सांसद ने मुख्यमंत्री के बयान पर किया पलटवार

क्या बोले सांसद -उत्तर बंगाल को लेकर गंभीर नहीं हैं मुख्यमंत्री -पानी की समस्या दूर करने की न

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 09:10 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 09:10 PM (IST)
सांसद ने मुख्यमंत्री के बयान पर किया पलटवार
सांसद ने मुख्यमंत्री के बयान पर किया पलटवार

क्या बोले सांसद

-उत्तर बंगाल को लेकर गंभीर नहीं हैं मुख्यमंत्री

-पानी की समस्या दूर करने की नहीं हुई कोई पहल जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तराई, डुआर्स व पहाड़ तथा उत्तर बंगाल में भारी बारिश से हुए नुकसान का आंकलन जिस तरीके से किया है, उससे यह साबित हो गया है कि वह इस क्षेत्र को लेकर गंभीर नहीं हैं। उनका यह कहना कि दक्षिण बंगाल की तुलना मे यहां कम बारिश होती है तथा नुकसान भी कम होता है। यह तर्क संगत नहीं है। दक्षिण बंगाल की तुलना में उत्तर बंगाल के लोग कम समस्या का सामना करते हैं,यह कथन भी सही नहीं है। उक्त बातें दार्जिलिंग के सांसद व भाजपा नेता राजू बिष्ट ने कही है। उन्होंने कहा कि 14 सितंबर से 20 अक्टूबर के बीच दार्जिलिंग-कालिम्पोंग क्षेत्र में 1198 मिमी बारिश हुई है, जबकि कोलकाता के जिलों में 235 मिमी और हावड़ा में 361, दक्षिण बंगाल के बाकी हिस्सों के लिए आकड़े भी कुछ इसी तरह के हैं। ऐसे में वह कैसे दावा से साथ कह सकती हैं कि दक्षिण बंगाल की तुलना में उत्तर बंगाल में बारिश कम होती है।

उन्होंने आगे कहा कि दार्जिलिंग को हरा-भरा और पर्यावरण के अनुकूल रखने की आवश्यकता पर मुख्यमंत्री ने कर्सियांग की अपनी बैठक में एक लंबा व्याख्यान दिया, लेकिन जब कभी इस क्षेत्र में पीने के पानी की कमी का मुद्दा उठाया जाता है तो उनका सुझाव बोतल बंद पानी के संयंत्र स्थापित करने को लेकर होता है। जबकि हम सब को पता है कि प्लास्टिक के बोतल प्रदूषण के मुख्य स्त्रोतों में से एक है। बोतलबंद पानी संयंत्र स्थापित करना इस क्षेत्र में गंभीर पेयजल समस्या का समाधान नहीं है। इसके बजाय, उन्हें केंद्र सरकार द्वारा पहाड़ के लिए अमृत मिशन के तहत पेयजल पाइपलाइन की स्थापना के लिए भेजे गए 204 करोड़ रुपये की स्थिति की जाच करनी चाहिए। उस फंड का उचित उपयोग सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के 11 साल के शासन में स्थानीय गोरखा, आदिवासी, राजवंशी, राभा, टोटो, कोच, मेच, बंगाली और अन्य समुदायों के बीच भेदभाव व उन्हें नुकसान ही हुआ है।

मुख्यमंत्री ने बंगाल के दायरे में रहते हुए दार्जिलिंग समस्या का स्थायी राजनीतिक समाधान निकालने की बात कही है। लेकिन इसमें भी भ्रम की स्थिति है। उन्होंने कहा कि मेरा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अनुरोध है कि भारत के संविधान के तहत इस क्षेत्र के लोगों के लिए स्थायी राजनीतिक समाधान निकालने के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करें। यहां लोगों की आकाक्षाओं को पूरा करें और उनका सम्मान करें।

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