मोहब्बत गली उत्सव कमेटी ने कराया रावण दहन

संस्कृति व परंपरा को जीवंत रखने के लिए हर वर्ष करेंगे रावण दहन2 साल से रावण दहन कर रहे

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 07:31 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 07:31 PM (IST)
मोहब्बत गली उत्सव कमेटी ने कराया रावण दहन
मोहब्बत गली उत्सव कमेटी ने कराया रावण दहन

संस्कृति व परंपरा को जीवंत रखने के लिए हर वर्ष करेंगे रावण दहन,2 साल से रावण दहन कर रहे

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संवाद सूत्र,दार्जिलिंग: यहां पिछले कई वर्ष से पार्वती भोजपुरी युवा मंच द्वारा रावण दहन का कार्यक्रम किया जाता था परंतु विगत 2 साल से कोविड-महामारी के कारण आयोजन नहीं हुआ। इस वर्ष मोहब्बत गली उत्सव समिति के सदस्यों द्वारा परंपरा को जीवित रखने के लिए रावण दहन किया गया। उत्सव समिति के सदस्य ने बताया कि यह परम्परा को जीवित रखने के लिए हमने यह निर्णय लिया है। पर्वतीय भोजपुरी युवा मंच को छोटे रूप में ही सही परंतु आयोजन करना चाहिए था लेकिन वह नहीं कर रहे हैं अंत में हमें यह करना पड़ रहा है पिछले 2 साल से हम रावण दहन कर रहे हैं अब हर साल रावण का दहन करेंगे जिससे हमारी संस्कृति और परंपरा को बचाया जा सके आज के समय में हमारे आने वाले बच्चे सिर्फ मोबाइल में रहते हैं । यदि हमने उन्हें इन सभी चीजों से अवगत नहीं कराया तो यह परंपरा विलुप्त हो जाएगा इसलिए हमारा यह कर्तव्य है कि अपने परंपरा और संस्कृति को बचाने के लिए आगे आए । इस विषय में अनेक लोगों ने अपने-अपने प्रतिक्त्रिया व्यक्ति की ।

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चित्र परिचय: उत्सव कमेटी के सौजन्य से किया गया रावण दहन

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संस्कृति व परंपरा को जीवंत रखने के लिए हर वर्ष करेंगे रावण दहन,2 साल से रावण दहन कर रहे

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संवाद सूत्र,दार्जिलिंग: यहां पिछले कई वर्ष से पार्वती भोजपुरी युवा मंच द्वारा रावण दहन का कार्यक्रम किया जाता था परंतु विगत 2 साल से कोविड-महामारी के कारण आयोजन नहीं हुआ। इस वर्ष मोहब्बत गली उत्सव समिति के सदस्यों द्वारा परंपरा को जीवित रखने के लिए रावण दहन किया गया। उत्सव समिति के सदस्य ने बताया कि यह परम्परा को जीवित रखने के लिए हमने यह निर्णय लिया है। पर्वतीय भोजपुरी युवा मंच को छोटे रूप में ही सही परंतु आयोजन करना चाहिए था लेकिन वह नहीं कर रहे हैं अंत में हमें यह करना पड़ रहा है पिछले 2 साल से हम रावण दहन कर रहे हैं अब हर साल रावण का दहन करेंगे जिससे हमारी संस्कृति और परंपरा को बचाया जा सके आज के समय में हमारे आने वाले बच्चे सिर्फ मोबाइल में रहते हैं । यदि हमने उन्हें इन सभी चीजों से अवगत नहीं कराया तो यह परंपरा विलुप्त हो जाएगा इसलिए हमारा यह कर्तव्य है कि अपने परंपरा और संस्कृति को बचाने के लिए आगे आए । इस विषय में अनेक लोगों ने अपने-अपने प्रतिक्त्रिया व्यक्ति की ।

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