अनलॉक के बाद भी पर्यटन कारोबारी निराश

पर्यटन --चुनाव के कारण और बिगड़ सकती है स्थिति -पहाड़ आने वाले पर्यटकों की संख्या अभ

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 08:45 PM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 08:45 PM (IST)
अनलॉक के बाद भी पर्यटन कारोबारी निराश
अनलॉक के बाद भी पर्यटन कारोबारी निराश

पर्यटन

--चुनाव के कारण और बिगड़ सकती है स्थिति

-पहाड़ आने वाले पर्यटकों की संख्या अभी भी बेहद कम

-सरकार से आर्थिक पैकेज की उम्मीद भी खत्म

-पहले केंद्र और बाद में राज्य बजट में हुई उपेक्षा

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10

महीने तक ठप रहा पर्यटन कारोबार

12

फीसदी रोजगार पर्यटन के क्षेत्र में -------------

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : कोरोना संकट के बाद अब पूरे देश में अनलॉक की प्रक्रिया चल रही है। धीरे-धीरे स्थिति सामान्य होने की ओर है लेकिन पर्यटन कारोबार की हालत अभी भी बेहद खराब है। सिर्फ सिलीगुड़ी ही नहीं पहाड़ पर आने वाले पर्यटकों की संख्या अभी भी बेहद कम है। जिसके कारण पर्यटन कारोबारे से जुड़े लोगों के साथ ही होटल,टूर ऑपरेटर,ट्रैवल एजेंट आदि के सामने आर्थिक संकट है। आने वाले दिनों में भी स्थिति में सुधार की कोई खास उम्मीद नहीं है। क्योंकि अब राज्य विधानसभा चुनाव की घोषणा होने वाली है। चुनाव के समय कहीं भी कोई आना-जाना नहीं चाहता। इस कारण से आने वाले दिनो में स्थिति और भी बिगड़ने की संभावना है। हर साल फरवरी महीने के आसपास से ही काफी संख्या में पर्यटक दार्जिलिंग पहाड़ आने लगते हैं। इसके अलावा आने वाले महीनों की बुकिंग भी शुरू हो जाती है। कोरोना संकट भले ही कम हुआ हो लेकिन बुकिंग में कोई खास बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। ऐसे में पर्यटन कारोबारियों की निगाहें सरकार की ओर टिकी थी और ये लोग किसी स्पेशल पैकेज की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन पहले केंद्र और अब राज्य के वोट ऑन एकाउंट में इनकी उम्मीदों को झटका लगा है। खासकर केंद्रीय बजट से ये लोग बेहद निराश हैं।

कोरोना वर्ष में भारी नुकसान से जुझ रहे पर्यटन व्यापार को केंद्रीय बजट में निराशा ही हाथ लगी है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित बजट में पर्यटन व्यापार को वापस पटरी पर लाने के लिए आर्थिक पैकेज का जिक्र तक नहीं होने से उत्तर बंगाल के पर्यटन कारोबारी नाखुश हैं। बीते वर्ष कोरोना वायरस के आगमन पर फरवरी महीने से ही पर्यटन व्यापार का शटर डाउन रहा। कोरोना वायरस के संक्रमण की रफ्तार पर ब्रेक लगाने के लिए केंद्रीय सरकार के निर्देशानुसार बीते दस महीने तक लगातार पर्यटन व्यापार ठप रहा। पर्यटन व्यापार से जुड़े टूर एंड ट्रेवल्स, गाड़ी चालक व मालिक, होटल व रिसॉर्ट मालिक व कर्मचारी सभी ने भारी नुकसान का सामना किया। अनलॉक की प्रक्रिया के दौरान उत्तर बंगाल समेत पूरे देश का पर्यटन व्यापार पटरी पर लौटने को प्रचेष्ट है। पर्यटन को वापस पटरी पर लाने के लिए सरकारी आर्थिक सहायता की आस कारोबारी लगाए बैठे थे। लेकिन वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तावित बजट में पर्यटन व्यापार के लिए कुछ भी नहीं था। केंद्र के साथ ही राज्य के बजट में भी कोई पैकेज की घोषणा नहीं की गई। इससे सिलीगुड़ी समेत पूरे उत्तर बंगाल के पर्यटन व्यापारी हताश हैं। खासकर केंद्रीय बजट को लेकर इनमें हताशा है।

क्या कहना है टूर ऑपरेटरों का

एसोसिएशन फॉर कंजर्वेशन एंड टूरिज्म के संयोजक राज बसु ने बताया कि पर्यटन व्यापार पूरे देश के जीडीपी में 10 फीसद का औसतन योगदान रहता है। वहीं यह क्षेत्र 12 फीसद रोजगार भी देता है। कोरोना काल में पर्यटन व्यापार की कमर टूट गई है। लेकिन बजट में पर्यटन व्यापार को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक सहायता का जिक्र तक नहीं है।

हिमालयन हॉस्पिटेलिटी ट्रेवल एंड टूर डेवलपमेंट नेटवर्क के महासचिव सम्राट सान्याल ने बताया कि कोरोना में भारी नुकसान का सामना करने के बाद हम सभी पर्यटन व्यापारी बजट पर आस लगाए बैठे थे। लेकिन केंद्र सरकार ने पर्यटन व्यापारियों को काफी निराश किया है। बल्कि पिछले वर्ष आवंटित राशि से भी कटौती की गई है। केंद्र सरकार को बजट पर पुनर्विचार करना चाहिए।

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