अरे भाई दुकान बंद कर नहीं तो पुलिस आ जाएगी

- हर ओर लॉकडाउन का सख्ती से पालन -विभिन्न स्थानों से दर्जन भर से अधिक गिरफ्तार - वाहनों की

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 09:05 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 09:05 PM (IST)
अरे भाई दुकान बंद कर नहीं तो पुलिस आ जाएगी
अरे भाई दुकान बंद कर नहीं तो पुलिस आ जाएगी

- हर ओर लॉकडाउन का सख्ती से पालन

-विभिन्न स्थानों से दर्जन भर से अधिक गिरफ्तार

- वाहनों की भी लगातार हो रही है चेकिंग जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: लॉकडाउन के प्रति जागरूकता कम और पुलिस का खौफ यहा के लोगों में ज्यादा दिखाई दे रहा है। विधान मार्केट, सेठ श्री लाल मार्केट, महावीर स्थान, टिकिया पारा, नया बाजार आदि क्षेत्रों में अचानक ग्राहकों की भीड़ में दुकानदारों की आवाज आने लगती है। अरे भाई दुकान बंद कर नहीं तो पुलिस आ जाएगी। ग्राहक दुकानदार से सामान की माग करते ही रहते हैं पर दुकानदार कहता है भाई साहब आप के कारण हमको जेल नहीं जाना है। पिछले 2 दिनों की तरह मंगलवार को भी शहर के प्रमुख मार्गो पर पुलिस की ओर से लगातार गश्त और वाहनों की चेकिंग की जा रही थी। आने जाने वालों को यह पूछा जा रहा था कि वह किस काम से वाहन का इस्तेमाल कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण की महामारी की रोकथाम की दिशा में पश्चिम बंगाल राज्य सरकार के आदेश के तहत रविवार से 30 मई तक सुबह 10:00 बजे से लॉक-डाउन शुरू हो गया। घोषणा के मद्देनजर रात्रि 9:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक पूर्ण रूप से रात्रि क‌र्फ्यू जारी किया गया है। 10:00 बजे से पहले चहल-पहल और उसके बाद

शहर व आसपास में सन्नाटा पसरने लगा। एक-एक कर धड़ाधड़ दुकानों, प्रतिष्ठानों व संस्थानों के शटर गिरने लगे। सड़कों पर वाहनों की आवाजाही नजरों से ओझल होने लगी। तीसरे दिन भी लॉकडाउन तोड़ने के आरोप में पुलिस ने विभिन्न स्थानों से दर्जन भर से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। हर ओर पुलिस-प्रशासन ने भी कमर कस कर मोर्चा संभाल लिया। कुछेक जगह पर जो भी इक्का-दुक्का चाय-पान की दुकानें खुली नजर आईं उसे पुलिस बल ने तुरंत बंद करवाया। वहीं, सड़कों पर आते-जाते इक्का-दुक्का वाहन वालों एवं आम राहगीरों को भी पुलिस ने यथाशीघ्र अपने-अपने घर पकड़ लेने को कहा। इस दौरान प्रशासन की ओर से जगह-जगह माइकिंग कर भी लॉकडाउन की घोषणा कर लोगों से इसे प्रभावी बनाने की अपील करते देखा गया। कहा गया कि, सभी के सभी अपने-अपने घर पर ही रहें। अत्यंत आवश्यक कार्य के अलावा घरों से कदापि न निकलें। आपात सेवाओं को छोड़ बाकी सभी दुकान-प्रतिष्ठान, संस्थान सब बंद रखें। किसी भी परिस्थिति में सार्वजनिक जगहों पर सात लोगों से अधिक का जमावड़ा प्रतिबंधित है। इन आदेशों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध आईपीसी की धारा-188 (45-1860) के तहत कानूनी कार्रवई हो सकती है। उसके तहत छह महीने की कैद या 1000 रुपये जुर्माना या फिर दोनों सजा का प्रावधान है। उल्लेखनीय है कि अत्यंत आवश्यक व बेहतर कदम उठाते हुए ही पश्चिम बंगाल राज्य सरकार ने राज्य के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्ण सुरक्षा प्रतिबंध का आदेश दिया है। राज्य के मुख्य सचिव की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि ऊपरोक्त तिथि तक बस, टैक्सी, ऑटो रिक्शा समेत किसी भी पब्लिक ट्रासपोर्ट को आवाजाही की अनुमति नहीं होगी। केवल आपात सेवा वाले वाहनों को ही आवाजाही की छूट रहेगी। हरेक दुकान, प्रतिष्ठान व संस्थान, कार्यालय, कारखाने, फैक्टरी, वर्कशॉप, गोदाम आदि सब बंद रहेंगे।

दुकानदारों को आ रही है परेशानी

सुबह 7:00 बजे से दुकान खोलने को लेकर ज्यादातर दुकानदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दुकानदारों का कहना है कि वे शहर से 8 से 10 किलोमीटर दूर रहते हैं। ट्रासपोर्ट व्यवस्था भी पूरी तरह ठप है। उनके आते आते 8:00 से 8:30 का समय हो जाता है और जब तक दुकान खोलें और कुछ ही घटों को सामान देते हैं कि दुकानें बंद करने का समय आ जाता है। इससे वे अपना व्यापार कर ही नहीं पाते। जबकि दुकानदारों को कर्मचारी को आने जाने के लिए अतिरिक्त पैसा देना पड़ रहा है। कई दुकानदार तो दुकान ही नहीं खोल रहे हैं। उनका कहना है कि दुकान खोल कर कोई फायदा नहीं है। लॉकडाउन की अवधि में सामान लाने के लिए और ट्रासपोर्ट वाले भी ज्यादा किराया माग रहे हैं ऐसे में महंगे दाम पर सामान बेचने से दुकानदार के साथ ग्राहकों की तू तू मैं मैं आम बात हो गई है।

मिठाई दुकानों में भी गिरा रहता है शटर

लॉकडाउन के कारण मिठाई दुकान खोलने का समय भी निर्धारित कर दिया गया है। ऐसे में दुकान के कारीगर पलायन कर गए हैं। बचे हुए कुछ कारीगरों के बल पर काम चल रहा है। लेकिन कोई खास लाभ नहीं हो रहा है। क्योंकि दुकान खोलने के बाद भी ग्राहक नहीं मिलते हैं। सुबह नाश्ते के लिए मिठाई की दुकान खुलती है और उसके बाद शटर गिरा दिया जाता है।

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