भाजपा सांसद और कार्यकर्ताओं पर हमले को लेकर सिलीगुड़ी में गरमाई राजनीति, विभिन्न थानों में भाजपा का प्रदर्शन
भारतीय जनता पार्टी के जलपाईगुड़ी के सांसद डॉक्टर जयंत राय और भाजपा समर्थकों पर टीएमसी समर्थकों द्वारा किए गए हमले को लेकर पिछले 24 घंटे से यहां के राजनीति गरमाई हुई है। सांसद डॉक्टर राय जहां नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा करा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी! भारतीय जनता पार्टी के जलपाईगुड़ी के सांसद डॉक्टर जयंत राय और भाजपा समर्थकों पर टीएमसी समर्थकों द्वारा किए गए हमले को लेकर पिछले 24 घंटे से यहां के राजनीति गरमाई हुई है। सांसद डॉक्टर राय जहां नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा करा रहे हैं। वहीं गंभीर रूप से घायल भाजपा के कार्यकर्ता मोहम्मद कमरुल उर्फ काबुल तथा गोपाल राय को शुक्रवार देर रात सिलीगुड़ी सेवक रोड स्थित एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया है।
शनिवार को इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी की ओर से आमबाड़ी आउटपोस्ट तथा जलपाईगुड़ी कोतवाली में भाजपाइयों द्वारा हमले के दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया। शनिवार को भारतीय जनता पार्टी के चार विधायक शंकर घोष, आनंदमय बर्मन, शिखा चटर्जी तथा बीपी बजगई ने पुलिस कमिश्नर सिलीगुड़ी से मिलकर उन्हें कांड के सभी दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग की। पुलिस कमिश्नरेट से निकलने के बाद विधायक शंकर घोष ने कहा कि पुलिस कमिश्नर से मांग की गई है की जो बातें सामने आ रहे हैं इसमें पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध है। क्योंकि सांसदों और विस्थापित भाजपा कार्यकर्ताओं उनके घर जाने के पहले ही पुलिस क्यों और कैसे लौट गई जिसके बाद सांसद तथा भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला हुआ। पुलिस कमिश्नर ने भाजपा विधायक प्रतिनिधियों को बताया कि इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है और अन्य की तलाश की जा रही है। शंकर घोष ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बंगाल चुनाव के बाद विस्थापित सभी भाजपाइयों को घर वापसी के लिए सरकार को आवश्यक निर्देश दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की अवहेलना करते हुए अब तक विस्थापितों को वापस घर नहीं भेजा जा रहा है। वही लोग घर जा रहे हैं जो टीएमसी का झंडा थाम रहे हैं। कुछ ऐसी ही परिकल्पना भंडारीगछ टीएमसी के द्वारा की गई थी।
स्थानीय टीएमसी नेतृत्व चाहता था कि जो यहां के विस्थापित हैं वे टीएमसी में शामिल हो जाए उसके बाद ही उनकी घर वापसी कराई जाएगी। सांसद जयंत राय की पहल पर ऐसा नहीं हो पाया और उन पर एक सुनियोजित साजिश के तहत जानलेवा हमला किया गया। भाजपा विधायक शंकर घोष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी बंगाल में तब तक चुप नहीं बैठने वाली जब तक एक-एक कार्यकर्ता को उनके घर में नहीं ले आती।
केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने भी इस घटना की निंदा करते हुए कहा है कि आश्चर्य लगता है कि यह कैसा प्रदेश है जहां लोगों ने सत्ताधारी दल को पूर्ण बहुमत दिया उसके बाद भी विपक्ष को वोट देने वाले लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। इस पर जानलेवा हमले हो रहे हैं। ऐसे गणतंत्र की कल्पना तो शायद बाबासाहेब आंबेडकर ने भी नहीं सोची थी। ममता बनर्जी और उनकी सरकार भले ही भारतीय जनता पार्टी विरोधियों की बात माने किंतु सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन कर बंगाल और बंगाल से जुड़ी गरिमा को बचाए।