जयेष्ठ पूíणमा पर किया गया दान-पुण्य

जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी जयेष्ठ पूíणमा के अवसर पर श्रद्धालुओं के द्वारा बढ़-चढ़कर दान किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 09:09 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 09:09 PM (IST)
जयेष्ठ पूíणमा पर किया गया दान-पुण्य
जयेष्ठ पूíणमा पर किया गया दान-पुण्य

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : जयेष्ठ पूíणमा के अवसर पर श्रद्धालुओं के द्वारा बढ़-चढ़कर दान किया गया। इस पूíणमा का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि ज्येष्ठ  माह में पड़ने वाली इस  पूíणमा  का खास  महत्व  है। मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसी कड़ी के तहत श्रद्धालुओं के द्वारा स्थानीय नदियों के तट पर डुबकी लगाई गई। वही कई श्रद्धालुओं के द्वारा गंगाजल को पानी में डालकर स्नान किया गया। इस दिन व्रत और दान से पितरों का आशीर्वाद मिलता है। ऐसे में श्रद्धालुओं के द्वारा पितृ को याद किया गया और उनकी आत्मा को शाति मिले इसके लिए प्रार्थना की गई। बढ़-चढ़कर दान भी किया गया। इस दिन विशेष रूप से भगवान शकर और विष्णु की पूजा कर सुख शाति की कामना की गई। वहीं महिलाओं के द्वारा बट सावित्री का पूजन भी किया गया। कहीं-कहीं पर जूस इत्यादि का वितरण भी किया गया। वहीं जरूरतमंदों को भोजन कराया गया। -------------- जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : जयेष्ठ पूíणमा के अवसर पर श्रद्धालुओं के द्वारा बढ़-चढ़कर दान किया गया। इस पूíणमा का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि ज्येष्ठ  माह में पड़ने वाली इस  पूíणमा  का खास  महत्व  है। मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसी कड़ी के तहत श्रद्धालुओं के द्वारा स्थानीय नदियों के तट पर डुबकी लगाई गई। वही कई श्रद्धालुओं के द्वारा गंगाजल को पानी में डालकर स्नान किया गया। इस दिन व्रत और दान से पितरों का आशीर्वाद मिलता है। ऐसे में श्रद्धालुओं के द्वारा पितृ को याद किया गया और उनकी आत्मा को शाति मिले इसके लिए प्रार्थना की गई। बढ़-चढ़कर दान भी किया गया। इस दिन विशेष रूप से भगवान शकर और विष्णु की पूजा कर सुख शाति की कामना की गई। वहीं महिलाओं के द्वारा बट सावित्री का पूजन भी किया गया। कहीं-कहीं पर जूस इत्यादि का वितरण भी किया गया। वहीं जरूरतमंदों को भोजन कराया गया।

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