सिर चढ़कर बोल रहा है कोरोना का दहशत

रात भर कार में पड़ा रहा मरीज का शव -पड़ोसियों के साथ परिवार वालों ने भी मुंह मोड़ा - पुलिस क

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 07:49 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 07:49 PM (IST)
सिर चढ़कर बोल रहा है कोरोना का दहशत
सिर चढ़कर बोल रहा है कोरोना का दहशत

रात भर कार में पड़ा रहा मरीज का शव

-पड़ोसियों के साथ परिवार वालों ने भी मुंह मोड़ा

- पुलिस की मदद से मृतक का हुआ अंतिम संस्कार

जागरण संवाददाता,सिलीगुड़ी:पूरे देश के साथ-साथ सिलीगुड़ी शहर में भी कोरोना ने भारी तबाही मचाई है। हर दिन नए रोगियों की संख्या बढ़ रही है । साथ ही मौत का आकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है। जिसकी वजह से आम लोग दहशत में हैं। स्थिति यह हो गई है कि जिन मरीजों की मौत कोरोना वायरस नहीं हुई है, उसके अंतिम संस्कार में भी परेशानी आ रही है । कुछ इसी तरह का मामला सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस के अधीन शाति नगर के विनय मोड इलाके में देखने को मिला । रात भर घर के बाहर एक शव पड़ा रहा,लेकिन उसके अंतिम संस्कार की कोई व्यवस्था नहीं की गई। पास पड़ोस की बात तो छोड़ दें परिवार वालों ने भी बेरुखी दिखाई। अंत में पुलिस की मदद से शव का अंतिम संस्कार हुआ। जबकि उस मरीज की मौत कोरोना नहीं बल्कि हार्ट अटैक से हुई थी । पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मृतक का नाम सुब्रत कर बताया गया है। मंगलवार रात को उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में चिकित्सा के दौरान उसकी मौत हो गई थी। मंगलवार को ही शव को शाति नगर के विनय मोड़ स्थित पाइपलाइन इलाके में मृतक के घर पर कार से भेज दिया गया । लेकिन परिवार वालों ने शव को लेने से मना कर दिया। रात भर कार में ही शव पड़ा रहा। इस बीच बुधवार सुबह कार में पड़े शव को देखकर आसपास के इलाके में खलबली मच गई । तुरंत ही इसकी जानकारी आशिघर पुलिस पोस्ट को दी गई । खबर मिलते ही पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची एवं परिवार वालों से बातचीत की। मृतक के परिवार में पत्नी और एक बच्चा है। पुलिस ने परिवार वालों के साथ साथ मृतक के पड़ोसियों से भी अंतिम संस्कार कराने का अनुरोध किया। लेकिन कोरोना के डर के मारे कोई भी मृतक के अंतिम संस्कार के लिए आगे नहीं आया। आखिरकार पुलिस ने स्थिति संभाली । हालाकि पुलिस ने परिवार वालों एवं पड़ोसियों को यह यह समझाने की कोशिश की कि यह कोरोना का मामला नहीं है । मरीज की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई है ।परिवार वाले और पड़ोस के लोग अंतिम संस्कार करवा सकते हैं । लेकिन पुलिस की बात सुनने के लिए कोई भी तैयार नहीं था। आखिरकार एक स्वयंसेवी संगठन की मदद से मृतक का अंतिम संस्कार किया गया।

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