कोरोना के तीसरे चरण की संभावना को देखते हुए स्वान ने शुरू की तैयारी

-इस महामारी से निपटने के लिए गठित की गई कोविड थर्ड वेव प्रिपेयर्डनेस नेटवर्क (सीडब्ल्यूपीएन) -इ

By JagranEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 07:52 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 07:52 PM (IST)
कोरोना के तीसरे चरण की संभावना को देखते हुए स्वान ने शुरू की तैयारी
कोरोना के तीसरे चरण की संभावना को देखते हुए स्वान ने शुरू की तैयारी

-इस महामारी से निपटने के लिए गठित की गई 'कोविड थर्ड वेव प्रिपेयर्डनेस नेटवर्क' (सीडब्ल्यूपीएन)

-इटली की एक अंतरराष्ट्रीय स्वैच्छिक संगठन 'प्रो-विडा' से अनुदान के रूप में प्राप्त हुए चिकित्सकीय उपकरण

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : कोरोना वायरस महामारी में कोरोना संक्रमित मरीजों की जिंदगी बचाने में अपनी अहम भूमिका निभाने वाला संगठन स्काई वाचर्स एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ बंगाल (स्वान) कोरोना के संभावित तीसरी लहर से बचने की तैयारियों में जूट गया है। स्वान डूआर्स व तराई के साथ-साथ सुंदरवन के दूरदराज के इलाकों में कई स्वयंसेवी संगठनों के बीच 40 लाख रुपये के चिकित्सकीय उपकरणों को वितरित करते हुए 'कोविड थर्ड वेव प्रिपेयर्डनेस नेटवर्क' (सीडब्ल्यूपीएन) गठित किया गया है। स्वान कोरोना की इस भयावह परिस्थिति में लोगों के सेवार्थ किए गए कार्यो की बल पर इटली की एक अंतरराष्ट्रीय स्वैच्छिक संगठन 'प्रो-विडा' से अनुदान के रूप में चिकित्सकीय उपकरणों को प्राप्त करने की अर्हता सफलतापूर्वक प्राप्त कर सका है। इस बारे में स्वान के संस्थापक सचिव देवाशीष सरकार ने बताया कि यह उत्तर बंगाल के लिए अब तक का सबसे बड़ा विदेशी गैर-सरकारी अनुदान है।

हालांकि उन्होंने कहा कि वर्तमान वैश्विक कोविड-19 परिस्थिति ढलान की ओर है, लेकिन विशेषज्ञ जल्द ही तीसरी लहर के आने की आशका जता रहे हैं जो कि पहली व दूसरी लहर से भी भयावह हो सकती है। वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञ स्थिति को संभालने की पूरी कोशिश में जुटे हुए हैं। इस दिशा में हम आम आदमी भी आवश्यक सतर्कता बरतते रहें तो उनके लिए सहायक हो सकते हैं। यह स्वान के सीडब्ल्यूपीएन का मुख्य उद्देश्य है।

सरकार ने कहा कि इसरो का एक संबद्ध नेटवर्क संस्थान होने के नाते और नासा के आफ्टर स्कूल एस्ट्रोनॉमी इनिशिएटिव की मान्यता के अंतर्गत, मूल रूप से स्वान का काम खगोल विज्ञान और विज्ञान को लोकप्रिय बनाने से जुड़ा है। 'स्वान' का कार्य भले ही आकाश को मापना हो लेकिन हम यह नजर अंदाज नहीं कर सकते कि हमारे पैरों तले जमीन भी है, जो हमें आसरा देती है। यही वजह है जो हमें आपदा राहत गतिविधियों में भी शामिल रखती है और कोविड-19 कोई अपवाद नहीं है।

उन्होंने कहा कि 30 संगठनों और कुछ ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों की गतिविधियों का अध्ययन-आकलन करने के बाद, स्वान ने उन्हें सीडब्ल्यूपीएन के लिए सूचीबद्ध किया है। वे सभी हॉस्पिटल ग्रेड ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स, अन्य उपकरण या सुरक्षात्मक सामग्री पा रहे हैं। उनमें से कुछ के पास सी-पैप मशीनें भी होंगी (जिन्हें अक्सर मिनी वेंटिलेटर कहा जाता है)। उपकरणों को उनके दर तक पहुंचाते हुए, हम उन्हें समíपत समन्वय के तहत मशीनों के उपयोग, रखरखाव और नेटवर्क के काम करने की पद्धति के प्रति भी प्रशिक्षित करेंगे।

ये सभी संगठन हमेशा स्वान के सीडब्ल्यूपीएन समन्वयकों के समन्वय में रहेंगे। यह एक जगह के उपकरणों को दूसरे नजदीकी पड़ोस के लोगों के भी उपयोग आ सकने में सहायक होगा, जिससे सभी मशीनों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा। इसके अलावा, समन्वयकों द्वारा उपयोग स्थिति व पद्धति पर तैयार किया गया डेटाबेस भारत के साथ-साथ विदेशों में भी अकादमिक शोधकर्ताओं के लिए बहुत उपयोगी होगा।

उन्होंने बताया कि तीसरी लहर हो या न हो, ये मशीनें भविष्य में स्वास्थ्य सेवा के कुछ क्षेत्रों में लोगों को सशक्त बनाएंगी। ये सभी मशीनें निर्माताओं द्वारा प्रदत्त वर्षो की अंतरराष्ट्रीय वारंटी कवरेज के अंतर्गत हैं।

तीन महीने की लंबी आधिकारिक कार्यवाही और अंतरराष्ट्रीय स्तर की बहुत ज्यादा औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद स्वान ने इटली के एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय स्वैच्छिक संगठन 'प्रो-विडा' का विश्वास जीतते हुए अनुदान के रूप में इन उपकरणों को प्राप्त किया ताकि परोपकारी पहल की जा सके।

स्वान ने कोई आíथक सहयोग लेने के बजाय प्रो-विडा से केवल उपकरणों को स्वीकार करना ही पसंद किया। फिलिप्स सहित हेल्थकेयर मशीनों की वैश्विक अग्रणी कंपनियों द्वारा मेक्सिको में निíमत, इन सामग्रियों को इटली में खरीदा गया और 11.5 लाख रुपये के खर्चे पर एक अंतरराष्ट्रीय कार्गो हैंडलर के माध्यम से निर्यात किया गया। आधिकारिक औपचारिकताओं की लंबी प्रक्रिया को पूरा करने और कई सरकारी मानदंडों को पूरा करने के बाद ही स्वान ने इन्हें एक आयातक के तौर पर प्राप्त किया।

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