सीमावर्ती क्षेत्र में बढ़ा नशा का कारोबार

जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी भारत नेपाल-बांग्लादेश बिहार सीमांत सिलीगुड़ी महकमा के सीमावर्ती

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 06:56 PM (IST) Updated:Sun, 12 Jul 2020 06:56 PM (IST)
सीमावर्ती क्षेत्र में बढ़ा नशा का कारोबार
सीमावर्ती क्षेत्र में बढ़ा नशा का कारोबार

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : भारत नेपाल-बांग्लादेश बिहार सीमांत सिलीगुड़ी महकमा के सीमावर्ती क्षेत्रों में नवयुवकों के बढ़ रहे नशे की लत से सरहदी क्षेत्र में इन दिनों नशीले पदार्थ की बिक्री जोरों पर है। आए दिन नशीली वस्तुओं की जब्ती इस बात का सबूत है। सीमा से सटे क्षेत्रों में करीब चार दर्जन से अधिक मेडिकल स्टोर संचालित हैं। कोरोना काल में अन्य दुकानें बंद भी है परंतु दवा दुकानें बंद नहीं है। इन दुकानों में ज्यादा कमाई का जरिया केवल प्रतिबंधित नशीला पदार्थ ही है। सीमाई इलाके में प्रतिदिन युवाओं का सुबह से लेकर शाम तक आना-जाना लगा रहता है। ऐसे युवकों को प्राय: इन्हीं मेडिकल स्टोरों पर मंडराते देखा जा सकता है। इन दुकानों से इन्हें भारी मात्रा में प्रतिबंधित दवा आसानी से मिल जाती है। कुछ लोग इस नशीली दवाओं की बढ़ती माग को देखकर इसे बेहतर कमाई का जरिया मानकर कोरेक्स तथा कफसिरप जैसी प्रतिबंधित दवाओं को गैलन में भरकर आसानी से सरहद पर लाकर उसे किसी ना किसी माध्यम से युवाओं तक पहुंचाया जाता है। इसमें मोटी कमाई कर ले रहे हैं। तस्कर पहले इन दवाओं का रैपर तोड़कर गैलन में भर देते हैं, ताकि किसी को भनक तक ना लगे। फिर इसे सीमा के छोटे नाकों के रास्ते आसानी से नेपाल व बांग्लादेश और बिहार में आसानी से पहुंचा दे रहे हैं। ऐसा नहीं है की इससे संबंधित विभाग केआला अधिकारियों को इस बात की जानकारी नहीं है। वे यहा कभी-कभार पहुंचते तो हैं, लेकिन बिना लाइसेंस के चलाए जा रहे । इन मेडिकल की दुकानों पर कार्रवाई करने की बजाय उसकी ओर प्रशासन का कभी ध्यान ही नहीं जाता। दार्जिलिंग ग्रामीण डीएसपी अचिंत गुप्त का कहना है कि इस प्रकार के धंधे को रोकने के लिए पुलिस की ओर से लगातार कार्रवाई की जाती है। परेशानी तब होती है जब ये सभी इसके लिए नया नया तरीका अपनाते है।

chat bot
आपका साथी