स्कूलों में नया शिक्षण सत्र ऑनलाइन ही हुआ शुरू
-स्कूल खुलने की खुशी पर ब्रेक के बावजूद राज्य सरकार के फैसले का स्वागत -राज्य के सभी स्क
-स्कूल खुलने की खुशी पर ब्रेक के बावजूद राज्य सरकार के फैसले का स्वागत
-राज्य के सभी स्कूलों में 20 अप्रैल से अगले निर्देश तक गर्मी की छुट्टी घोषित जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : एक साल तक लगातार बंद रहने के बाद, वर्तमान शिक्षण सत्र के तहत इन दिनों स्कूल खुलने वाले थे। इसे लेकर शिक्षकों एवं विद्यार्थियों सब में बहुत खुशी थी। मगर, अचानक देश भर में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के भीषण रूप ले लेने के मद्देनजर सबकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। शहर व आसपास के अनेक स्कूलों ने पुन: ऑनलाईन ही नया शिक्षण सत्र शुरू किया। वहीं, अब पश्चिम बंगाल सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से राज्य के सभी स्कूलों में 20 अप्रैल से अगले निर्देश तक गर्मी की छुट्टी घोषित कर दी गई है।
कोरोना महामारी के मद्देनजर व राज्य सरकार के इस निर्देश से अब स्कूल खुलने की लोगों की खुशी पर फिलहाल ब्रेक लग गया है। इसके बावजूद विभिन्न स्कूलों के शिक्षकों एंव विद्यार्थियों ने राज्य सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। जी. डी. गोयनका पब्लिक स्कूल की निदेशक प्राचार्य सोनिका शर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी जो भयावह आकार लेती जा रही है उससे हर कोई भलीभांति अवगत है। ऐसे में स्वास्थ्य सुरक्षा यानी लोगों विशेष कर बच्चों की जान की सुरक्षा बेहद जरूरी है। सो, वर्तमान संकटकालीन परिस्थिति में यदि राज्य सरकार ने स्कूलों को बंद रखने का निर्णय लिया है तो बहुत कुछ सोच समझ कर ही लिया होगा। यह सबके हित में है। स्वागत योग्य है। वैसे हम स्कूल वाले ऑनलाईन माध्यम से बच्चों का पठन-पाठन जारी रखने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैं ताकि उनकी शिक्षा प्रभावित न हो।
इस बारे में एच.बी. विद्यापीठ की प्राचार्या अर्चना शर्मा ने कहा कि हम लोगों ने तो नए शिक्षण सत्र को ऑनलाईन ही शुरू किया है। कोरोना महामारी की वर्तमान भीषण परिस्थिति के मद्देनजर राज्य सरकार ने जो स्कूलों को बंद रखने का फैसला किया है वह बहुत कुछ सोच समझ कर ही किया होगा। यह स्वागत योग्य है। पर, एक अहम सवाल यह भी है कि ये जो सारे राजनीतिक दल हजारों-हजार लोगों को जुटा कर जनसभा, रैली व रोड शो कर रहे हैं, उससे क्या कोरोना नहीं फैलेगा? इस पर सबको चिंतन, मनन, मंथन करना चाहिए।
इस बाबत एनजेपी निवासी 11वीं कक्षा के एक छात्र तारिक खुर्शीद ने कहा कि हम लोग बहुत उत्साहित थे कि अब स्कूल खुल जाएगा। एक साल तक जो शिक्षाध्ययन में कसर रही वह दूर हो जाएगी। ऑनलाईन क्लासेज से भी बहुत कुछ हम पढ़ पाते हैं। पर, ऑफलाईन कक्षाओं की बात ही अलग होती है। मगर, कोरोना महामारी की वर्तमान जानलेवा परिस्थिति में और किया भी क्या जा सकता है। जान है तो जहान है। वहीं, डांगीपाड़ा के आठवीं कक्षा के एक छात्र संतोष साह ने कहा कि स्कूल खुलने, वहां जाने, नियमित कक्षा करने, संगी-साथियों संग मिलने की तो हमें बड़ी उम्मीदों भरी खुशी थी। पर, वर्तमान समय में जो हालात हैं, उससे हमारी उम्मीदों पर पानी फिर गया। इसके बावजूद मेरी नजर में राज्य सरकार द्वारा स्कूलों में गर्मी की छुट्टी करने का जो फैसला लिया गया है वह स्वागत योग्य है।