मजदूरों की सिलीगुड़ी जंक्शन पर लगी भीड़
- बसों में बिहार और उत्तर प्रदेश जाने वाले लोग अधिक -लॉकडाउन की अवधि और बढ़ने की आशंक
- बसों में बिहार और उत्तर प्रदेश जाने वाले लोग अधिक
-लॉकडाउन की अवधि और बढ़ने की आशंका से सभी चिंतित जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : पश्चिम बंगाल में भी पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा होते ही पड़ोसी राज्यों के मजदूर अपने घरों के लिए रवाना हो गए। शनिवार की दोपहर से ही सिलीगुड़ी जंक्शन स्थित निजी बस स्टैंड पर मजदूरों की लंबी कतार देखने को मिली।
यहां बताते चलें कि कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए पश्चिम बंगाल राज्य सरकार ने भी लॉक डाउन का निर्णय ले लिया है। बल्कि 16 से 30 मई तक लॉकडाउन के लिए दिशा-निर्देश जारी भी कर दिया है। लॉकडाउन की नई दिशा-निर्देशों के तहत अंतरराज्य परिवहन पर भी सरकार ने पाबंदी लगा दी है। पड़ोसी राज्य बिहार और उत्तर प्रदेश जाने वाली बसों की आवाजाही बंद होने की खबर सुनते ही सिलीगुड़ी व आसपास इलाको में काम की वजह से रह रहे मजदूर अपने घर के लिए रवाना हुए। सिलीगुड़ी जंक्शन, सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट, नया बाजार गल्ला मंडी, परिवहन नगर, न्यू जलपाईगुड़ी ट्रक टíमनस और सिलीगुड़ी व आसपास स्थित गोदामों में काम करने वाले अधिकाश मजदूर बिहार और उत्तर प्रदेश से ताल्लुकात रखते हैं। लॉक डाउन तो 15 दिन के लिए सरकार ने घोषित किया लेकिन मजदूरों को बीते वर्ष का लॉकडाउन याद आ गया। बिहार जाने वाले मजदूर बलराम, पहलमान, राजीव व अन्य ने बताया कि कोरोना की वजह से काम लगभग ठप है। लॉकडाउन में काम नहीं ही होगा, बल्कि खाने-पीने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना होगा। फिलहाल तो लॉकडाउन 15 दिनों के लिए घोषित किया गया है। लेकिन इसकी मियाद कितने दिनों तक चलेगी,यह कह पाना मुश्किल है। इसलिए हम अपने घर लौट रहे हैं। ताकि संकट की इस घड़ी में हम अपने परिवार के साथ रह सकें।
लॉकडाउन की घोषणा के बाद बिहार और उत्तर प्रदेश जाने वाले यात्रियों की संख्या अचानक बढ़ गई। सिलीगुड़ी जंक्शन बस स्टैंड से मिली जानकारी के अनुसार शाम को अचानक यात्रियों की संख्या बढ़ गई कि सीट से अधिक यात्रियों को केबिन और कॉरिडोर में नीचे बिठाकर ले जाना पड़ा। बल्कि यात्री किसी भी हालत में अपने घर जाने को तत्पर हैं।