बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों के लिए बनेंग तीन नए सेंटर
-राज्य सरकार को भेजा गया विशेष प्रस्ताव -कोरोना को लेकर उत्तरकन्या में हुई उच्च स्तरीय ब
-राज्य सरकार को भेजा गया विशेष प्रस्ताव
-कोरोना को लेकर उत्तरकन्या में हुई उच्च स्तरीय बैठक
-निजी अस्पतालों को चिकित्सा शुरू करने का निर्देश
-एनबीएमसीएच में एक और आइसोलेशन वार्ड बनाने की तैयारी जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : कोरोना वायरस महामारी के दौर में बहुत से ऐसे मरीजों के कोरोनावायरस से संक्रमित होने के मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं, फिर भी जाच के दौरान कोविड-19 पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। ऐसे मरीजों के इलाज के लिए अलग से सेफ हाउस यानी अलग सेंटर तैयार करने पर विचार किया जा रहा है। कोविड-19 से संबंधित विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए शनिवार को सिलीगुड़ी के निकट कामरंगागुड़ी स्थित राज्य शाखा सचिवालय उत्तरकन्या में बैठक हुई। बैठक में राज्य के उत्तर बंगाल विकास मंत्री रवींदनाथ घोष, जलपाईगुड़ी डिवीजनल कमिश्नर अजीत रंजन बर्धन, दाíजलिंग जिले के डीएम एस पोन्नाबल्लम तथा उत्तर बंगाल में कोरोना वायरस के मामलों को देखने के लिए राज्य सरकार द्वारा नियुक्त ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) डॉक्टर सुशात कुमार राय, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन समेत कुछ प्राइवेट नìसग होम के प्रबंधन के लोग उपस्थित थे। बैठक के बाद संवाददाताओं से बातें करते हुए ओएसडी डॉक्टर राय ने ने बताया कि बहुत से ऐसे मामले आ रहे हैं,जिनमें कोरोना के लक्ष्ण तो नहीं है लेकिन जाच में संक्रमित पाए जा रहे हैं। ऐसे मरीजों को अलग रखने की व्यवस्था हो रही है। उन्होंने बताया कि अलग से सेंटर तैयार करने का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भेजा गया है। इसके लिए तीन अलग सेंटर तैयार किए जाएंगे। अभी कोरोना वायरस के लक्षण वाले मरीजों को तथा बिना लक्षण वाले मरीजों को एक साथ कोविड-19 अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है। इससे लक्षण वाले मरीजों में भी लक्षण दिखने लगते हैं। अलग सेंटर तैयार हो जाने से बिना लक्षण वाले मरीजों को इन सेंटरों में रखा जा सकता है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्राइवेट नìसग होम में कोरोना वायरस के संभावित मरीजों के प्रवेश तथा निकास अलग रखने की व्यवस्था करते हुए अलग से आइसोलेशन वार्ड तैयार करने की चर्चा अस्पताल प्रबंधन से की जा रही है। इसके अलावा उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड तैयार किया जा रहा है। जिसमें कोरोना वायरस के संभावित मरीजों को भर्ती किया जाएगा। डॉक्टर राय ने कहा कि ऐसी शिकायतें मिल रही हैं की प्राइवेट नìसग होम में आपातकालीन स्थिति वाले मरीजों का इलाज नहीं किया जा रहा है। उन्हें वापस कर दिया जा रहा है। इस बारे में भी प्राइवेट अस्पताल प्रबंधन से चर्चा की गई। प्राइवेट अस्पताल प्रबंधन का कहना था कि लोग इलाज करना चाहते हैं, लेकिन अस्पताल से घर जाने के दौरान आसपास के रहने वाले लोग परेशान होते हैं।उन्हें घर में प्रवेश नहीं होने दिया जा रहा है। जिससे दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टर राय ने कहा कि एक सप्ताह बाद फिर से एक बैठक की जाएगी। उन्होंने आम लोगों से भी आग्रह किया कि चिकित्सकों के साथ इस तरह का व्यवहार ना करें।