कोरोना : चिकित्सकीय लापरवाही से मरीज के मौत का आरोप

-शहर के प्रधान नगर स्थित एक निजी नर्सिगहोम की है घटना निजी होटल में सेफ होम के नाम नि

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 07:32 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 07:32 PM (IST)
कोरोना : चिकित्सकीय लापरवाही से मरीज के मौत का आरोप
कोरोना : चिकित्सकीय लापरवाही से मरीज के मौत का आरोप

-शहर के प्रधान नगर स्थित एक निजी नर्सिगहोम की है घटना

निजी होटल में सेफ होम के नाम निजी अस्पतालों पर लगाया व्यवसाय करने का आरोप

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : कोरोना वायरस महामारी पूरी तरह से तबाही मचाए हुए हैं। हर दिन कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है, तो दूसरी ओर इस महामारी से जान भी काफी संख्या में लोग गवां रहे हैं। इसमें कुछ जगहों पर मानवता का परिचय देते हुए लोग निस्वार्थ भाव से सेवा कार्य कर रहे हैं, कुछ जगहों पर कोरोना के नाम पर मरीजों को लूटने वालों की भी कमी नहीं है।

कुछ ऐसे ही लूट मचा रखें हैं सिलीगुड़ी के कुछ निजी अस्पताल, जहां कोरोना मरीजों को बेहतर इलाज नहीं, इलाज के नाम पर मरीजों को परिजनों को लूटने का व्यवसाय शुरू कर चुके हैं। एक कहावत है कि 'मरता का न करता' यानी मजबूरी में लोग कुछ भी करने के लिए तैयार रहते हैं। इसी का फायदा निजी अस्पताल प्रबंधन उठा रहे हैं।

कोरोना वायरस महामारी के दौर में अगर सबसे ज्यादा अमानविकता का कहीं खेल हो रहा है, तो वह शहर के कुछ निजी अस्पतालों व एंबुलेंस परिसेवा में हो रहा है। पिछले दो दिनों से शहर के प्रधान नगर स्थित दो नर्सिगहोम में मरीजों को छलने का मामला सामने आया है, जबकि किसी भी नर्सिगहोम प्रबंधन के खिलाफ ना तो स्वास्थ्य विभाग और ना ही जिला प्रशासन कार्रवाई करने में दिलचस्पी दिखाई है।

शहर के प्रधान नगर स्थिति एक नर्सिगहोम में चिकित्सकीय लापरवाही से एक मरीज की मौत हो जाने का मामला सामने आया है। परिजनों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार शहर के पाकुड़तला मोड़ निवासी एक ही परिवार को मरीज को कोरोना संक्रमित होने की वजह से प्रधान नगर में ही एक निजी अस्पताल द्वारा संचालित सेफ होम में रखा गया। परिजनों का आरोप है कि सेफ होम में रखते समय मरीज की स्थिति काफी ठीक थी। हर दिन का दवा भी हम लोग ही खरीदकर देते थे। मरीज को भर्ती करने के कुछ दिन बाद बोला गया कि मरीज की स्थित काफी गंभीर हो रही है, उसे अस्पताल में शिफ्ट करना होगा, तथा अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीज को अपने अस्पताल शिफ्ट कर दिया गया। जब दोनों मरीजों की स्थिति में सुधार नहीं हो था, तो अन्य डॉक्टर से बात करके, एक मरीज को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया, जबकि एक मरीज का इलाज यहीं चल रहा था। रविवार को नर्सिगहोम द्वारा बोल दिया गया कि मरीज की मौत हो गई है। परिजनों ने आरोप लगाया कि सेफ होम में मरीज को रखने के दौरान दवा हम लोग ही खरीद कर देते थे, इसके बाद भी तीन दिन के दवा का बिल दो लोगों के दो लाख रुपये दिया गया। अस्पताल की परिसेवा से क्षुब्ध होकर जब एक मरीज को यहां से निकाल कर दूसरे नर्सिगहोम भर्ती किया गया, तो मालूम चला की मरीज की स्थिति और गंभीर हो गई है। उन्होंने बताया कि एक मरीज का इलाज दूसरे नर्सिगहोम में चल रहा है। जिस मरीज की मौत यहां हुई है, उनके शव को अस्पताल प्रबंधन द्वारा नहीं दिया जा रहा है। शव लेने आने पर अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा अभद्र व्यवहार किया गया। कहा गया कि जब तक बाकी रुपये जमा नहीं होंगे, तब तक शव नहीं देंगे। मृतक के परिजनों आरोप लगाया कि निजी होटल को भाड़ा पर लेकर सेफ होम के नाम निजी अस्पताल प्रबंधन मरीजों को बिना सुविधा दिए हुए व्यवसाय कर रहे हैं। परिजनों ने इस मामले की शिकयत प्रधान नगर थाने में की हैं।

इस बारे में दार्जिलिंग जिले के सीएमओएच डॉ प्रलय आचार्य ने बताया कि उनके पास अभी इस मामले की शिकायत नहीं मिली है, शिकायत मिलने पर इसकी जांच करेंगे।

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