दार्जिलिंग और मालदा जिला हॉट स्पॉट

-औसतन 11 फीसदी मरीज हो रहे हैं संक्रमित -जिला स्वास्थ्य अधिकारियों ने की आपात बैठक -मेि

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 10:33 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 10:33 PM (IST)
दार्जिलिंग और मालदा जिला हॉट स्पॉट
दार्जिलिंग और मालदा जिला हॉट स्पॉट

-औसतन 11 फीसदी मरीज हो रहे हैं संक्रमित

-जिला स्वास्थ्य अधिकारियों ने की आपात बैठक

-मेडिकल कॉलेज में बढ़ेगी बेडों की संख्या जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : कोरोना का दूसरा चरण चिंताजनक है। अप्रैल महीने की शुरुआत से सिलीगुड़ी और आस-पास के इलाके में कोरोना वायरस काफी तेज के साथ बढ़ रहा है। प्राप्त आंकड़ो के मुताबिक कोरोना संक्रमण के औसतन सौ से अधिक मामले प्रतिदिन सामने आ रहे हैं। कोरोना की रफ्तार देखकर उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है। साथ ही कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए बीते वर्ष बनाए गए सेफ हाउस का ताला फिर से खोलने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही कोरोना से बचाव के लिए सबसे महत्वपूर्ण मास्क का उपयोग नहीं करते पाए जाने पर आर्थिक दंड के प्रावधान को सख्ती से लागू किया जा रहा है।

पूरे देश के साथ सिलीगुड़ी समेत पूरे उत्तर बंगाल में कोरोना वायरस काफी तेज रफ्तार के साथ लोगों को संक्रमित कर रहा है। उत्तर बंगाल का मालदा और दार्जिलिंग जिला कोरोना का हॉट स्पॉट बन गया है। एक से 17 अप्रैल के बीच मालदा जिले में कोरोना के 2 हजार 300 नए मामले और दार्जिलिंग जिले में 1 हजार 174 नए मामले सामने आए हैं। इसके अलावा जलपाईगुड़ी में 733, उत्तर दिनाजपुर में 698, दक्षिण दिनाजपुर में 322, कूचबिहार में 245, अलीपुरद्वार में 130 और कालिम्पोंग जिले में 88 नए मामले सामने आए हैं। कोरोना संक्रमण की रफ्तार के मद्देनजर सोमवार को उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल प्रबंधन के साथ स्वास्थ विभाग की एक विशेष बैठक हुई। इस बैठक में उत्तर बंगाल के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियुक्त विशेष अधिकारी (ओएसडी) डॉ. सुशांत कुमार राय, दार्जिलिंग जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी प्रलय आचार्य, मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक व अन्य उपस्थित थे।

बैठक के बाद ओएसडी डॉ. सुशांत कुमार राय ने बताया कि उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के वीआरडीएल लैब में रोजाना चौदह सौ से अधिक लोगों के स्वैब की जांच की जा रही है। जिसमें से 11 प्रतिशत औसतन कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती और ओपीडी में आने वाले मरीजों का रैपिड एंटीजेन टेस्ट (रैट) कराया जा रहा है। कोरोना संक्रमित मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या के रफ्तार को ध्यान में रखते हुए मेडिकल कॉलेज में हाई डिपेंडेंसी यूनिट (एचडीयू) तैयार किया जा रहा है। मेडिकल कॉलेज के चार वार्ड को मिलाकर 96 बेड का एचडीयू तैयार किया जा रहा है। एचडीयू के लिए सभी आवश्यक उपकरण मौजूद हैं, सिर्फ मानव संसाधन की अपेक्षा है। इसके लिए राज्य सरकार से आवेदन किया गया है। अगले सात दिनों में एचडीयू चालू करने की संभावना है। एचडीयू में कोरोना संक्रमित क्रिटिकल मरीजों का इलाज किया जाएगा। यहां बताते चलें कि एचडीयू के तैयार होने से उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए कुल बेड की संख्या 206 हो जाएगी। फिलहाल कोविड ब्लॉक में 110 बेड हैं। हालांकि पिछली बार की भांति इस बार किसी निजी अस्पताल को अधिग्रहण करने को लेकर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है। ऑक्सीजन बचाने की कवायद तेज कोरोना के इस दूसरे चरण में देश के कई हिस्सों में संक्रमित मरीजों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि ऑक्सीजन सिलेंडर का अकाल सा पड़ गया है। स्थिति को ध्यान में रखते हुए उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल ने ऑक्सीजन बचाने की कवायद शुरु कर दी है। इस संबंध में ओएसडी डॉ. सुशांत कुमार राय ने बताया कि चार से पांच लीटर की आवश्यकता वाले मरीज के लिए ऑक्सीजन कॉनसनट्रेटर का उपयोग शुरु कर दिया गया है। ताकि ऑक्सीजन सिलेंडर को बचाया जा सके। हालांकि फिलहाल उत्तर बंगाल में ऑक्सीजन सिलेंडर पर्याप्त हैं। देना होगा जुर्माना

तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण पर प्रकाश डालते हुए डॉ. सुशांत कुमार राय ने कहा कि दो गज दूरी, मास्क और सैनिटाइजर जो कि कोरोना से बचाव के तीन मुख्य घटक हैं, उसका सख्ती से पालन नहीं किया जा रहा है। जिसकी वजह से कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है। पिछली बार राज्य सरकार ने मास्क का उपयोग नहीं करने वालों पर पांच सौ रुपए आर्थिक दंड का प्रावधान किया था। इसे फिर से सख्ती से लागू किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने जिला व स्थानीय प्रशासन से मास्क का उपयोग नहीं करने वाले लोगों पर आर्थिक जुर्माने को सख्ती से लागू करने की अपील की है।

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