हल्दिया गैस सिलेंडर कारखाने का सात अगस्त से बंद रखने का निर्णय

- श्रमिक संगठन आदोलन की राह पर जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी राज्य में तीसरी बार तृणमूल की सरक

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 08:05 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 08:05 PM (IST)
हल्दिया गैस सिलेंडर कारखाने का सात अगस्त से बंद रखने का निर्णय
हल्दिया गैस सिलेंडर कारखाने का सात अगस्त से बंद रखने का निर्णय

- श्रमिक संगठन आदोलन की राह पर

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : राज्य में तीसरी बार तृणमूल की सरकार बनते ही सिलीगुड़ी के निकट फूलबाड़ी स्थित हल्दिया गैस सिलेंडर कारखाना हमेशा के लिए बंद होने वाला है। मिनी सचिवालय उत्तरकन्या के निकट स्थित हल्दिया प्रिसिषण इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड प्रबंधन ने इस वर्ष सात अगस्त से कारखाने को बंद करने के नोटिस चस्पा किया है। वहीं दूसरी ओर कारखाना बंद करने का नोटिस देखकर कर्मचारियों का पाड़ा गर्म हो गया है। कारखाना बंद करने के खिलाफ श्रमिकों ने जोरदार आदोलन की हुंकार भरी है।

जानकारी के मुताबिक बीते करीब 30 वर्षो से यह हल्दिया कारखाने में गैस सिलेंडर का उत्पादन हो रहा है। श्रमिकों की विभिन्न समस्याओं को लेकर इसके पहले भी कारखाना बैंड5 करने के अल्टीमेटम प्रबंधन की ओर से दिया जा चुका है। बल्कि कारखाना बंद करने को लेकर लेबर कमिश्नर कार्यालय में त्रिपक्षीय बैठक भी हो चुका है। शनिवार की सुबह काम पर आए श्रमिको ने कारखाना बंद करने के नोटिस देखकर विरोध शुरु कर दिया। कारखाना बंद करने के लिए प्रबंधन ने जारी नोटिस में बताया है कि सरकारी तेल कंपनी इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिसन्दुस्तान पेट्रोलियम पहले की भाति सिलेंडर बनाने का आर्डर नहीं दे रहें हैं। बल्कि दर में भी 125 रुपये की कटौती किया है। इसलिए अगले 7 अगस्त से कारखाने को बंद कर दिया जयेगा। कारखाना बंद करने के निर्णय से राज्य के श्रम विभाग से लेकर सभी संबंधित विभागों को पत्र के माध्यम से अवगत करा दिया गया है।

श्रमिकों का आरोप है कि तेल कंपनियों पर झूठे कारण थोप कर प्रबंधन कारखाने को बंद करने के फिराक में हैं। बल्कि कारखाना बंद करने को लेकर श्रमिको के साथ किसी भी तरह का विचार-विमर्श नहीं किया गया है। कारखान बंद करने के निर्णय को वापस लेने की माग श्रमिक संगठन आईएनटीटीयूसी ने किया है। फूलबाड़ी 1 नंबर अंचल आईएनटीटीयूसी अध्यक्ष यानुल हक मुंसी ने बताया कि इस कारखाने में दो सौ के करीब श्रमिक स्थाई तौर पर बीते 30 वर्षो से कार्य करते आ रहें है। कारखान बंद होने से इन श्रमिकों का परिवार भूखे मरने के कगार पर खड़ा हो जाएगा। और ऐसा कतई नहीं होने दिया जयेगा। बल्कि आवश्यकता पड़ने पर जोरदार आदोलन का रुख किया जयेगा। कारखाने के क्वालिटी कंट्रोल इंचार्ज देवनील सिंह राय ने बताया कि तेल कंपनिया पहले की भाति आर्डर नहीं दे रहीं हैं। बल्कि 40 ह?ार सिलेंडर अभी भी कारखाने में पड़े हुए हैं। प्रति महीने 30 से 40 ह?ार सिलेंडर उत्पादन करने वाली इस कारखाने में फिलहाल 8 ह?ार सिलेंडर का उत्पादन किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में कारखाना चलाना असंभव है। इसलिए प्रबंधन ने कारखाने को बंद करने का निर्णय लिया है।- श्रमिक संगठन आदोलन की राह पर

