जिला घोषित होने के बाद पहले विधानसभा चुनाव को तैयार कालिम्पोंग

-14 मतदान केंद्रों पर इंटरनेट का टूजी कनेक्शन -60 मतदान केंद्र डीसीआरसी से 5 घटे की दूरी

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 09:33 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 09:33 PM (IST)
जिला घोषित होने के बाद पहले विधानसभा चुनाव को तैयार कालिम्पोंग
जिला घोषित होने के बाद पहले विधानसभा चुनाव को तैयार कालिम्पोंग

-14 मतदान केंद्रों पर इंटरनेट का टूजी कनेक्शन

-60 मतदान केंद्र डीसीआरसी से 5 घटे की दूरी पर

-145 किलोमीटर की दूरी वाला टांग्टा प्राइमरी स्कूल केंद्र सबसे दूर

-सभी पोलिंग पार्टियों को टी-1 अर्थात 16 अप्रैल को मतदान केंद्रों के लिए किया जाएगा रवाना

मोहन झा, सिलीगुड़ी : हिमालय की गोद में बसा पश्चिम बंगाल राज्य का कालिम्पोंग जिला विधान सभा चुनाव-2021 के लिए तैयार हो गया है। जिला बनने के बाद कालिम्पोंग का यह पहला विधानसभा चुनाव है। जिले के 14 मतदान केंद्र ऐसे हैं जहां मुश्किल से इंटरनेट का टूजी कनेक्शन उपलब्ध हो पाता है। कोई मतदान केंद्र पहाड़ की जड़ में तो कोई पहाड़ की उचाइयों पर स्थित मतदान केंद्र तक चुनाव कर्मियों व इवीएम को समय से पहुंचाने की पूरी तैयारी कर लिया गया है।

अमूमन एक जिले में एक से अधिक विधानसभा सीट होती है। बल्कि एक जिले में एक या एक से अधिक लोकसभा सीट होता है। लेकिन वर्ष 2017 के 14 फरवरी को जिले में परिणत हुआ कालिम्पोंग, दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। बल्कि पूरा कालिम्पोंग जिला मिलाकर एक ही विधानसभा क्षेत्र है। जिला बनने के बाद कालिम्पोंग में पहला विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। पांचवे चरण के तहत दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी के साथ कालिम्पोंग जिला की कालिम्पोंग विधानसभा सीट पर भी मतदान होना है। हिमालय की गोद में बसा कालिम्पोंग जिले का कई मतदान केंद्र काफी दुर्गम इलाकों में स्थित है।

जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार कालिम्पोंग जिले की 14 मतदान केंद्र ऐसे दुर्गम क्षेत्रों में स्थित है, जहां इंटरनेट का कनेक्शन काफी मुश्किल से मिलता है। इन 14 मतदान केंद्रों पर जिला प्रशासन ने इंटरनेट की टूजी परिसेवा की व्यवस्था कराई है। इसके अतिरिक्त टांग्टा प्राइमरी स्कूल में बना मतदान केंद्र डीसीआरसी से कुल 145 किलोमीटर दूर स्थित है। टांग्टा प्राइमरी स्कूल जिले का सबसे दूर मतदान केंद्र है। इसके अतिरिक्त कालिम्पोंग जिले में 60 ऐसे मतदान केंद्र हैं, जहां पहुंचने में चुनाव अधिकारी व कर्मचारियों को पांच घंटे की दूरी तय करनी होगी। इस बार कलिम्पोंग जिले में कुल 301 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। जो 221 परिसर में स्थित हैं। कालिम्पोंग जिले में कुल मतदाताओं की संख्या 2.9 लाख है।

कालिम्पोंग जिले की जिला निर्वाचन पदाधिकारी आर विमला ने बताया कि कई मतदान केंद्र डीसीआरसी से पांच घंटे की दूरी पर है। इन मतदान केंद्र के अधिकारी व चुनाव कर्मचारियों को प्राथमिकता के साथ टी-1 अर्थात 16 अप्रैल को सुबह 9 बजे ही डीसीआरसी से रवाना कर दिया जाएगा। ताकि टी-1 डे को पोलिंग पार्टी शाम के चार बजे तक मतदान केंद्रों तक पहुंच सके। उन्होंने आगे कहा कि दुर्गम इलाकों में स्थित होने के बाद भी इस बार टी-2 डे को किसी भी पोलिंग पार्टी को रवाना नहीं किया जाएगा। सभी पोलिंग पार्टियों को टी-1 को एक ही दिन मतदान केंद्रों तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। बल्कि इसके लिए कई बार अभ्यास भी किया जा चुका है। दुर्गम इलाकों में स्थित मतदान केंद्रों को जाने वाली मार्गो का जाएजा लिया गया है। किसी भी मतदान केंद्र तक जाने में ट्रैकिंग की आवश्यकता नहीं होगी। इस बार सभी मतदान केंद्रों पर बिजली, पानी और इंटरनेट की व्यवस्था की गई है। गोरूबथान के 14 मतदान केंद्रों पर टूजी सेवा रहेगी। चुनाव कर्मी संदेश भेजने में सक्षम होंगे। इसके अतिरिक्त पुलिस, अर्धसैनिक बल और सेक्टर अधिकारी सेटेलाइट फोन के माध्यम से संपर्क में रहेंगे। दुर्गम इलाकों नें स्थित मतदान केंद्रों पर मतदान के तीन दिन पहले से ही पेयजल और शौचालय के लिए पानी की टंकी को भरा जाएगा। पोस्टल बैलेट द्वारा मतदान की प्रक्रिया पांच अप्रैल से ही शुरु कर दिया गया है। 15 अप्रैल तक मतदान की सभी तैयारी पूरी कर ली जाएगी।

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