षष्ठी के दिन जमाई राजा की जमकर खातिरदारी

-मंदिरों में रही भीड़ जमकर हुई खातिरदारी जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी बंगाली समाज में बुधवार क

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 07:42 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 09:04 PM (IST)
षष्ठी के दिन जमाई राजा की जमकर खातिरदारी
षष्ठी के दिन जमाई राजा की जमकर खातिरदारी

-मंदिरों में जाकर परिवार के लोगों ने की पूजा अर्चना

-बेटी और दामाद की लंबी उम्र की कामना की गई

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी:

बंगाली समाज में बुधवार को दामाद का दिन यानि जमाई षष्ठी मनाया गया। यह पर्व कोरोना महामारी पर भारी पड़ा। इस दिन ससुराल में जमाई बाबू की जमकर खातिरदारी की गई। सुबह से ही लोग परिवार समेत मंदिर पहुंचे तथा बेटी और दामाद की लंबी उम्र की कामना की। उसके बाद पूरे परिवार मिलकर दूरदराज से आए दामाद के साथ रिश्तेदारों की जमकर खातिरदारी करने में लग गए। उनको शानदार खाना खिलाया गया और उपहार दिए गए।

बताते हैं कि बंगाली समाज में आज के दिन दमाद की लंबी उम्र के लिए सास व्रत रखकर पूजा करती है। बेटी का सुहाग सदा बना रहे इस कामना के साथ पूरे परिवार में शादी समारोह जैसा माहौल देखा गया। कोरोना काल के बाद भी दामाद अपनी गाड़ी लेकर ससुराल पहुंचे।

जमाई षष्ठी को लेकर सिलीगुड़ी तथा आसपास के बाजारों में बुधवार की सुबह भी लोग ख़रीददारी में व्यस्त दिखे। जमाई षष्ठी को लेकर मछली बाजार से लेकर फल और मिठाई के दामों में तेजी देखी गई। यह वाकई एक अनोखी परंपरा है और शायद यह भारत में ही संभव है। जहा हर रिश्ता पूजने लायक होता है और दामाद पूजन इसी को साबित करता है। आज कई परिवारों में क्षमता के अनुसार 21 प्रकार के फल ,कई प्रकार की मछलिया एवं छह प्रकार के मिष्ठान बनाए गए। दामाद के ससुराल पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। दामाद और बेटी के घर पहुंचने पर थाली में धान, दुर्बा और पांच प्रकार के फल रखकर सास ने पूजा की। धान और दुर्बा घास को माथे पर स्पर्श कराया गया। यह आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है। माथे पर दही से एक फोटा (तिलक) लगाया गया। इसके बाद पीला धागा (षष्ठी धागा) हाथ पर सास ने बांधी। वहीं, परिवार के सभी सदस्यों ने साथ मिलकर भोजन किया।

जमाई षष्ठी के दिन बंगाली समाज में हिलसा, रूई, कतला, झींगा मछली, मुर्गा, मटन, बिरयानी के साथ पाच प्रकार की भुजिया, खीर, दही, मूंग की दाल के साथ ही पाच प्रकार की मिठाई शामिल किया गया।

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