जागरुकता ही कैंसर का सही बचाव

जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी दुनिया में कैंसर पीड़ितों की मौत होने का सिलसिला आज भी बरकरार

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 12:49 PM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 12:49 PM (IST)
जागरुकता ही कैंसर का सही बचाव
जागरुकता ही कैंसर का सही बचाव

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : दुनिया में कैंसर पीड़ितों की मौत होने का सिलसिला आज भी बरकरार है। भारत में प्रत्येक वर्ष सात लाख नए लोग कैंसर से पीड़ित होते हैं। इसमें अधिकतर रोगियों की मौत हो जाती है। अधिकाश लोगों में कैंसर की बीमारी तंबाकू सेवन, धूम्रपान व शराब का सेवन करने से बढ़ती है। इसको रोकने के लिए अब तक जो भी प्रयास किया गया वह नाकाफी साबित हुआ है। वायॅस ऑफ टोबेको विक्टिमस (वीओटीवी) पश्चिमी बंगाल के प्रभारी एंव हैड नेक कैंसर रोग विशेषज्ञ डा.सौरव दता ने बताया कि दिनचर्या में सुधार व खान-पान पर ध्यान देकर कैंसर को काफी हद तक दूर किया जा सकता है। तंबाकू का सेवन व धूम्रपान करने से प्रतिवर्ष लाखों लोग कैंसर से पीड़ित हो रहे हैं। इससे फेफड़ा, मुंह, नाक, पेट, गर्भाशय में कैंसर होता है। जबकि शराब का सेवन करने से अग्नाशय, जिगर, मस्तिष्क और बढ़े रक्तचाप को नुकसान पहुंचता है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि इसमें 40 प्रतिशत मरीजों की उम्र 15 से 35 वर्ष के बीच की होती है। इनकी संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। जबकि 35 प्रतिशत मरीज 60 वर्ष से ऊपर के पाए गए हैं। शेष मरीजों की उम्र 36 से 59 वर्ष के बीच की है। वरिष्ठ कैंसर रोग विशेषज्ञ बताते हैं कि कैंसर छुआछूत की बीमारी नहीं है लेकिन इनफेक्शन जैसे हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी और एड्स, कैंसर का कारण बन जाता है।

आकड़े भयावह, भविष्य और भी डरावना

इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के अनुसार सन 2020 में 14.5 लाख नए रोगी पाए गए जिनकी संख्या सन 2021 में 17.3 लाख पहुंच जाएगी। लगभग आठ लाख लोगों की मौत कैंसर से हुई है। करीब 30-40 प्रतिशत तक कैंसर तंबाकू सेवन से होता है।

इसका करें परहेज

-प्रदूषित पानी न पिएं।

-धूम्रपान, शराब व तंबाकू का सेवन न करें।

-लाल मास का सेवन न करें।

-वसा युक्त खाद्य पदार्थ से बचें।

-बासी व अधिक समय से कटे फल का सेवन न करें।

कैंसर से ऐसे करें बचाव

-स्वच्छ आहार का सेवन करें।

-नियमित व्यायाम काफी आवश्यक है।

-वजन को नियंत्रित रखें।

-मौसमी फल व हरी सब्जियों का सेवन करें।

-समय-समय पर चिकित्सकों से परीक्षण कराते रहें।

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