ओवैसी की इंट्री से परेशानी में राजनीतिक दल

जागरण विशेष .. ओवैसी की पार्टी बंगाल की चुनाव लड़ने की घोषणा -मुस्लिम वोट को लेकर

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Nov 2019 07:32 PM (IST) Updated:Wed, 20 Nov 2019 07:32 PM (IST)
ओवैसी की इंट्री से परेशानी में राजनीतिक दल
ओवैसी की इंट्री से परेशानी में राजनीतिक दल

जागरण विशेष ..

ओवैसी की पार्टी बंगाल की चुनाव लड़ने की घोषणा

-मुस्लिम वोट को लेकर सता रहा विभिन्न दलों को डर

अशोक झा, सिलीगुड़ी :

पश्चिम बंगाल की राजनीति में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम दस्तक देने जा रही है। इसको लेकर भाजपा को छोड़ सभी राजनीतिक दलों में डर समाने लगा है। विधान सभा चुनाव बीजेपी के बढ़ते ग्राफ और ओवैसी के बंगाल में इंट्री ने राजनीतिक गणित को बिगाड़ दिया है। लोकसभा चुनाव के बाद दीदी के बोलो और प्रशांत किशोर को लेकर जहां चर्चा हो रही थी वही अब सुबह से शाम उत्तर बंगाल के हर चौक चौराहों पर ओवैसी के इंट्री को लेकर चर्चा हो रही है। इसको लेकर टीएमसी प्रमुख और सीएम ममता बनर्जी समेत माकपा और कांग्रेस की चिंता बढ़ा दिया है। उत्तर बंगाल से सटे किशनगंज बिहार के विधानसभा सीट पर एआईएमआईएम के उम्मीदवार कमरुल होदा ने विधानसभा उपचुनाव में अपनी जीत दर्ज की है। सबको लेकर अब चिंता सता रही है कि मुस्लिम वोटबैंक का क्या होगा?

क्या है मुख्य कारण

लोकसभा चुनाव 2019 में तृणमूल कांग्रेस को 52.38 प्रतिशत और भाजपा को 42.86 प्रतिशत और कांग्रेस को मात्र 4.76 प्रतिशत वोट मिले है। मुस्लिम वोट बैंक के कारण सत्तारुढ़ दल को 22 सीट पर ही रुक जाना पड़ा था।

ओवैसी ने खेला मुस्लिम कार्ड

असदुद्दीन ओवैसी ने ममता बनर्जी पर पलटवार करते हुए मंगलवार कहा कि ममता का बयान उनकी निराशा और हताशा दिखाता है। इससे पता चलता है कि पश्चिम बंगाल में एआईएमआईएम बड़ी ताकत बनकर उभर रही है।

दोतरफा चुनौतियों से घिरीं ममता

ममता बनर्जी पहले से ही बीजेपी से घिरी हुई हैं। बीजेपी ममता बनर्जी पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगातार हिंदुओं मतों को साधने में जुटी है। इसका नतीजा है कि बीजेपी का ग्राफ बंगाल में लगातार बढ़ा है। इसी साल लोकसभा चुनाव में बीजेपी 18 सीटें जीतने में कामयाब रही है। बीजेपी के बाद अब असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम बंगाल में अपने ग्राफ को बढ़ाने की कवायद शुरू कर दी है। ऐसे में ओवैसी ने बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।

मुस्लिम वोट खिसकने का डर

बता दें कि पश्चिम बंगाल के कुल मतदाताओं में से करीब 30 फीसदी मुस्लिम हैं। ऐसे में बंगाल की सियासत में ये मतदाता किंगमेकर की भूमिका में हैं। मौजूदा समय में मुस्लिम मतदाताओं को टीएमसी का मूल वोटबैंक माना जाता है। ऐसे में ओवैसी की नजर इन्हीं मुस्लिम मतों पर है, जिसने ममता बनर्जी को चिंता में डाल दिया है। यही वजह है कि ममता बनर्जी ने बीजेपी को निशाने पर लेने के साथ-साथ अब औवैसी को अपने टारगेट पर लेना शुरू कर दिया हैं। ऐसे में देखना होगा कि आगे क्या इन दोनों दलों के नेताओं के बीच इसी तरह से जुबानी जंग जारी रहती है या इनकी लड़ाई का फायदा कोई और उठा ले जाएगा?

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