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : राज्य में तीसरी बार तृणमूल की सरकार बनते ही सिलीगुड़ी के निकट फूलबाड़ी स्थित हल्दिया गैस सिलेंडर कारखाना हमेशा के लिए बंद होने वाला है। मिनी सचिवालय उत्तरकन्या के निकट स्थित हल्दिया प्रिसिषण इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड प्रबंधन ने अगले 7 अगस्त से कारखाने को बंद करने के नोटिस चस्पा किया है। वहीं दूसरी ओर कारखाना बंद करने का नोटिस देखकर कर्मचारियों का पाड़ा गर्म हो गया है। कारखाना बंद करने के खिलाफ श्रमिकों ने जोरदार आदोलन की हुंकार भरी है।

जानकारी के मुताबिक बीते करीब 30 वर्षो से यह हल्दिया कारखाने में गैस सिलेंडर का उत्पादन हो रहा है। श्रमिकों की विभिन्न समस्याओं को लेकर इसके पहले भी कारखाना बैंड5 करने के अल्टीमेटम प्रबंधन की ओर से दिया जा चुका है। बल्कि कारखाना बंद करने को लेकर लेबर कमिश्नर कार्यालय में त्रिपक्षीय बैठक भी हो चुका है। शनिवार की सुबह काम पर आए श्रमिको ने कारखाना बंद करने के नोटिस देखकर विरोध शुरु कर दिया। कारखाना बंद करने के लिए प्रबंधन ने जारी नोटिस में बताया है कि सरकारी तेल कंपनी इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिसन्दुस्तान पेट्रोलियम पहले की भाति सिलेंडर बनाने का आर्डर नहीं दे रहें हैं। बल्कि दर में भी 125 रुपये की कटौती किया है। इसलिए अगले 7 अगस्त से कारखाने को बंद कर दिया जयेगा। कारखाना बंद करने के निर्णय से राज्य के श्रम विभाग से लेकर सभी संबंधित विभागों को पत्र के माध्यम से अवगत करा दिया गया है।

श्रमिकों का आरोप है कि तेल कंपनियों पर झूठे कारण थोप कर प्रबंधन कारखाने को बंद करने के फिराक में हैं। बल्कि कारखाना बंद करने को लेकर श्रमिको के साथ किसी भी तरह का विचार-विमर्श नहीं किया गया है। कारखान बंद करने के निर्णय को वापस लेने की माग श्रमिक संगठन आईएनटीटीयूसी ने किया है। फूलबाड़ी 1 नंबर अंचल आईएनटीटीयूसी अध्यक्ष यानुल हक मुंसी ने बताया कि इस कारखाने में दो सौ के करीब श्रमिक स्थाई तौर पर बीते 30 वर्षो से कार्य करते आ रहें है। कारखान बंद होने से इन श्रमिकों का परिवार भूखे मरने के कगार पर खड़ा हो जाएगा। और ऐसा कतई नहीं होने दिया जयेगा। बल्कि आवश्यकता पड़ने पर जोरदार आदोलन का रुख किया जयेगा। कारखाने के क्वालिटी कंट्रोल इंचार्ज देवनील सिंह राय ने बताया कि तेल कंपनिया पहले की भाति आर्डर नहीं दे रहीं हैं। बल्कि 40 ह?ार सिलेंडर अभी भी कारखाने में पड़े हुए हैं। प्रति महीने 30 से 40 ह?ार सिलेंडर उत्पादन करने वाली इस कारखाने में फिलहाल 8 ह?ार सिलेंडर का उत्पादन किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में कारखाना चलाना असंभव है। इसलिए प्रबंधन ने कारखाने को बंद करने का निर्णय लिया है।

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