बीएसएफ के बढ़े अधिकार क्षेत्र को लेकर बवाल
-नॉर्थ बंगाल मर्चेट्स एसोसिएशन ने जताई चिंता -कहाकारोबारी क्षेत्र में जवानों के आने से बन
-नॉर्थ बंगाल मर्चेट्स एसोसिएशन ने जताई चिंता
-कहा,कारोबारी क्षेत्र में जवानों के आने से बनेगा भय का माहौल
-प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: सीमा सुरक्षा बल बीएसएफ की मौजूदा 15 किलोमीटर के दायरे को बढ़ाते हुए इसकी जगह 50 किलोमीटर के बड़े क्षेत्र में तलाशी लेने, जब्ती करने और गिरफ्तार करने की शक्ति दे दी गयी है। केंद्र सरकार की ओर से सीमा सुरक्षा बल कानून में संशोधन करते हुए यह कदम उठाया गया है। केंद्र सरकार के इस फैसले का खास तौर से बंगाल, पंजाब व असम में असर होते दिखेगा। केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर विरोध के स्वर भी फूटने लगे हैं। नॉर्थ बंगाल मर्चेस मर्चेट्स एसोसिएशन की ओर से इस विषय को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा गया है। एसोसिएशन के महासचिव आयुष टिबड़ेवाल ने इस बारे में कहा है कि इस तरह के निर्णय से व्यवसायिक हित भी प्रभावित होंगे। केंद्रीय फोर्स जांच के नाम पर व्यवसायिक क्षेत्रों में भी दाखिल हो सकेगी और इससे भय का माहौल बनेगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय फोर्स का काम सीमा की निगरानी करना होता है। खास तौर से चुनाव के समय इनकी तैनाती हर इलाके में की जाती है, लेकिन वर्तमान निर्णय के बाद स्थितियां बदल जायेंगी और इनकी नियमित तौर पर उपस्थिति दिखने लगेगी। उन्होंने कहा कि अब तक हम यही जानते हैं कि कश्मीर समेत अशांत जगहों को केंद्रीय फोर्स की निगरानी में दी गयी है। इस निर्णय के बाद सबसे ज्यादा प्रभावित पश्चिम बंगाल ही होगा। क्योंकि यह भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय सीमा से कई तरफ से घिरा हुआ है। ज्ञात हो कि बंगाल के परिवहन मंत्री व टीएमसी नेता फिरहाद हाकिम पहले ही कह चुके हैं कि केंद्र सरकार देश के संघीय ढांचे का उल्लंघन कर रही है। कानून व व्यवस्था राज्य सरकार का विषय है। लेकिन केंद्र सरकार एजेंसियों के माध्यम से हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रही है।