लोकतंत्र की बार-बार हत्या में पाकिस्तान मशहूर :भाजपा
-देश में मोदी के आने के बाद लोकतंत्र को मिली है मजबूती जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी बंग
-देश में मोदी के आने के बाद लोकतंत्र को मिली है मजबूती
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : बंगाल चुनाव में कई राजनीतिक पार्टियां के साथ पड़ोसी राष्ट्र पाकिस्तान भी भारत में लोकतंत्र की हत्या की बात करते है। उन्हें यह याद रखना चाहिए कि पाकिस्तान लोकतंत्र की हत्या में पाकिस्तान सर्वोपरि माना जाता है। मोदी के शासन में आने से लोकतंत्र मजबूत और अल्पसंख्यक सुरक्षित हुआ है। यह कहना है भाजपा के प्रदेश अलसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष अली हुसैन का। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान पाकिस्तान का जिक्र बार-बार आया है। पड़ोसी राष्ट्र पाकिस्तान में फौजी जनरलों द्वारा तख्ता पलट करने का इतिहास है। जनरल जियाउल हक हो या जनरल परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान में लोकतंत्र की हत्या होती रही है। 1953 की बात करें तो यह पहला तख्ता पलट था।1958 में पाकिस्तान के प्रथम राष्ट्रपति मेजर जनरल सिकंदर मिर्जा ने संविधान सभा को बर्खास्त कर करते हुए प्रधानमंत्री फिरोज खान नून को अपने पद से हटा दिया था। 4 जुलाई 1977 की आधी रात को जनरल जियाउल हक ने प्रधानमंत्री जुल्फीकार भुट्टो को गिरफ्तार कर तख्तापलट किया था। 1988 में जिलाउल हक का एक विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गया। उसके बाद 1999 में पाकिस्तान के लोकतंत्र को सेना प्रमुख ने तख्ता पलट किया। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को गिरफ्तार किया गया। लोकतंत्र यहां हमेशा मुश्किलों में रहा है। इसकी तुलना भारत से करना इसका अपमान है। चुनी हुई सरकार को हटाने की परंपरा भारतीय कांग्रेस की रही जिसे लोकतंत्र के लिए काला अध्याय माना जाता है। भारत के लोकतंत्र से किसी भी देश को सबक लेना चाहिए जहां दिखाया जाता है पक्ष और विपक्ष का आपसी तालमेल। यहां लोकतांत्रिक व्यवस्था की देन है कि कोई भी उठाए गिरा प्रधानमंत्री तक की त्यागपत्र की मांग करने लगते है। उनपर कोई कार्रवाई नहीं होती क्योंकि यहां लोकतंत्र जिंदा है। परेशानी तब होती है जब ऐसे लोग एक जाति या वर्ग के लिए दोहरे मापदंड अपनाते है। भाजपा ऐसे लोगों का सिर्फ पाकिस्तान के लोकतंत्र हत्या की कुछ तस्वीर दिखाकर उन्हें आइना दिखाने की कोशिश की है। उसके बाद भी लोग नहीं सचेत हो तो उसका खुदा ही मालिक।