संवैधानिक पद का दुरूपयोग करने से बचें सीएम: पवन चामलिंग
पवन चामलिंग बोले-सरकारी कर्मियों व अन्य को कैमरे का सामना क्यों सरकारी कर्मचारियों के प्रति मुख्य
पवन चामलिंग बोले-सरकारी कर्मियों व अन्य को कैमरे का सामना क्यों
सरकारी कर्मचारियों के प्रति मुख्यमंत्री अपना रवैया नरम करें
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संसू,गंगटोक: सिक्किम के पूर्व मुख्यमंत्री तथा एसडीएफ सुप्रीमो पवन चामलिंग ने मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तामाग (गोले) द्वारा दिएगए वक्तव्य पर आपत्ति जताते हुए इसकी निंदा की है। पूर्व मुख्यमंत्री ने वर्तमान मुख्यमंत्री गोले द्वारा अंबेडकर जयंती पर दिएगए भाषण को लेकर आपत्ति जताई है।
इस संबंध में रविवार को एसडीएफ द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि वर्तमान मुख्यमंत्री को अपने संवैधानिक पद का दुरुपयोग करने से बचना चाहिए। आंबेडकर जयंती को मुख्यमंत्री द्वारा खुले रूप से सरकारी कर्मचारियों को कानून तोड़ने के लिए उकसाने की बात कही थी। विज्ञप्ति के माध्यम से पूर्व मुख्यमंत्री पवन चामलिंग ने कहा है कि राज्य सरकार का रवैया धमकाने वाला न होकर कार्य के लिए प्रेरित करने वाला होना चाहिए। पूर्व सीएम चामलिंग ने मुख्यमंत्री गोले के भाषण को अलोकतात्रिक भाषण व असंवैधानिक भाषा बताते हुए उनसे राज्य के कर्मचारियों के संबंध में की गई टिप्पणी वापस लेने को कहा है।
पवन चामलिंग ने लिखा है कि अंबेडकर जयंती एक राष्ट्रीय पर्व है। इस अवसर पर हम संविधान की विरासत का जश्न मनाते हैं। ऐसे मौके पर राज्य में जो कुछ हुआ वह हमारे संविधान का उपहास है। उन्होंने कहा कि सिक्किम के नागरिकों को राज्य सरकार के प्रमुख से खुले तौर पर मिली धमकी से मुझे दुख हुआ क्यों कि मैं भी सिक्किम का ही नागरिक हूं।
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री का पद एक संवैधानिक पद है। उस कुर्सी पर बैठने वाले की विचारधाराएं व भाषाएं बिल्कुल अलग होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भयभीत हैं और कई नौकरशाहों को कानून के उल्लंघन के लिए बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि राज्य सरकार के प्रमुख द्वारा दिएगए सार्वजनिक भाषण के महत्व को किसी ने समझा है? उन्होंने कहा कि जब जनता ऐसे शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री की बातें सुनते हैं तो उन्हें प्रेरित होकर घर जाना चाहिए नाकि अपमानित और आतंकित होकर। मैं सिक्किम के मुख्यमंत्री द्वारा ऐसी बर्बर भाषा और असंवैधानिक भाषण की निंदा करता हूं। मुख्यमंत्री गोले ने कुछ लोगों को स्टिंग आपरेशन करने का निर्देश दिया। सरकारी कार्यालयों का निरीक्षण करने और इसे लाइव स्ट्रीमिंग करने के लिए उन्हें कैमरा के साथ जाते हुए देखना उचित नहीं है। ईमानदार सरकारी कर्मियों को कैमरे में कैद करना परेशान करने वाली घटना है। पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रश्न किया है कि जब आधिकारिक तौर पर विभागों के प्रमुख नियुक्त किए जाते है तो उन्हें समय की पारदर्शिता दिखाने के लिए कुछ निजी व्यक्तियों को कैमरे का सामना क्यों करना पढ़ रहा है?