West Bengal :अस्पताल में सांस संबंधी समस्या से पुलिसकर्मी की मौत, सहकर्मियों ने किया प्रदर्शन

सांस संबंधी समस्या और अन्य कोविड-19 लक्षण’के चलते एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराए गए एक कांस्टेबल की मौत हो गई

By Preeti jhaEdited By: Publish:Tue, 26 May 2020 09:34 AM (IST) Updated:Wed, 27 May 2020 09:49 AM (IST)
West Bengal :अस्पताल में सांस संबंधी समस्या से पुलिसकर्मी की मौत, सहकर्मियों ने किया प्रदर्शन
West Bengal :अस्पताल में सांस संबंधी समस्या से पुलिसकर्मी की मौत, सहकर्मियों ने किया प्रदर्शन

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। ‘सांस संबंधी समस्या और अन्य कोविड-19 लक्षण’के चलते यहां एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराए गए एक कांस्टेबल की सोमवार की सुबह मौत हो गई। इस पर उसके सहकर्मियों ने प्रदर्शन किया और अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया। सहकर्मियों ने दावा किया कि कांस्टेबल पिछले कुछ समय से श्वसन संबंधी समस्या से पीड़ित था, लेकिन उसे रविवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

कुछ प्रदर्शनकारियों ने गारफा थाने में तोड़फोड़ भी की और कहा कि पुलिसकर्मी को बेहतर उपचार के लिए किसी निजी अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए था। अस्पताल के अधिकारी टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हो पाए, लेकिन कोलकाता पुलिस के सूत्रों ने कहा कि कांस्टेबल के नमूनों की जांच में उसके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि नहीं हुई।

 ‘सांस संबंधी समस्या और अन्य कोविड-19 लक्षण’के चलते यहां एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराए गए एक कांस्टेबल की सोमवार की सुबह मौत हो गई। इस पर उसके सहकर्मियों ने प्रदर्शन किया और अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया। प्रदर्शन में शामिल एक पुलिसकर्मी ने कहा,‘उसे अत्यंत गंभीर श्वसन रोग (एसएआरआइ) वार्ड में भर्ती किया गया, जबकि उसे कोविड-19 के लक्षण भी थे। मेरा मानना है कि उसकी बेहतर देखभाल की जानी चाहिए थी। उसे निजी अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया।’

कोलकाता पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी प्रदर्शनकारियों को समझाने गारफा थाने पहुंचे जिसके बाद उन्होंने प्रदर्शन खत्म कर दिया। कोलकाता में कोविड-19 से अब तक कम से कम सात पुलिस अधिकारी संक्रमित पाए गए हैं। पिछले सप्ताह 500 से अधिक पुलिसकर्मियों ने एजेंसी रोड स्थित पीटीएस परिसर में प्रदर्शन किया था और दावा किया था कि उन्हें ऐसी जगहों पर तैनात किया जा रहा है जहां कोविड-19 की चपेट में आने की ज्यादा आशंका है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनकी शिकायतों और मांगों पर विचार करने तथा उन्हें सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था। 

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