रजिस्ट्रेशन समाजसेवा के लिए और काम मार्केट बनाने का

-पानीटंकी मार्केट डेवलपमेंट कमेटी ने तमाम शर्तो को किया दरकिनार -धांधली सामने आने के

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Jul 2020 08:52 PM (IST) Updated:Thu, 16 Jul 2020 08:52 PM (IST)
रजिस्ट्रेशन समाजसेवा के लिए और काम मार्केट बनाने का
रजिस्ट्रेशन समाजसेवा के लिए और काम मार्केट बनाने का

-पानीटंकी मार्केट डेवलपमेंट कमेटी ने तमाम शर्तो को किया दरकिनार

-धांधली सामने आने के बाद अब सरकार कर सकती है कार्रवाई

-दुकानदारों के रुपये डूबने की संभावना

200 करोड़ की उगाही का खेल-9 जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : उद्देश्य और विषय-वस्तु को दर किनार कर पानीटंकी मार्केट डेवलपमेंट कमेटी ने सरकार से भेस्ट जमीन लीज पर लेकर दुकानदारों को बेची। इसके साथ ही किराये के नाम पर प्रति वर्ष करोड़ों रुपये की उगाही जारी है। लेकिन धांधली का कच्चा चिट्ठा खुलने के बाद सरकार कार्रवाई करने का मन बना रही है। सरकार डीड ऑफ लीज रद्द कर सकती है। ऐसी स्थिति में लाखों रुपये देने वाले दुकानदारों का भविष्य अंधकारमय है।

दस्तावेजों के अनुसार पश्चिम बंगाल सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट-1961 के तहत जुलाई 2004 में पंजीकृत पानीटंकी मार्केट डेवलपमेंट कमेटी, जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर एस/1एल/22972 है का उद्देश्य और विषय-वस्तु उसके कृत्य के ठीक विपरीत है। सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन के मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन में दर्ज उद्देश्य और विषय-वस्तु के अनुसार यह एक गैर सरकारी संगठन है। धारा एम और एन को काट कर संस्था को रजिस्टर्ड करने वाले रजिस्ट्रार ने साफ कर दिया कि पानीटंकी मार्केट डेवलपमेंट कमेटी किसी भी प्रकार का उपहार, अनुदान, दान, अंशदान और किसी भी प्रकार के फंड का संग्रह नहीं कर सकती है। किसी भी प्रकार की चल या अचल संपत्ति की खरीद-बिक्री, लीज पर लेन-देन पर भी रोक है। पानीटंकी मार्केट डेवलपमेंट कमेटी का उद्देश्य और विषय-वस्तु मात्र सदस्यों के बीच समन्वय बना कर रखना, असामाजिक तत्वों से सदस्यों के हितों की रक्षा, आने वाली हर बाधा से सदस्यों की रक्षा व समस्या समाधान करना। साथ ही किसी भी सदस्य का बीमारी, दुर्घटना, मृत्यु और शादी जैसे कार्यक्रम में यथासंभव सहायता करना है। इसके अलावा समाज हित में शौचालय बनाना, पेयजल की व्यवस्था करना आदि कार्य करने की इजाजत है। इसके साथ ही स्वतंत्रता सेनानियों और देश के महापुरुषों की जन्म व पुण्यतिथि के साथ राष्ट्रीय दिवस गणतंत्र और स्वतंत्रता दिवस और धार्मिक कार्यक्रमों के जरिए समाज और सदस्यों में अनुशासन और कर्तब्यों का बोध कराने की दिशा में कार्य करना भी शामिल है। जबकि पानीटंकी मार्केट डेवलपमेंट कमेटी ने इन उद्देश्यों और विषय-वस्तु को किनारे रखकर सिर्फ अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत बनाने की दिशा में कार्य किया है। राज्य और केंद्र सरकार को करोड़ो रुपये के राजस्व का नुकसान कराने के साथ-साथ सिर्फ काला धन उगाही की दिशा में इस संस्था ने काम किया है।

पानीटंकी मार्केट डेवलपमेंट कमेटी को जून 2010 में सरकार ने तीस वर्षो के लिए 6.66 एकड़ जमीन डीड ऑफ लीज संख्या आई-294 के तहत दी है। इस डीड ऑफ लीज के रुल्स व रेगुलेशन के अनुच्छेद 15 में सरकार ने साफ तौर पर कहा कि संस्था उक्त जमीन या उसका टुकड़ा भी किसी को लीज, किराया या बिक्री कदाचित नहीं कर सकती है। सरकार ने साफ-साफ कहा है कि नियमों का उल्लंघन पाये जाने पर, व्यक्ति विशेष या किसी अन्य सरकारी और गैर सरकारी माध्यम से शिकायत मिलने पर इस डीड ऑफ लीज को रद्द कर दिया जाएगा। ऐसी स्थिति में लाखों रुपये देकर दुकान की जमीन संस्था से मात्र 10 रुपये के स्टाम्प पेपर पर लिखवाकर लेने वाले दुकानदारों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। कैसे दी गई जमीन की लीज

यहां बताते चलें कि पश्चिम बंगाल भूमि व भूमि सुधार विभाग द्वारा दिसंबर 2005 को जारी निर्देशिका संख्या 4403/एलआर/3एम-135/05/जीई(एम) के अनुसार उक्त 6.66 एकड़ सरकारी भेस्ट जमीन गंडगोल मौजा के आरएस प्लॉट नंबर 5,10,15,16,17,18 और 19 में दर्ज जमीन का वाणिज्यिक कार्य के कन्वर्सन जिला भूमि व भूमि सुधार अधिकारी (डीएलएलआरओ) से कराया जाना था। जमीन एक एकड़ से ज्यादा है।

पानीटंकी मार्केट डेवलपमेंट कमेटी से सचिव राम कुमार छेत्री ने स्वयं बताया कि कन्वर्सन ब्लॉक भूमि व भूमि सुधार अधिकारी (बीएलएलआरओ) से कराया गया है। जबकि मात्र प्वाइंट 10 डिस्मिल जमीन का कन्वर्सन करने का अधिकार बीएलएलआरओ को है। उन्होंने आगे बताया कि किसी भी प्रकार की धांधली नहीं की जा रही है। सरकारी खजाने में जमा कराने के लिए किराये की रकम को दुकानदारों में बराबर बांट कर लिया जा रहा है। सरकार को राजस्व का कोई नुकसान नहीं हो रहा है।

chat bot
आपका साथी