अधिक से अधिक स्थानों पर पिंक टॉयलेट बने
-दैनिक जागरण के अभियान ने और पकड़ा जोर -परिचर्चा में महिलाओं ने रखी अपनी समस्याएं जा
-दैनिक जागरण के अभियान ने और पकड़ा जोर
-परिचर्चा में महिलाओं ने रखी अपनी समस्याएं
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : जिस तरह से पूरे देश में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है, इससे निश्चित ही विकास के नए-नए अवसर पैदा हो रहे हैं। लंबी दूरी की अच्छी-अच्छी सड़कें बनने से लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने में काफी सुविधा मिल रही है। हालांकि इन सबके बीच कुछ ऐसी छोटी-छोटी समस्याएं रहती हैं, जिन पर ध्यान नहीं देने से गंभीर से गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती है। जिनमें प्रमुख समस्या है हाइवे पर महिला टॉयलेट का न होना। इससे महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। महिलाओं की इन समस्याओं के समाधान के लिए दैनिक जागरण ने अपने सामाजिक सरोकार के तहत राष्ट्रीय स्तर पर 'पिंक टॉयलेट' अभियान शुरू किया है। जिसमें महिलाओं और महिला संगठनों से बात कर यात्रा के दौरान महिलाओं को टॉयलेट संबंधी समस्याओं को जानने व इसे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक ध्यान आकृष्ट कराने व इस समस्या के समाधान का प्रयास किया जा रहा है। इस अभियान ने अब शहर में काफी जोर पकड़ लिया है।
इसी कड़ी के तहत शुक्रवार को सिलीगुड़ी में पिंक टॉयलेट अभियान के तहत जागरण परिवार के अवधेश दीक्षित, स्नेहलता शर्मा, राजेश प्रसाद की उपस्थिति में यंग इंडियंस , सिलीगुड़ी की पदाधिकारियों व सदस्यों के साथ परिचर्चा आयोजित की गई। जहां पर महिलाओं ने इस विषय पर अपनी परेशानियों को साझा किया और अपने विचार रखे।
दैनिक जागरण सिलीगुड़ी की ओर से पिंक टॉयलेट अभियान शुरू किया गया है जो एक सराहनीय पहल है। हाईवे पर पिंक टॉयलेट का निर्माण होना चाहिए। सफर के दौरान टॉयलेट की सुविधा ना होने की वजह से महिलाओं को शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ज्यादा देर तक यूरिन रोकने और कम पानी पीने की वजह से किडनी को नुकसान पहुंचने का डर रहता है। माहवारी के समय भी शौचालय की कमी बहुत ज्यादा खलती है। हमें पूरी उम्मीद है कि दैनिक जागरण द्वारा चलाया गया अभियान जरूर सफल होगा।
-रश्मि अग्रवाल, कोचेयर, गिफ्ट योर आर्गन
लंबी दूरी की यात्रा के दौरान हाइवे पर टॉयलेट को लेकर महिलाओं को बहुत अधिक परेशानी होती है। टॉयलेट तो अवश्य बनना चाहिए। परंतु सबसे मुख्य बात है कि उसकी स्वच्छता का भी ख्याल रखा जाना आवश्यक है। सफाई की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। तभी कई प्रकार की बीमारियों से बचा जा सकता है। गंदगी रहने से कई प्रकार के इंफेक्शन होने का डर रहता है। पिंक टॉयलेट कार्य में हर संभव सहयोग हम दैनिक जागरण को देने के लिए तैयार है।
- प्रियंका नकीपुरिया, चेयर, ब्राडिंग हाइवे पर ऐसे स्थान पर टॉयलेट बनाया जाना चाहिए जो सुरक्षित हो। टॉयलेट की साफ-सफाई का जिम्मा वहां की महिलाओं को देनी चाहिए। इससे उन्हें वहां पर रोजगार मिलेगा। वे अपने पैरों पर खड़ी हो पाएंगी। साथ ही टॉयलेट भी साफ रहेगा। इसके साथ ही हर गली-चौराहों में पिंक टॉयलेट का निर्माण होना चाहिए। ताकि बाजार इत्यादि में महिलाएं तनाव रहित होकर खरीदारी कर सकें। पेड पिंक टॉयेलट बनाने की आवश्यकता है।
- श्रेहा अग्रवाल
कोरोना काल में हमने देखा कि लंबी यात्राएं बाई रोड ही पूरी की गई थी। उस दरम्यान महसूस हुआ कि हाइवे पर टॉयलेट की कितनी आवश्यकता है। मासिक चक्र के दौरान तो बेहद परेशानी होती है। टॉयलेट की व्यवस्था नहीं होने की वजह से हम पानी कम पीते हैं और पानी नहीं पीने से कई बीमारी होने का चांस अधिक रहता है। ऐसे में पिंक टॉयलेट का निर्माण अवश्य होना चाहिए,ताकि महिलाएं निश्चित होकर सड़क मार्ग से यात्रा कर सकें।
- दर्शिका अग्रवाल
हाइवे पर टॉयलेट की व्यवस्था अवश्य होनी चाहिए। कई बार यूरिन को रोकना पड़ता है। जिससे कई बीमारी होने का अंदेशा रहता है । इसके साथ ही ब्रेस्ट फिडिंग की भी व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि हम अपने बेबी का सुकून के साथ ब्रेस्ट फिडिंग करा सकें। वहीं डिस्पोजल मशीन भी लगनी चाहिए। हर गली में पिंक टॉयलेट बनना चाहिए।
- संगीता अग्रवाल