साइबर अपराधियों ने बदला अपराध का तरीका
-ठगी के लिए आधार को बनाया प्रमुख हथियार -किसी को नहीं दें आधार नंबर और ओटीपी -
-ठगी के लिए आधार को बनाया प्रमुख हथियार
-किसी को नहीं दें आधार नंबर और ओटीपी
-गलती की तो पल भर में बैंक खाता होगा खाली
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : आप फोन पर भूल से भी किसी को अपना आधार नंबर ना दें। अन्यथा आप ऑनलाइन ठगी के शिकार हो सकते हैं और पलभर में आपका बैंक खाता खाली हो सकता है।
जी हा, यह हम नहीं बल्कि शहर के एक चर्चित अधिवक्ता रतन कुमार बनिक कह रहे हैं। उनका कहना है कि अब साइबर अपराधी बैंक खाता की डिटेल्स और एटीएम का पिन नहीं, आधार नंबर पूछ रहे हैं। वे खुद भी एक बार साइबर क्राइम के शिकार हो चुके हैं। यह संयोग है कि पुलिस की तत्परता से उनके खाते में आधे से अधिक की राशि लौटा दी गई। यहां बता दें कि एटीएम पिन और ओटीपी से ठगी के मामले बढ़ने के बाद लोगों में जागरूकता आई है। अब कोई एटीएम का पिन या ओटीपी मांगता है तो लोग सावधान हो जाते हैं। इसको देखते हुए साइबर अपराधियों ने अपने अपराध का तरीका भी बदल दिया है।
रतन बनिक ने बताया है कि इन दिनों आधार को फोन नंबर और बैंक खाते से लिंक कराने के नाम पर लोगों को ठगा जा रहा है। हाल के दिनों में साइबर अपराधियों ने ठगी का ट्रेंड बदल लिया है। लोग अब इस नए तरीके में फंस रहे हैं। ठग आपके आधार कार्ड का नंबर आपसे हासिल करते हैं। आधार नंबर से साइबर अपराधी लोगों के खाता नंबर का विवरण निकालकर आसानी से उनकी गाढ़ी कमाई पर चपत लगा रहे हैं। हाल के दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें आधार नंबर पूछकर खाते से पैसे की निकासी की गई है। इन नए तरीके से साइबर पुलिस के होश उड़ गए हैं। पुलिस ऐसे साइबर अपराधियों को पकड़ने में भी फेल साबित हो रही है। साइबर थाने में मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसी प्रकार से मिलन मोड़ में रहने वाले संजय झा से कुछ दिनों पहले एक युवक ने फोन करके आधार नंबर मागा था। बैंक एकाउंट और मोबाइल नंबर को आधार कार्ड से अपडेट करने की बात कही थी। हैकरों ने आधार कार्ड का ओटीपी, बैंक का ओटीपी मागा, जिसे उसने बिना ज्यादा तफ्तीश किए दे दिया। उसके जरिए उनके एकाउंट को हैक कर दिया गया था। इसको लेकर सभी को सावधान रहना चाहिए। अगर कोई आधार नंबर मांगे या लिंक कराने की बात करे तो आप तुरंत स्थानीय थानों से संपर्क करें। ऑनलाइन ठगी करने वाले अपराधियों ने अपने अपराध का तरीका बदल दिया है। -अमिताभ माइति,डीसीपी-मुख्यालय