एनएफ रेलवे ने की यूजर डिपो शेड्यूल की शुरूआत
जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी भारतीय रेल को अपनी सम्पत्तियों के रखरखाव तथा परिचालन के लिए बड़ी मा
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : भारतीय रेल को अपनी सम्पत्तियों के रखरखाव तथा परिचालन के लिए बड़ी मात्रा में सामग्रियों की जरूरत पड़ती है, जिसे भंडार विभाग द्वारा खरीदी जाती है एवं उसे अपने डिपो में अंतिम उपभोक्ताओं के बीच वितरित किया जाता है। इस भारी मात्रा में सामग्रिया प्राप्त करना, वितरण करना, रिकार्ड रखना तथा विश्लेषण करना अत्यंत कठिन कार्य है। इस कार्य को ज्यादा सुविधाजनक, सरल तथा कागज रहित बनाने के लिए पूर्वोत्तर सीमा रेल ने आपूíत की पूरी श्रृंखला का डिजिटलीकरण सुनिश्चित करने के लिए सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम्स (सीआरआईएस) द्वारा विकसित डिजिटल प्रणाली यूजर डिपो मोड्युल को अपने कार्य पद्धति में शामिल किया है। इस सिस्टम के क्रियान्वयन से मैनुअल कार्य पद्धति का डिजिटल कार्य पद्धति के रूप में रीयल टाइम ट्राजेक्शन के साथ एक विशाल बदलाव आएगा साथ में सभी भागीदारों के बीच ऑनलाइन जानकारी का विनिमय होगा। यूडीएम सिस्टम से यूजर डिपो के स्तर तक विभिन्न सामग्री प्रबंधन कार्यकलापों का कम्प्यूटरीकरण होगा।
एनएफ रेलवे के सीपीआरओ शुभानन चंदा द्वारा मिली जानकारी के अनुसार भंडार डिपो से जारी अथवा किसी भी बाहरी फर्म से सामग्री के प्राप्त किए जाने से लेकर उसके इस्तेमाल तथा रद्दी के रूप में भंडार डिपो तक उसके वापस किए जाने तक पूरी प्रक्रिया की निगरानी की जा सकती है, परिणाम स्वरूप सामग्री के संपूर्ण जीवन चक्र डिजिटलीकरण होगा। अधिकृत उपभोक्ता द्वारा प्राप्त एवं जारी किए जाने वाले लेनदेनों का रिकार्ड रखने के लिए कम्प्यूटराइज्ड लेजरों तथा डीएमटीआर (डेली मैटेरियल ट्राजेक्शन रिपोर्ट) का सृजन, फलस्वरूप बड़ी संख्या में कागजों की बचत, पर्यावरण की रक्षा हो सकेगी।
यूडीएम के जरिए स्टॉक की जाच तथा स्टॉक शीट का प्रबंधन किया जा सकता है। यूडीएम के माध्यम से कई विशिष्ट रिपोटों को देखा जा सकता है, जिससे कि संभावित निर्णय के स्थान पर सूचित निर्णय लेने तथा विश्लेषण करने में सहायता मिलती है।
उपभोग की प्रवृति का आकलन के उपरात सामग्रियों की वाíषक जरूरतों की आसानी से समीक्षा की जा सकती है। परिणाम स्वरूप डिपों में रखी जाने वाली सामग्रियों का अनुकूल स्टॉक रखने से भारी बचत। यूडीएम का इस्तेमाल करने वाले अन्य उपभोक्ता डिपो, भंडार डिपो की माग की जानकारी ली जा सकती है तथा जरूरत के अनुसार उन डिपो में सामग्रिया भेजी सकती है। रसीद, स्वीकृति, एडवाइस नोट, गेट पास, कवरिंग नोट इत्यादि ऑनलाइन तैयार किए जा सकते हैं, फलस्वरूप कागजों के इस्तेमाल में कमी में कमी की जा सकेगी। एनएफ रेल के सभी डिपो में से गुवाहाटी कोचिंग डिपो व्यापक रूप से यूजर डिपो मोड्युल का कार्यान्वय करने वाली प्रथम इकाई बन चुकी है। पूसी रेल के अन्य सभी डिपो भी सम्पूर्ण डिजिटलीकरण तथा हरित पर्यावरण के लिए कागज रहित कार्य के लिए इस मोड्युल का कार्यान्वयन कर रही है।