महानंदा चकाचक, साहू नदी की हालत पतली

-नगर निगम की ओर से की गई थी साफ-सफाई की व्यवस्था -पहले दिन ही तीन से अधिक प्रतिमाओं का विसर्जन जाग

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 10:29 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 10:29 PM (IST)
महानंदा चकाचक, साहू नदी की हालत पतली
महानंदा चकाचक, साहू नदी की हालत पतली

-नगर निगम की ओर से की गई थी साफ-सफाई की व्यवस्था

-पहले दिन ही तीन से अधिक प्रतिमाओं का विसर्जन जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: दुर्गा पूजा के बाद अब देवी दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन जारी है। पहले दिन शुक्रवार को सिलीगुड़ी शहर के सर्वप्रमुख महानंदा नदी के लालमोहन मौलिक निरंजन घाट पर 285 प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ। वहीं, पास ही महानंदा नदी में ही चंपासारी स्थित पार्वती घाट पर 36 प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ। इसके साथ ही शनिवार को भी विसर्जन का सिलसिला जारी रहा। सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस के निर्देशानुसार विसर्जन के लिए तीन दिन तय किए गए हैं। उसमें 15 व 16 अक्टूबर, दो दिन गुजर चुके हैं। अब तीसरे व अंतिम दिन 17 अक्टूबर रविवार को भी कुछ घरेलू पूजा की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा।

इधर, विसर्जन के दौरान महानंदा नदी की स्वच्छता को लेकर सिलीगुड़ी नगर निगम की ओर से उल्लेखनीय प्रयास किया गया। हर एक प्रतिमा के विसर्जन के साथ ही साथ प्रतिमा के लकड़ियों के ढाचे और अन्य पूजन सामग्रियों को तुरंत नदी से निकाला गया। इसके लिए नगर निगम के कर्मी महानंदा नदी के लालमोहन मौलिक निरंजन घाट व पार्वती घाट पर पूरी सक्त्रियता के साथ मुस्तैद रहे। किस प्रकार की थी व्यवस्था

शहर के एयर व्यू मोड़ के निकट जुड़वा महानंदा ब्रिज के नीचे महानंदा नदी के लालमोहन मौलिक निरंजन घाट पर विसर्जन की भीड़ कम करने के लिए नगर निगम की ओर से इस बार चंपासारी के पार्वती घाट पर भी विसर्जन की व्यवस्था की गई थी। इसके बावजूद लालमोहन मौलिक निरंजन घाट पर जबरदस्त भीड़ उमड़ी। शाम से शुरू हुआ विसर्जन का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। इस दौरान नगर निगम की ओर से बैरिकेड, लाइट, कचरा संग्रह, साफ-सफाई, पेयजल, व उद्घोषणा आदि की विशेष व्यवस्था की गई थी।वहीं, प्रतिमा विसर्जन के साथ ही साथ उसके ढाचे व अन्य पूजन सामग्री को नदी से निकाल कर एकत्रित करने के लिए भी नगर निगम के कर्मी पूरी सक्त्रियता के साथ मुस्तैद रहे। इस प्रकार विसर्जन के साथ ही साथ नदी की सफाई भी होती रही। कुल मिला कर नदी स्वच्छ रखी गई। साहू नदी को कोई देखने वाला नहीं

मगर, दूसरी ओर विडंबना भरी स्थिति यह रही कि डाबग्राम अंतर्गत बैकुंठपुर वन क्षेत्र स्थित साहू नदी का बुरा हाल हो गया। वहा सैकड़ों प्रतिमाएं विसर्जित की गईं। पर, नदी की कोई साफ-सफाई नहीं की गई। इस वजह से अभी भी वहा प्रतिमाओं के ढाचा व अन्य पूजन सामग्रियों के अंबार से नदी का प्रवाह अवरुद्ध हो कर रह गया है। वहीं, नदी में काफी अंबार जमा हो गया है। इस पर पर्यावरण प्रेमियों ने गहरी चिंता व्यक्त की है व जिम्मेदार ग्राम पंचायत एवं राजगंज प्रखंड प्रशासन से अविलंब नदी की सफाई करवाए जाने की माग की है।

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