों का रखरखाव और निरीक्षण किया जाता है। ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन के दो प्रमुख घटक हैं- रेल की आदर्श अवस्था जिस पर ट्रेन चलती है और स्लीपर एवं बलास्ट कुशन की अवस्था, जिस पर रेल बिछी हुई होती है। टूट-फूट, दरार और संक्षारण आदि जैसे दोषों के लिए रेल की बराबर जाँच की आवश्यकता पड़ती है और फिर उन्हें समय-समय पर बदला जाना चाहिए। एक बार पता चलने पर, ट्रेन के सुरक्षित परिचालन के लिए जर्जर रेल को बदल दिया जाता है। उक्त आशय की जानकारी देते हुए पूसी रेलवे की सीपीआरओ गुनीत कौर ने बताया कि ट्रैक संरचना में सुधार और ट्रेनों के सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित करने के लिए पूर्वोत्तर सीमा रेल ट्रैक बिछाने के उपकरणों की मदद से ट्रैक नवीनीकरण कार्य निष्पादित कर रही है। प्लासर्स क्विक रिलेइंग सिस्टम (पीक्यूआरएस) एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से पुरानी रेल और स्लीपर को बदल कर मशीन की मदद से रेलवे गठन पर स्लीपर एवं रेल सहित ट्रैक बिछाई जाती है। उन्होंने बताया कि पीक्यूआरएस ट्रैक नवीनीकरण की एक अर्ध-मशीनीकृत प्रणाली है , जिसमें 3400 मिमी गेज के सहायक ट्रैक पर चलने में सक्षम स्व-चालित क्रेन शामिल है। पूर्वोत्तर सीमा रेल के सभी पाच मंडलों में ट्रैक को तेज गति से बदलने के कार्य में इस प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है।
कहां-कहां ट्रैक बदलने में हुआ उपयोग
पूर्वोत्तर सीमा रेल में, वर्ष 2020-21 में कुल 37 किमी. ट्रैक को क्विक रिलेइंग सिस्टम का उपयोग करके बदला गया था। इस प्रक्रिया के माध्यम से वर्ष 2021-22 में 110 किमी. ट्रैक बिछाने की योजना है,जिसमें से 51 किमी. ट्रैक अब तक बिछाई जा चुकी है। कटिहार मंडल के न्यू जलपाईगुड़ी-मालदा टाउन खंड में वर्ष 2021-22 में इस प्रणाली का उपयोग करके 24 किलोमीटर से अधिक ट्रैक नवीनीकरण कार्य पूरा किया गया है। पूर्वोत्तर सीमा रेल के अलीपुरद्वार मंडल ने इस महीने के दौरान सिर्फ 4 घटे के ब्लॉक समय में 42 पैनलों की पिछली उपलब्धि को पार करते हुए पीक्यूआरएस के माध्यम से 46 पैनलों (0.524 किमी.) के अधिकतम ट्रैक नवीनीकरण का लक्ष्य हासिल किया।
पीक्यूआरएस प्रणाली की मदद से ट्रैक बिछाने की प्रक्त्रिया में लगने वाले समय को बचाती है और नियमित ट्रेन परिचालन को नाममात्र प्रभावित किये ही कम से कम संभव समय में अच्छी गुणवत्ता वाले काम को प्राप्त कर सकती है। अच्छी गुणवत्ता वाला कार्य प्राप्त किये जाने के कारण यह ट्रेन की गति में वृद्धि की सुविधा भी प्रदान करती है।