West Bengal: नृत्य संगीत के बीच राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का शुभारंभ

West Bengal उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय पर्यटन व संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य गीत संगीत और कला को बचाना है और उसे विश्व के मानस पटल पर मंच देना है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 22 Feb 2021 07:43 PM (IST) Updated:Mon, 22 Feb 2021 07:43 PM (IST)
West Bengal: नृत्य संगीत के बीच राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का शुभारंभ
नृत्य संगीत के बीच राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का शुभारंभ। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी। West Bengal: केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव के दूसरे चरण का उद्घाटन  दार्जिलिंग के राजभवन में सोमवार अपरान्ह रंगारंग के गीत संगीत के माध्यम से किया। यह उत्सव 24 फरवरी तक चलेगा। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ 24 फरवरी को समापन समारोह में उपस्थित रहेंगे। राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का आयोजन एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है। समारोह ओडीसी विजन एंड मूवमेंट सेंटर द्वारा नृत्य कला संबंधी प्रस्तुति के साथ आरम्भ हुआ। माइकल (सैक्सोफोन), शायनी हाइरापिएट (बैंड) द्वारा गायन प्रस्तुति की गई।

उत्सव के दौरान वास्तविक रूप से तैयार किए गए हस्तशिल्प उत्पादों को प्रदर्शित करते हुए देश भर के 20 शिल्प स्टॉल लगाए गए हैं। उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय पर्यटन व संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य गीत संगीत और कला को बचाना है और उसे विश्व के मानस पटल पर मंच देना है। उन्होंने कहा कि देश के अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से जुड़े हर क्षेत्र में संस्कृति से जुड़े लोग वीर और साहसी होते हैं। उन्हें कुंठित करने के लिए नशे के गर्त में युवाओं को धकेला जाता है। इससे बचने के लिए जरूरी है इन क्षेत्रों में कला संस्कृति के साथ खेलकूद के आयोजन पर विशेष बल दिया जाए। उन्होंने कहा कि कला के साधक अपनी साधना के बल पर धन और यश घर बैठे भी कमा सकते हैं। जरूरी है उनकी कला को देश विदेश में मंच मिले। अपनी परंपरागत धरोहर और संस्कृति को बचा कर रखना इस मंत्रालय का लक्ष्य है। कहा कि संस्कृति मंत्रालय पर मूर्त और अमूर्त दोनों ही प्रकार की भारतीय संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन और प्रसार कार्य की जिम्मेदारी है, जिनमें अन्य बातों के अलावा पारंपरिक लोक नृत्य और कला रूपों, ललित कलाओं और समृद्ध जनजातीय धरोहर शामिल हैं। 

कला और संस्कृति को विश्व पटल पर ले जाना ही केंद्र सरकार और उनके मंत्रालय का उद्देश्य है। बंगाल में आयोजित होने वाला यह महोत्सव विविध संस्कृतियों के लोगों के बीच आपसी समझ और संबंधों को बढ़ाएगा। इससे भारत की एकता और अखंडता और अधिक मजबूत हो जाएगी। कूचबिहार में विरोध के बावजूद जिस प्रकार से कलाकारों ने इसमें बढ़चढ़ कर भाग लिया वह यहां के संस्कृति को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव वर्ष 2015 से ही आयोजित हो रहा है। दार्जिलिंग के सांसद व भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजू बिष्ट ने कहा कि दार्जिलिंग राजभवन में आयोजित इस कार्यक्रम के माध्यम से एक भारत,श्रेष्ठ भारत को बढ़ावा मिलेगा। यह ऐसा कार्यक्रम है जो देश की विभिन्न संस्कृति को एक सूत्र में पिरोता है। होम स्टे से जुड़े लोगों को कराया जाएगा प्रशिक्षण केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने कहा कि उनका मंत्रालय दार्जिलिंग में एक सौ से अधिक होमस्टे से जुड़े लोगों को प्रशिक्षित कर पर्यटन के अनुकूल माहौल देने वाली थी। लेकिन पता चल रहा है उसके संख्या 600 से अधिक हो जाएगी। संख्या कितनी भी हो सभी को प्रशिक्षण दिया जाएगा। विकट परिस्थिति राजभवन में इस कार्यक्रम को आयोजित किया जा रहा है 3 दिनों के अंदर बड़ी संख्या में इससे लोग जुड़ करें इसका लाभ उठाएंगे।

कलाकारों का बढ़ेगा आत्मविश्वास

इस राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का महत्व और भी अधिक है। जब हम कोविड महामारी से उबर रहे हैं,तब इसका आयोजन हो रहा है। महामारी ने कला एवं संस्कृतिक क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया है। इस कार्यक्रम के माध्यम से मंत्रालय ने आमलोगों को मनोरंजन का साधन उपलब्ध कराया है और साथ ही कलाकारों की भी सहायता की है। सभी आवश्यक उपायों को ध्यान में रखते हुए अब सास्कृतिक समारोह आयोजित किए जा सकते हैं। इस कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष भारती घोष समेत संस्कृति मंत्रालय से जुड़े अधिकारी मौजूद है। 

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