मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे का कोई अता-पता नहीं

-किशनगंज के दो लोगों का नाम आया सामने -एसटीएफ की छापेमारी से पहले ही हुए फरार -न्याि

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 07:58 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 07:58 PM (IST)
मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे का कोई अता-पता नहीं
मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे का कोई अता-पता नहीं

-किशनगंज के दो लोगों का नाम आया सामने

-एसटीएफ की छापेमारी से पहले ही हुए फरार

-न्यायिक हिरासत में भेजी गई आरोपित महिला

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : मादक तस्करी के लिए पत्नी द्वारा गिरवी रखे मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे का अभी तक कोई पता नहीं चला है। पश्चिम बंगाल पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) सिलीगुड़ी पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे मोहम्मद इस्लाउद्दीन के साथ गिरवी रखने वाले मादक पदार्थ तस्करों की तलाश में जुटी हई है। हांलाकि एसटीएफ के आने की भनक लगते ही ये तस्कर पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र को लेकर फरार हो गए हैं।

यहां बताते चलें कि एसटीएफ ने न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन पर असम से दिल्ली की ओर जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन मे तलाशी अभियान चलाकर करीब चार किलोग्राम ब्राउन शुगर बरामद किया था। मादक तस्करी के आरोप मे एसटीएफ ने उसी कोच से एक महिला समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। इनके नाम लालिजान बेगम (55), मोहम्मद आजाद खान (47) और बसेईमायूम यासीन (19) हैं। आरोपितों मे शामिल महिला लालीजान बेगम वर्ष 1972 से 74 के बीच मणिपुर के मुख्यमंत्री रहे मोहम्मद अलीमुद्दीन के बेटे मोहम्मद इस्लाउद्दीन की पत्नी बताई गई है। एसटीएफ की मानें तो लालीजान अपने पति के साथ मणिपुर के थौबल जिला अंतर्गत लीलोंग थाना क्षेत्र के आहनबी कालीइखोंग ब्रिज के निकट तूरेल हाओरेबी इलाके मे रहती है। राज्य के शीर्ष पर रहने वाले राजनीतिक घराने की बहू होने के बाद भी लालीजान पिछले लंबे समय से मादक तस्करी में लिप्त थी। इस बार भी चार किलो ब्राउन शुगर लेकर किशनगंज जा रही थी। लेकिन गंतव्य से बस एक स्टेशन पहले एनजेपी में वह एसटीएफ के हत्थे चढ़ गई। तस्करों ने लालीजान को मादक पदार्थ के लिए 50 लाख रुपए एडवांस में दिए थे। उसके साथ ही मादक पदार्थ मुहैया कराने तक जमानत के तौर पर उसके पति यानी मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे को अपने पास रख लिया था। सूत्रों की मानें तो किशनगंज के सोनार पंट्टी इलाके में मादक पदार्थ पहुंचाया जाना था। इसी इलाके के दो लोगों राजू और भीम का नाम सामने आया है, जिसने मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे को जमानत के तौर पर बंधक बनाया था।

तस्करी में गिरवी रखना एक प्रक्रिया

कहते हैं गलत काम बड़ी ही इमानदारी से किया जाता है। एसटीएफ सूत्रों की माने तो मादक पदार्थ तस्करी कारोबार में गिरवी रखना बस एक प्रक्रिया मात्र है। मादक पदार्थ की कीमत तस्कर गिरोह को पहले ही बता देना होता है। तस्कर धोखाधड़ी न कर सकें इसलिए रकम के समानांतर किसी व्यक्ति या वस्तु को बंधक रखा जाता है। मादक पदार्थ की डिलीवरी होते ही बंधक रखी गई वस्तु या व्यक्ति को रिहा कर दिया जाता है। क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी

एसटीएफ के डीएसपी (उत्तर बंगाल) सुदीप भट्टाचार्य ने बताया कि रिमाड कि मियाद समाप्त होते ही लालिजान समेत तीनों को अदालत ने न्यायिक हिरासत मे भेज दिया है। किशनगंज के मादक पदार्थ तस्कर समेत लालिजान के पति मोहम्मद इस्लाउद्दीन को पकड़ने के लिए किशनगंज मे भी छापेमारी कि गई, लेकिन वे सभी फरार हो चुके हैं। एसटीएफ उनकी तलाश की हर संभव कोशिश कर रही है।

chat bot
आपका साथी