खुल गए स्कूल, खिल गए चेहरे!

-11 महीने बाद शिक्षा का मंदिर फिर से गुलजार -गुरू और शिष्य दोनों हुए भाव-विभोर -कोरोना प्रोटोकॉ

By JagranEdited By: Publish:Fri, 12 Feb 2021 07:47 PM (IST) Updated:Fri, 12 Feb 2021 07:47 PM (IST)
खुल गए स्कूल, खिल गए चेहरे!
खुल गए स्कूल, खिल गए चेहरे!

-11 महीने बाद शिक्षा का मंदिर फिर से गुलजार

-गुरू और शिष्य दोनों हुए भाव-विभोर

-कोरोना प्रोटोकॉल का कड़ाई से हुआ पालन पढ़ाई शुरू

-हड़ताल के कारण विद्यार्थियों की उपस्थिति कम

-नौवीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए पूरक कक्षाएं होंगी आयोजित जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : कोरोना महामारी की चपेट में 11 महीने से भी अधिक समय से बंद रहे सारे स्कूल राज्य सरकार के निर्देश के आलोक में अ‌र्द्ध-रूप में शुक्रवार 12 फरवरी से खुल गए। इसी दिन वामपंथियों की ओर से हड़ताल भी आहूत की गई थी। उसके मद्देनजर स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति बहुत कम रही। प्राइवेट स्कूलों में विद्यार्थियों की आमद नाम मात्र की ही हुई। वहीं, सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति कुछ-कुछ रही। उल्लेखनीय है कि आगामी मार्च, अप्रैल व मई महीनों में बोर्ड परीक्षाओं के मद्देनजर राज्य सरकार ने स्कूलों को नौवीं से 12वीं के विद्यार्थियों के लिए पूरक कक्षाएं आयोजित करने की अनुमति दी है। उसी के मद्देनजर अद्ध-रूप में स्कूल खुले हैं ताकि बोर्ड परीक्षार्थियों को आवश्यक प्रायोगिक परीक्षा की तैयारी कराई जा सके। इसके साथ ही विभिन्न विषयों से संबंधित विद्यार्थियों की शंकाओं का भी समाधान किया जा सके।

एक लंबे अर्से के बाद स्कूल खुलने पर आमने-सामने अपने सहपाठियों व शिक्षकों को देख व उनसे मिल कर व बातचीत कर पाने के इस सुंदर मौके पर अनेक विद्यार्थी भावविभोर नजर आए। अपने गुरुओं के चरण में झुक कर आशीर्वाद लेने, स्कूल के प्रवेश द्वार व कक्षा के द्वार को प्रणाम करने, दोस्तों संग मीठी-मीठी मुस्कान बांटने के नजारों से स्कूल परिसर एक अलग ही भाव भरे माहौल वाला नजर आया। इस दिन अनेक अभिभावक भी अपने विद्यार्थियों को छोड़ने खुद स्कूल आए हुए थे। उन्होंने भी स्कूल खुलने पर खूब खुशी व्यक्त की है।

सुरक्षा का रखा गया ख्याल

शहर व आसपास के स्कूल अ‌र्द्ध-रूप में खुल तो गए हैं लेकिन सरकारी निर्देशों के मद्देनजर कोरोना सुरक्षा के उपाय अपनाए जाने अनिवार्य हैं। उसी के तहत स्कूलों में बिना मास्क के विद्यार्थियों को प्रवेश की अनुमति नहीं थी। वहीं, स्कूल के प्रवेश द्वार पर हरेक विद्यार्थी का थर्मोमीटर से शारीरिक तापमान माप कर उसे प्रवेश की अनुमति थी। इस दौरान विभिन्न स्कूलों में हैंड सैनिटाइजर की भी व्यवस्था की गई थी। इसके साथ ही कक्षाओं में सुरक्षित शारीरिक दूरी का अनुपालन करते हुए ही विद्यार्थियों को बेंच-डेस्क पर बिठाने की व्यवस्था की गई थी।

विद्यार्थी रहे गद-गद

इतने दिनों बाद, इस दिन स्कूल खुलने पर विद्यार्थी गद-गद नजर आए। एक छात्रा सुमना चक्रवर्ती ने कहा कि एक लंबे अर्से के बाद स्कूल में आना अच्छा लग रहा है। इतने दिनों तक, लगभग साल भर घर पर रह कर हम लोग पूरी तरह ऊब चुके थे। वैसे ऑनलाईन कक्षाएं तो चल रही थीं लेकिन सब कुछ ऑलाईन ही हो पाना संभव नहीं है। विशेष कर प्रायोगिक विषयों के शिक्षाध्ययन में बहुत सी दिक्कतें हो रही थीं। वहीं, एक छात्र ऋतब्रत साहा ने कहा कि स्कूल खुलने से हमारी बोर्ड परीक्षा की चिंता एकदम दूर हो गई है। अब हम प्रायोगिक विषय का भी कुछ अध्ययन कर पाएंगे जो कि बोर्ड परीक्षा के लिए बहुत मददगार होगा। कई अभिभावकों ने भी हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त की।

शिक्षकों ने भी जताई खुशी

इस दिन स्कूलों में शिक्षक भी बहुत जोश में नजर आए। उनमें भी कइयों ने कहा कि बहुत दिनों से हम शिक्षक-विद्यार्थी स्कूल खुलने की बाट जोह रहे थे। अ‌र्द्ध-रूप में ही सही लेकिन अब हमारी आशा पूरी हुई। सिलीगुड़ी ग‌र्ल्स हाईस्कूल की प्रधानाध्यापिका अत्तुघ्या बाग्ची ने कहा कि एक लंबे अर्से बाद स्कूल खुलने से हम बहुत उत्साहित हैं। हमें बहुत ही बहुत खुशी है। यह विद्यार्थियों विशेष कर बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए बहुत ही राहत भरी बात है।

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