पूसी रेलवे ने कागज रहित काम पर दिया जोर

जाररण संवाददातासिलीगुड़ी पूसी रेल ने कागज रहित कामकाज का विकल्प का चयन किया है माल व्यवसा

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 10:06 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 10:06 PM (IST)
पूसी रेलवे ने कागज रहित काम पर दिया जोर
पूसी रेलवे ने कागज रहित काम पर दिया जोर

जाररण संवाददाता,सिलीगुड़ी:

पूसी रेल ने कागज रहित कामकाज का विकल्प का चयन किया है, माल व्यवसाय के क्षेत्र में मैनुअल आरआर के स्थान पर ईटी-आरआर (रेलवे रसीद के इलेक्ट्रॉनिक पारेषण) का प्रचलन आरम्भ किया है। वर्तमान में पूसी रेलवे कुल रसीद का करीब 76 प्रतिशत रसीद के इलेक्ट्रॉनिक पारेषण के जरिए जारी कर रही है। यह जानकारी सीपीआरओ शुभानन चंदा ने दी। उन्होंने बताया कि रेलवे के माल व्यवसाय की सम्पूर्ण श्रृंखला में आरआर एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। यह रेल द्वारा परिवहन के लिए मालों की प्राप्ति की एक पावती रसीद जैसा है। मूल रेलवे रसीद के मालिक ही मालों के मालिक होते हैं।

पहले की प्रणाली में, एक बार मुद्रित आरआर के तैयार होने पर मालगाड़ी में मालों की लदाई सम्पूर्ण होने के उपरात कंसाइनमेंट लोड करने वाले रेल ग्राहक (कंसाइनर) को प्रदान किया जाता था। बदले में कंसाइनर को डाक अथवा कूरियर के माध्यम से इसे कंसाइनी, जो गंतव्य पर मालों की डिलीवरी प्राप्त करते थे, को हस्तातरण करना होता था। गंतव्य स्टेशन पर ग्राहक द्वारा मूल आरआर के सौंपे जाने पर कंसाइनमेंट की डिलीवरी दी जाती थी।

पूर्ववर्ती प्रणाली में मूल आरआर से पहले मालगाड़ी के गंतव्य स्थल पर पहुंच जाने की स्थिति में ग्राहकों को माल की डिलीवरी लेने में विलम्बता की परेशानी का सामना करना होता था। आरआर के इलेक्ट्रॉनिक तरीके से पारेषण की नई प्रणाली ने इस समस्या को सम्पूर्ण से समाप्त कर दिया।

शुरू की गई नई प्रणाली अत्यंत ही सरल, झझट से मुक्त तथा उपभोक्ता हितैषी प्रणाली है, माल ग्राहकों के लिए काफी लाभदायक साबित होगी। इस प्रणाली में मालों की प्रभावशाली तरीके से डिलीवरी के लिए सम्पूर्ण रूप से इलेक्ट्रॉनिक तरीके से तैयार, पारेषित तथा सुपुर्द की जाने वाली रेलवे रसीद (आरआर) एक आवश्यक दस्तावेज है।

ईटी-आरआर तैयार करने वाली प्रणाली मंडल में फ्रेट व्यवसाय के सभी कार्यकारी स्थानों पर कारगार है। सम्पूर्ण प्रक्रिया एफओआईएस पोर्टल के जरिए सम्पादित होती है। इस सुविधा लाभ उठाने के लिए ग्राहकों (कंसाइनर तथा कंसाइनी दोनों) को निकटवर्ती रेलवे मंडल के साथ स्वयं को पूर्व-पंजीयन करना होता है। ग्राहकों को ग्लोबल कस्टमर कोड हासिल होने के उपरात एफओआईएस पोर्टल पर स्वयं का पंजीयन करा सकते हैं तथा ईटी-आरआर की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।

ईटी-आरआर प्रणाली अत्यंत ही सुरक्षित है, क्योंकि आरआर के सृजन से पारेषण से सुपुर्दगी तक की सभी क्रम के लिए यूजर आईडी, पासवर्ड तथा यूनिक सिस्टम द्वारा सृजित फ्रेट नम्बर रिकार्ड (एफएनआर) तथा वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) की आवश्यकता होती है। प्रणाली द्वारा सृजित एफएनआर तथा ओटीपी सिर्फ पंजीकृत ई-मेल आईडी तथा ग्राहकों के मोबाइल नम्बरों पर भेजी जाती है।

यह उल्लेखनीय है कि रेलवे एफओआईएस पोर्टल के जरिए वैगनों के लिए माग इलेक्ट्रॉनिक (ई-आरडी प्रारूप) तरीके से दाखिल करने की प्रणाली का शुभारम्भ कर चुकी है। माग के इलेक्ट्रॉनिक पंजीयन (ई-आरडी) प्रारूप के तहत अब तक 3895 ग्राहकों का पंजीयन किया जा चुका है तथा कुल माग का 75 प्रतिशत इस इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप के जरिए पंजीयनक किया जा चुका है। ई-आरडी प्रारूप से आरम्भ होने से अब ग्राहकों के अपनी माग के पंजीयन के लिए रेलवे परिसर पहुंचने की जरूरत नहीं होती है।

ई-आरडी प्रारूप के साथ ईटी-आरआर हमारे ग्राहकों के लिए माल ढुलाई व्यवसाय को ज्यादा पहुंच के लायक तथा पारदर्शी बनाती है। इसके अलावा, आरआर का इलेक्ट्रॉनिक हस्तातरण न केवल तेजी से होते हैं बल्कि सुरक्षित भी है। इसके तहत आरआर के किसी भी तरह के भौतिक हस्तातरण की जरूरत नहीं होती है, इसलिए पारगमन में आरआर के खोने की भी कोई गुंजाइश नहीं है।

रेलवे रसीद की इलेक्ट्रॉनिक पारेषण (ईटी-आरआर) तथा (ई-आरडी प्रारूप) रेलवे के माल ढुलाई व्यवसाय के मामले में निश्चित रूप से अत्यंत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रही है। यह डिजिटल इंडिया की पहल को तेज गति प्रदान करने के साथ ही मालवाही ग्राहकों के सभी वर्गो के लिए यह एक सुरक्षित, तेज, पारदर्शी तथा और भी अधिक सुविधाजनक कागज रहित प्रणाली प्रदान करती है।

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