ममता और अनित को एक मंच पर देख लगाए जा रहे कई कयास
जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी ममता की छत्रछाया में बिमल गुरुंग के लौटते ही पहाड़ के कई राजनेत
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : ममता की छत्रछाया में बिमल गुरुंग के लौटते ही पहाड़ के कई राजनेताओं ने यूटर्न लिया। अनित थापा का साथ छोड़कर विनय तमांग ने पार्टी से ही इस्तिफा दे दिया। लेकिन लगता है मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अनित थापा का हाथ नहीं छोड़ा है। रविवार को सिलीगुड़ी के बाघाजतीन पार्क में आयोजित विजया सम्मिलनी कार्यक्रम में पहाड़ से मात्र अनित थापा ने मुख्यमंत्री के साथ मंच साझा किया। अनित थापा को मुख्यमंत्री के साथ देखकर पहाड़ के राजनीतिक समीकरण में तरह-तरह कयास लगाए जा रहे हैं।
सरकारी कार्यक्रम का मंच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ साझा करने को लेकर अनित थापा ने कहा कि इस कार्यक्रम में शरीक होने के लिए उन्हें आमंत्रित किया गया था। पहाड़ के विकास के लिए वे कई मुद्दों की तरफ मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित करेगें। उन्होंने आगे कहा कि गोर्खा क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) का अविलंब ऑडिट कराने की आवश्यकता है। यहां बताते चलें कि रविवार को सिलीगुड़ी के बाघाजतीन पार्क में विजया सम्मिलनी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्वयं दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, कालिम्पोंग और अलीपुरद्वार जिले में सर्वश्रेष्ठ पूजा आयोजन करने वाले चार आयोजनकर्ता मंडली के सदस्यों को विश्व बांग्ला शारद सम्मान से नवाजा। इस मंच पर ममता कैबीनेट में शामिल मालदा की सबिना यास्मिन, दक्षिण दिनाजपुर के बिप्लव मित्रा, अरुप विश्वास, इंद्रनील सेन, सांसद शांता छेत्री, गौतम देव, सिलीगुड़ी जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण के चेयरमैन सौरभ चक्रवर्ती समेत सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नर गौरव शर्मा, आईजी नॉर्थ बंगाल डीपी सिंह, आईपीएस अजित वर्धन, दार्जिलिंग जिला शासक एस पून्नाबलम, कालिम्पोंग की जिला शासक आर विमला, जलपाईगुड़ी जिला शासक मोमिता गोदारा बासू व अन्य अधिकारी उपस्थित थे। आज के इस मंच पर पहाड़ से केवल मात्र एक नेता अनित थापा उपस्थित थे। बिमल गुरुंग, विनय तमांग व अन्य नदारथ थे। जबकि राजद्रोह के आरोप में फरार चल रहे गोजमुमो अध्यक्ष बिमल गुरुंग ममता की छत्रछाया में वापस पहाड़ पर लौटे। बल्कि विनय के अलग होते ही अनित थापा ने अपनी अलग पार्टी तक बनाई। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आने वाले चुनाव में पहाड़ पर कब्जा जमाने के उद्देश्य से ही ममता बनर्जी किसी को भी अपने से दूर नहीं करना चाहती हैं।