निर्जला एकादशी व्रत कर की गयी श्रीहरि की पूजा
जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी निर्जला एकादशी सोमवार किया जा रहा है। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत क
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी:
निर्जला एकादशी सोमवार किया जा रहा है। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना जाता है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समíपत होती है। ऐसे में एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। भक्त श्री हरि की विशेष कृपा पाने के लिए व्रत भी रखते हैं। धाíमक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी व्रत को सच्चे मन से रखने वाले भक्त सभी सासरिक सुखों को भोगकर अंत में मोक्ष प्राप्त करते हैं।हर महीने दो बार एकादशी तिथि आती है। एक कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष। इस तरह से साल में कुल 24 एकादशी तिथि पड़ती है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष को पड़ने वाली एकादशी को निर्जला एकादशी कहा जाता है।निर्जला एकादशी पर तुलसी के पौधे के पास दीपक प्रज्वलित कर पूजन करना चाहिए। मान्यता है इससे आपके घर में धन, यश और वैभव बना रहता है। आपको भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। ग्रंथों में भगवान विष्णु को पीताबरधारी भी कहते हैं यानी पीले वस्त्र पहनने वाले। इसलिए निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु के किसी मंदिर में पीले वस्त्र (धोती) अíपत करें। इससे भगवान प्रसन्न होते हैं। मोर पंख भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण के स्वरूप से जुड़ा हुआ है। इसलिए निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु के मंदिर में मोर पंख या मोर मुकुट चढ़ाना चाहिए। इससे आपकी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।
निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु के मंदिर में बासुरी चढ़ानी चाहिए। ये भी उनके श्रीकृष्ण अवतार के स्वरूप से जुड़ी हुई है। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। -----------
निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु के मंदिर में बासुरी चढ़ानी चाहिए। ये भी उनके श्रीकृष्ण अवतार के स्वरूप से जुड़ी हुई है। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।